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Jharkhand Election 2024: निरंजन राय का भाजपा में जाना कितना डालेगा धनवार सीट पर असर, बाबूलाल रहेंगे सेफ या जनादेश होगा अलग! - JHARKHAND VIDHAN SABHA CHUNAV 2024

Niranjan Rai joins BJP. धनवार विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय के भाजपा में शामिल होने के बाद तरह-तरह की चर्चा हो रही है.

Niranjan Rai Joins BJP
भाजपा के मंच पर गृहमंत्री अमित शाह के साथ निरंजन राय. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 17, 2024, 4:28 PM IST

गिरिडीहः झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में धनवार विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी और निर्दलीय प्रत्याशी रहे निरंजन राय की चर्चा खूब रही. निरंजन के मैदान में आने से राजनीति दलों के अलावा राजनीति मामलों के विशेषज्ञ नफा-नुकसान का आकलन करने में जुटे रहे. नॉमिनेशन की तारीख 28 अक्तूबर से लेकर 15 नवंबर की देर रात तक लोग इसी बात का आकलन करने में जुटे रहे कि निरंजन कितना असरदार रहेंगे. बाबूलाल, राजकुमार या निजामुद्दीन को कितना फायदा या नुकसान होगा.

धनवार में भूमिहार निर्णायक भूमिका में

चूंकि धनवार विधानसभा क्षेत्र में भूमिहार समाज काफी मजबूत है. इस सीट पर भूमिहार जाति से आनेवाले भाजपा के वर्तमान में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय के अलावा कांग्रेस के तिलकधारी प्रसाद सिंह, हरिहरनारायण प्रभाकर, पुनित राय विधायक निर्वाचित भी हुए. बाबूलाल मरांडी के नजदीकी रहे निरंजन राय भी इसी जाति से आते हैं और इनकी पकड़ दूसरी जातियों में भी रही है. ऐसे में निरंजन ने जैसे ही चुनाव लड़ने की घोषणा की तो कई लोग इसे सीधे तौर पर भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी के तौर पर भी देखने लगे. स्थिति भी यही बन चुकी थी. धीरे-धीरे निरंजन मजबूत होते गए तो भाजपा की चिंता भी बढ़ने लगी थी.

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते धनवार सीट से निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय. (वीडियो-ईटीवी भारत)

निशिकांत को मिला था मनाने का जिम्मा

हालांकि इस बीच बीजेपी आलाकमान हर हाल में निरंजन राय को मनाने की कोशिश करता रहा. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई. निशिकांत पहले 26 अक्टूबर को निरंजन के घर पिपलो पहुंचे थे लेकिन बात नहीं बनी. फिर नामांकन प्रक्रिया और प्रचार का दौर शुरू हुआ.

प्रचार अंतिम चरण पर जब पहुंचा तो भाजपा के नेता निरंजन को मनाने ने सफल रहे. गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष निरंजन राय भाजपा में शामिल हो गए. अब निरंजन के भाजपा की सदस्यता लेने और बाबूलाल मरांडी को मदद करने की घोषणा करने के बाद भाजपा यहां खुद को सेफ जोन में मान रही है. भाजपा के नेता यह कह भी रहे हैं. खुद बाबूलाल मरांडी ने इतना कहा है कि यहां से जीत तो तय थी लेकिन सभी अपनों को साथ में ले आना सुखद है.

क्या कहते हैं माले उम्मीदवार राजकुमार

दूसरी तरफ धनवार सीट पर भाकपा माले के उम्मीदवार राजकुमार यादव कहते हैं कि निरंजन राय भाजपा की ही बी टीम के सदस्य थे. अब जब वे भारतीय जनता पार्टी की गोद में चले गए हैं तो यहां पर भाकपा माले और भी मजबूत हो गई है. इनका दावा है कि जो वोटर भाजपा से नाराज थे और निरंजन के साथ थे अब वे माले के साथ जुड़ रहे हैं. भाकपा माले जनता के साथ खड़ी रहती है तो चुनाव में जनता भाकपा माले के साथ खड़ी दिख रही है.

बड़ा अवसर खो दिया: जेएमएम

जेएमएम के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा की निरंजन राय न तो उनकी पार्टी के समर्थक हैं और न ही झामुमो के वोटर हैं. ऐसे में उनके भाजपा में जाने से झामुमो पर कोई असर नहीं पड़ेगा. संजय कुमार ने कहा कि वैसे निरंजन राय को जनता का सेवा करने का मौका मिला था लेकिन इस अवसर को निरंजन खो चुके हैं. साथ ही कहा कि वैसे निरंजन राय प्रकरण लोकतंत्र पर धब्बा है.

क्या कहते हैं जानकार

इसी तरह राजनीतिक मामले के जानकार पत्रकार सूरज सिन्हा का कहना है कि निरंजन राय के भाजपा में शामिल होने से निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा होगा.

