बलिया : ट्रकों से पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली के मामले में सीएम के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई की गई है. एसपी बलिया देव रंजन वर्मा को योगी सरकार ने हटा दिया है. साथ ही एडिशनल एसपी का भी तबादला कर दिया गया है. इसी के साथ सीओ को सस्पेंड किया गया है. सीएम योगी ने सीओ, SHO नरही और चौकी प्रभारी काेरंटाडीह की सम्पत्ति के जांच के भी निर्देश दिए हैं.अब इस मामले की विजिलेंस करेगी. अवैध वसूली की शिकायत पर ADG और DIG की रेड के बाद कुल 18 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, इसमें दो पुलिसकर्मी शामिल हैं. वहीं कानपुर में भी एक अफसर का तबादला किया गया है.
अफसरों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित 3 सब इंस्पेक्टर, 3 हेड कांस्टेबल, 10 कांस्टेबल और एक चालक को निलम्बित किया था. छापेमारी के दौरान तीन पुलिसकर्मी भाग गए, जबकि 2 पुलिसकर्मी सहित 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया. निलंबित पुलिसकर्मियों के आवास को सील करते हुए सभी के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज किया गया है.
बाबा के राज-काज में रोज अजब-गजब खेल हो रहे हैं। अब देखिये बलिया में पुलिस ही पुलिस को पकड़ने का खेल-खेलने निकली है।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) July 25, 2024
खबर है कि क़ई पुलिसवाले गिरफ्तार हुए हैं और एक इंस्पेक्टर साहब कोतवाली की दीवार कूदकर फरार हो गए हैं।
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सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसपी बलिया देव रंजन वर्मा को हटा दिया गया है. उन्हें पुलिस मुख्यालय लखनऊ से अटैच कर दिया गया है. उनके स्थान पर विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस कप्तान बनाया है. इससे पहले वीर विक्रांत 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ में सेनानायक थे. इसी कड़ी में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी व 2012 बैच के आईपीएस अफसर विजय धूल को एसपी 112 बनाया गया है. उनके स्थान पर 2013 बैच के आईपीएस दिनेश त्रिपाठी को कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी बनाया गया है.
इसके अलावा एडिशनल एसपी को भी हटाया गया है. वहीं सीओ शुभ सूचित को निलंबित किया गया है. सीएम योगी ने सीओ, SHO नरही और चौकी प्रभारी काेरंटाडीह की सम्पत्ति के जांच के भी निर्देश दिए हैं. एसपी-एएसपी का तबादला करते हुए प्रतीक्षा में रखा गया है.
दरअसल, लखनऊ में डीजीपी प्रशांत कुमार को शिकायत मिली थी कि बिहार बॉर्डर पर बलिया पुलिस वसूली गैंग चला रही है. जिसके बाद एडीजी वाराणसी को रेड करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. रेकी करने पर एडीजी और डीआईजी आजमगढ़ को पता चला कि यूपी बिहार सीमा पर बक्सर, बिहार से बलिया में आने वाले ट्रकों से थाना नरही के भरौली तिराहा पर पुलिस कर्मियों द्वारा कुछ दलालों के माध्यम से अवैध वसूली करायी जा रही है. इसके बाद एडीजी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभव कृष्ण बुधवार रात करीब डेढ़ बजे पांच टीम के साथ भरौली तिराहे पर पहुंचे, जहां ट्रकों से पुलिसकर्मियों द्वारा की जा रही वसूली की सूचना सही पाई गई. मौके से एक आरक्षी हरदयाल सिंह गिरफ्तार हुआ और एक मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, दो आरक्षी दीपक मिश्रा और बलराम सिंह कुल तीन पुलिसकर्मी भाग गए. पुलिस कर्मियों द्वारा प्राइवेट व्यक्तियों को दलाल के रूप में प्रयुक्त कर वसूली की जा रही थी. 16 दलाल भी पकड़े गए.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि, दलालों का अपराध करने का तरीका यह था कि बक्सर से आने वाले ट्रकों से पूर्व से सुनियोजित ढंग से बात तय कर लेते थे कि कितने कितने बजे से कितने-कितने बजे तक यह ट्रक यूपी के थाना नरही क्षेत्र में से गुजरेंगे एवं बलिया में इन ट्रकों के प्रवेश करते ही प्रत्येक ट्रक से करीब 500 रुपये हर ट्रक से वसूला जाता था. एक रात्रि में ही अनुमानित 1000 ट्रक बक्सर से बलिया में प्रवेश करते थे. इस प्रकार एक रात्रि में ही इन संगठित गैंग के द्वारा अनुमानित 05 लाख रुपये का अवैध कारोबार फल-फूल रहा था. मौके पर गिरफ्तार दलालों से 37360 रुपये, 14 मोटरसाइकिल, 25 मोबाइल एवं 02 नोट बुक बरामद हुए हैं. इन दो नोट बुक में विगत रात्रि एवं उससे पूर्व के कई दिन एवं रात्रियों में पास कराये गये ट्रकों का विवरण अंकित है. अब इस विवरण के आधार पर इस संगठित गिरोह द्वारा किये जा रहे इस अवैध वसूली के नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा. जांच में पता चला कि दलाल गाड़ियों की संख्या गिनकर उसके हिसाब से पैसा थानाध्यक्ष नरही को देते थे.
