रामनगर: देश की प्रसिद्ध आईएमपीसीएल कंपनी के ठेका श्रमिकों की कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में वसूली कर जमा 1.12 करोड़ रुपए की धनराशि श्रमिकों को वितरित किए जाने की मांग ने जोर पकड़ा है. अल्मोड़ा जिले में स्थित सरकारी आयुर्वेदिक दवा कारखाना आईएमपीसीएल का विनिवेश रद्द किए जाने समेत कई मांगों को लेकर ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा ग्राम मोहान में बैठक का आयोजन किया गया.
बैठक में श्रमिकों ने कहा कि हम पिछले 13 सालों से भ्रष्टाचार के खिलाफ और नियमित रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस दौरान केंद्र और उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की सरकारें शासन कर चुकी हैं. परंतु किसी सरकार ने भी हम श्रमिकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया. श्रमिकों ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं. श्रमिक व जन विरोधी नीतियों को लागू करने में एक हैं. अतः आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने आने वाले भाजपा व कांग्रेस के नेताओं से श्रमिकों द्वारा पिछले 13 वर्षों के कागज दिखाकर जबाब मांगा जाएगा. श्रमिकों ने कहा कि वो हमारे आक्रोश व विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहें.
समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा ने कहा कि वे श्रमिकों के पीएफ के बकाया 1.12 करोड़ रुपए के भुगतान, आईएमपीसीएल का विनिवेश रद्द किए जाने तथा श्रमिकों को नियमित व स्थायी काम को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तथा उत्तराखंड के पांचों सांसदों को पत्र भेज चुके हैं. परंतु सभी ने श्रमिकों की उपेक्षा की है. उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा ने कारखाना गेट पर आयोजित मजदूर किसान पंचायत में आश्वासन दिया था कि कांग्रेस इस मामले को लोकसभा व विधानसभा में उठाएगी, परंतु कांग्रेस ने भी अपना वादा पूरा नहीं किया.
समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि देश में युवाओं के समक्ष रोजगार का संकट गहराता जा रहा है. देश के संविधान में संशोधन करके सभी देशवासियों को सम्मानजनक रोजगार की कानूनी गारंटी प्रदान की जानी चाहिए तथा आईएमपीसीएल मोहान का विनिवेश रद्द किया जाना चाहिए. बैठक में श्रमिकों को पिछले 13 वर्षों से जारी आंदोलन व कानूनी कार्रवाई की जानकारी दी गई. आईएमपीसीएल प्रबंधन द्वारा श्रमिकों के पीएफ फार्म 19 सत्यापित नहीं किये जाने व पीएफ राशि के भुगतान हेतु मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायतें दर्ज करने का निर्णय लिया गया. बैठक में चुकम, तड़म, कुनखेत, मोहान, सुंदरखाल, रामनगर व काशीपुर से बड़ी संख्या में श्रमिक शामिल हुए.
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