ये भी पढ़ें-

निरंजन राय के बीजेपी में शामिल होने पर झामुमो ने दी प्रतिक्रिया, कहा- डरा धमका कर पार्टी में कराया गया शामिल

Jharkhand Election 2024: गृह मंत्री के सामने भाजपा में शामिल होंगे निरंजन, निशिकांत बने ड्राइवर! क्या बोले बाबूलाल मरांडी

धनवार के निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन के घर पहुंचे हिमंता बिस्वा सरमा, की बैठक

गिरिडीहः झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में धनवार विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी और निर्दलीय प्रत्याशी रहे निरंजन राय की चर्चा खूब रही. निरंजन के मैदान में आने से राजनीति दलों के अलावा राजनीति मामलों के विशेषज्ञ नफा-नुकसान का आकलन करने में जुटे रहे. नॉमिनेशन की तारीख 28 अक्तूबर से लेकर 15 नवंबर की देर रात तक लोग इसी बात का आकलन करने में जुटे रहे कि निरंजन कितना असरदार रहेंगे. बाबूलाल, राजकुमार या निजामुद्दीन को कितना फायदा या नुकसान होगा.

धनवार में भूमिहार निर्णायक भूमिका में

चूंकि धनवार विधानसभा क्षेत्र में भूमिहार समाज काफी मजबूत है. इस सीट पर भूमिहार जाति से आनेवाले भाजपा के वर्तमान में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय के अलावा कांग्रेस के तिलकधारी प्रसाद सिंह, हरिहरनारायण प्रभाकर, पुनित राय विधायक निर्वाचित भी हुए. बाबूलाल मरांडी के नजदीकी रहे निरंजन राय भी इसी जाति से आते हैं और इनकी पकड़ दूसरी जातियों में भी रही है. ऐसे में निरंजन ने जैसे ही चुनाव लड़ने की घोषणा की तो कई लोग इसे सीधे तौर पर भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी के तौर पर भी देखने लगे. स्थिति भी यही बन चुकी थी. धीरे-धीरे निरंजन मजबूत होते गए तो भाजपा की चिंता भी बढ़ने लगी थी.

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते धनवार सीट से निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय. (वीडियो-ईटीवी भारत)

निशिकांत को मिला था मनाने का जिम्मा

हालांकि इस बीच बीजेपी आलाकमान हर हाल में निरंजन राय को मनाने की कोशिश करता रहा. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई. निशिकांत पहले 26 अक्टूबर को निरंजन के घर पिपलो पहुंचे थे लेकिन बात नहीं बनी. फिर नामांकन प्रक्रिया और प्रचार का दौर शुरू हुआ.

प्रचार अंतिम चरण पर जब पहुंचा तो भाजपा के नेता निरंजन को मनाने ने सफल रहे. गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष निरंजन राय भाजपा में शामिल हो गए. अब निरंजन के भाजपा की सदस्यता लेने और बाबूलाल मरांडी को मदद करने की घोषणा करने के बाद भाजपा यहां खुद को सेफ जोन में मान रही है. भाजपा के नेता यह कह भी रहे हैं. खुद बाबूलाल मरांडी ने इतना कहा है कि यहां से जीत तो तय थी लेकिन सभी अपनों को साथ में ले आना सुखद है.

क्या कहते हैं माले उम्मीदवार राजकुमार

दूसरी तरफ धनवार सीट पर भाकपा माले के उम्मीदवार राजकुमार यादव कहते हैं कि निरंजन राय भाजपा की ही बी टीम के सदस्य थे. अब जब वे भारतीय जनता पार्टी की गोद में चले गए हैं तो यहां पर भाकपा माले और भी मजबूत हो गई है. इनका दावा है कि जो वोटर भाजपा से नाराज थे और निरंजन के साथ थे अब वे माले के साथ जुड़ रहे हैं. भाकपा माले जनता के साथ खड़ी रहती है तो चुनाव में जनता भाकपा माले के साथ खड़ी दिख रही है.

बड़ा अवसर खो दिया: जेएमएम

जेएमएम के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा की निरंजन राय न तो उनकी पार्टी के समर्थक हैं और न ही झामुमो के वोटर हैं. ऐसे में उनके भाजपा में जाने से झामुमो पर कोई असर नहीं पड़ेगा. संजय कुमार ने कहा कि वैसे निरंजन राय को जनता का सेवा करने का मौका मिला था लेकिन इस अवसर को निरंजन खो चुके हैं. साथ ही कहा कि वैसे निरंजन राय प्रकरण लोकतंत्र पर धब्बा है.

क्या कहते हैं जानकार

इसी तरह राजनीतिक मामले के जानकार पत्रकार सूरज सिन्हा का कहना है कि निरंजन राय के भाजपा में शामिल होने से निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा होगा.

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