किसके किसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई : थानाध्यक्ष नरही उपनिरिक्षक पन्नेलाल, चौकी प्रभारी कोरण्टाडीह राजेश कुमार प्रभाकर सहित कुल-07 पुलिसकर्मी (मुख्य आरक्षी हरिदयाल सिंह, मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, आरक्षी सतीश गुप्ता, आरक्षी दीपक मिश्रा, आरक्षी बलराम सिंह) एवं 16 दलालों के विरूद्ध मुकदमा लिखा गया है. मुकदमे में 02 पुलिसकर्मी आरक्षी हरिदयाल सिंह थाना नरही, आरक्षी सतीश गुप्ता चौकी कोरण्टाडीह और 16 दलाल गिरफ्तार किए गए. दोषी पाए जाने पर थानाध्यक्ष नरही पन्नेलाल को निलम्बित किया गया है.
ये निलंबित किए गए : चौकी प्रभारी कोरंटाडीह राजेश कुमार प्रभाकर को निलम्बित किया गया है और सम्पूर्ण कोरंटाडीह पुलिस चौकी के आठ पुलिस कर्मी, जिनमें चौकी प्रभारी के अतिरिक्त दो मुख्य आरक्षी-चन्द्रजीत यादव व औरंगजेब खॉ एवं पांच आरक्षी परविन्द यादव, सतीश चन्द्र गुप्ता, पंकज कुमार यादव, ज्ञानचन्द्र व धर्मवीर पटेल शामिल हैं, को भी निलम्बित किया गया है.
इसी के साथ थाना नरही के थाना प्रभारी के अलावा एक सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल विष्णु यादव, पांच आरक्षी-हरिदयाल सिंह, दीपक मिश्रा, बलराम सिंह, उदयवीर व प्रशान्त सिंह एवं 01 आरक्षी चालक ओम प्रकाश को निलम्बित किया गया है.
आवासों को किया गया सील : थाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरण्टाडीह एवं संलिप्त आरक्षियों के आवासों को सील कर दिया गया है, ताकि विवेचना के कम में अहम सर्च एवं सीजर में वसूली के धन से संबंधित कैश की भी जांच की जा सके.
कांग्रेस ने घेरा- 'पुलिस ही पुलिस को पकड़ रही, इंस्पेक्टर दीवार फांदकर फरार' : वहीं कांग्रेस ने इस घटना पर भाजपा सरकार को घेरा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है कि 'बाबा के राज-काज में रोज अजब-गजब खेल हो रहे हैं. अब देखिये बलिया में पुलिस ही पुलिस को पकड़ने का खेल-खेलने निकली है. खबर है कि क़ई पुलिसवाले गिरफ्तार हुए हैं और एक इंस्पेक्टर साहब कोतवाली की दीवार कूदकर फरार हो गए हैं. कितनी तगड़ी कानून व्यवस्था है ना! पुलिसवाले लूट कर रहे हैं, दीवार कूदकर फरार हो रहे हैं. बाबा के 'सु'शासन का इससे बेहतर सबूत क्या होगा! डबल इंजन द्वारा चलाई जा रही गाड़ी में क्या-क्या देखना पड़ रहा है यूपीवासियों को?