देहरादून: उत्तराखंड में भवन स्वामियों को ऑनलाइन सत्यापन कराने के बावजूद हजारों रुपए का चालान भुगतना पड़ सकता है. किरायेदारों के सत्यापन मामले में दूसरे राज्यों के रहने वालों को लेकर एनओसी अनिवार्य की गई है. ऐसे में यदि बाहरी राज्य के किरायेदार का आपने ऑनलाइन सत्यापन भी कराया है तो वो मान्य नहीं होगा.
उत्तराखंड में लाखों लोग अपनी रोजी-रोटी और शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उत्तराखंड पहुंचते हैं. इस दौरान ये लोग प्रदेश में किराए पर भवन लेकर अपने रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करते हैं. खास बात यह है कि इस दौरान उत्तराखंड के लोगों को भी भवन स्वामी के रूप में आय अर्जित होती है, लेकिन, अब कानून व्यवस्था को बेहतर रखने के लिए पुलिस विभाग की सख्ती भवन स्वामियों की जेब ढीली कर सकती है.
दरअसल, भवन स्वामी के रूप में अपने किराएदार का पुलिस सत्यापन करवाना जरूरी है. इस दौरान पुलिस ने ऑनलाइन सत्यापन की भी सुविधा दी है. जिसका इस्तेमाल हजारों भवन स्वामी करते हैं, लेकिन, अब पुलिस की सख्ती उत्तराखंड में भवन स्वामियों की मुसीबत बढ़ा सकती है. इसके तहत उत्तराखंड से बाहर के लोगों द्वारा भवन किराए पर लेने के दौरान उसका ऑनलाइन सत्यापन कराए जाने की बजाय मैन्युअल सत्यापन कराया जाना जरूरी होगा, यानी उत्तराखंड से बाहर के रहने वाले व्यक्ति को यदि भवन किराए पर दिया है और उसका ऑनलाइन सत्यापन भी करवाया गया है तो भी पुलिस निरीक्षण के दौरान ऐसे व्यक्ति को भवन किराए पर देने के लिए आपका ₹10000 का चालान काट सकती है.
देहरादून एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक उत्तराखंड से बाहर के निवासी द्वारा उत्तराखंड में भवन किराए पर लेने के दौरान अपने स्थाई निवास के थाने से एनओसी लेनी जरूरी होगी. इसमें संबंधित किराएदार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है इसको लेकर संबंधित थाना लिखित रूप में एनओसी जारी करेगा. इस एनओसी के आधार पर थाने में जाकर पुलिस सत्यापन करवाना होगा. इसके बाद ही भवन स्वामी पुलिस की कार्यवाही से बच सकते हैं. उत्तराखंड के निवासियों द्वारा भवन किराए पर लिए जाने में यह अनिवार्यता नहीं होगी. राज्य के लोगों द्वारा भवन किराए पर लिए जाने के दौरान भवन स्वामी का ऑनलाइन सत्यापन कराया जाना मान्य होगा.