ETV Bharat / state

विधान परिषद में उठा था अवैध होर्डिंग का मुद्दा; नगर निगम ने कहा- प्रतिदिन होती है कार्रवाई, सब अवैध नहीं - ILLEGAL HOARDINGS IN LUCKNOW

बीजेपी एमएलसी ने सत्र के दौरान घरों की छत पर लगी होर्डिंग्स पर उठाए थे सवाल.

नगर निगम
नगर निगम (Photo credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 6 hours ago

लखनऊ : बीजेपी के एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने सत्र के दौरान विधान परिषद में शहर में स्थित घरों की छत पर लगी होर्डिंग्स पर सवाल उठाए. इन होर्डिंग्स को आम लोगों के लिए जानलेवा भी बताया गया. विधायक द्वारा इन होर्डिंग्स को अवैध बताये जाने पर नगर निगम ने साफ किया है कि प्रतिदिन कार्रवाई की जाती है, सब अवैध नहीं हैं. हम सभी से शुल्क वसूलते हैं. आइये समझते हैं कि बीते दिनों विधान परिषद में होर्डिंग्स को लेकर क्या सवाल उठा और इस पर नगर निगम क्या तर्क दे रहा है?

विधान परिषद में होर्डिंग्स को लेकर क्या उठे सवाल? : 16 दिसंबर 2024 को सत्र के दौरान सत्ताधारी दल बीजेपी के एमएलसी विजय बहादुर पाठक और एमएलसी दिनेश कुमार गोयल ने विधान परिषद में 110 के अंतर्गत लखनऊ में निजी घरों और अन्य बिल्डिंग की छतों पर लगी होर्डिंग्स पर चर्चा करने के लिए मांग की. विधायकों का तर्क था कि शहर खतरनाक होर्डिंग्स से भरा हुआ है. चौराहों से लेकर घरों की छत पर लगी होर्डिंग्स हादसों को दावत दे रही हैं. उनके मुताबिक, शहर में लगी अवैध होर्डिंग्स खुद तो करोड़ों कमा रही हैं, लेकिन नगर निगम को राजस्व नहीं दे रही हैं. विधायकों ने एक साल पहले पुणे और लालकुआं में होर्डिंग्स गिरने से हुए हादसों का भी उल्लेख किया है.

मुख्य कर अधिकारी अशोक सिंह ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)


टेंडर प्रक्रिया में शामिल होती हैं प्रचार एजेंसियां : नगर निगम के मुताबिक, प्रचार एजेंसियां होर्डिंग्स में डिस्प्ले लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया में शामिल होती हैं. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया होते हुए उन्हें स्थान आवंटित कर उनसे शुल्क वसूला जाता है. शुल्क जमा करवाने से पहले उनसे स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट यानी की मजबूती प्रमाण पत्र मांगा जाता है, जो इंजीनियर के द्वारा प्रमाणित होता है. यह तय करता है कि जिस बिल्डिंग में होर्डिंग्स लगनी है, वह और होर्डिंग कितनी मजबूत और नियमानुसार है.

उसी के बाद उसे डिस्प्ले करने की अनुमति दी जाती है. नगर निगम के मुताबिक, शहर में निजी घरों की छत पर 1190 होर्डिंग्स लगी हैं, जिन्होंने नगर निगम से परमिशन ली है. शहर में 306 यूनिपोल और 25 डिजिटल डिस्प्ले लगे हैं. शहर में 95 यूनिपोल, 328 होर्डिंग्स और 1670 पोल बोर्ड अवैध हैं, जिन्हे नगर निगम ने चिन्हित किया है. जिन्हें हटाया जा रहा है. सभी एजेंसियों द्वारा जमा किये गए स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट की भी जांच करवाई जा रही है.


मुख्य कर अधिकारी नगर निगम अशोक सिंह के मुताबिक, नगर निगम अवैध होर्डिंग्स को हटाने का काम करती है. वर्तमान में शहर में लगी सभी होर्डिंग अवैध नहीं हैं. नगर निगम हर होर्डिंग्स से फीस वसूलता है और उनकी मजबूती के लिए हर वर्ष स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट भी लिया जाता है. हां जो अवैध होती हैं उन पर कार्रवाई की गई है. हमने अवैध होर्डिंग्स, यूनिपोल चिन्हित भी किये हैं. उन्होंने कहा कि, आंधी तूफान में इक्का-दुक्का होर्डिंग्स गिरने की घटनाओं को देखते हुए शहर की सभी होर्डिंग्स को अवैध नहीं कहा जा सकता है. होर्डिंग्स से होने वाली आय से लोकल बॉडी चलती है. वैसे भी लोकल बॉडी की आय हर तरफ से कम की जा रही है, यदि होर्डिंग्स को अवैध बताकर इसे भी कम कर दिया जाएगा तो लोकल बॉडी कैसे चलेगी? हर वर्ष 9 करोड़ रुपए की होर्डिंग्स से वसूली होती है.



राजधानी में होर्डिंग्स से हुए बड़े हादसे : राजधानी में मई 2023 में हुसैनगंज इलाके के लालकुआं में स्थित एक जर्जर घर की छत पर होर्डिंग लगी हुई थी. नगर निगम ने उन्हें नोटिस दी थी, लेकिन वह हटी नहीं और आंधी में होर्डिंग्स बगल के एक घर पर गिर गई. इस हादसे में जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन वह घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. वहीं, जून 2023 में इकाना स्टेडियम के पास लगी एक यूनिपोल होर्डिंग अचानक नीचे खड़ी एक कार के ऊपर गिर गई थी. इस हादसे में कार में बैठी मां बेटी की मौत हो गई थी.

यह भी पढ़ें : इकाना स्टेडियम के पास कार पर गिरी होर्डिंग, मां-बेटी की मौत, चालक घायल - राजधानी में इकाना स्टेडियम

यह भी पढ़ें : Lucknow Nagar Nigam : अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे अफसर, अब एक्शन लेंगी मेयर - Nagar Nigam Lucknow

लखनऊ : बीजेपी के एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने सत्र के दौरान विधान परिषद में शहर में स्थित घरों की छत पर लगी होर्डिंग्स पर सवाल उठाए. इन होर्डिंग्स को आम लोगों के लिए जानलेवा भी बताया गया. विधायक द्वारा इन होर्डिंग्स को अवैध बताये जाने पर नगर निगम ने साफ किया है कि प्रतिदिन कार्रवाई की जाती है, सब अवैध नहीं हैं. हम सभी से शुल्क वसूलते हैं. आइये समझते हैं कि बीते दिनों विधान परिषद में होर्डिंग्स को लेकर क्या सवाल उठा और इस पर नगर निगम क्या तर्क दे रहा है?

विधान परिषद में होर्डिंग्स को लेकर क्या उठे सवाल? : 16 दिसंबर 2024 को सत्र के दौरान सत्ताधारी दल बीजेपी के एमएलसी विजय बहादुर पाठक और एमएलसी दिनेश कुमार गोयल ने विधान परिषद में 110 के अंतर्गत लखनऊ में निजी घरों और अन्य बिल्डिंग की छतों पर लगी होर्डिंग्स पर चर्चा करने के लिए मांग की. विधायकों का तर्क था कि शहर खतरनाक होर्डिंग्स से भरा हुआ है. चौराहों से लेकर घरों की छत पर लगी होर्डिंग्स हादसों को दावत दे रही हैं. उनके मुताबिक, शहर में लगी अवैध होर्डिंग्स खुद तो करोड़ों कमा रही हैं, लेकिन नगर निगम को राजस्व नहीं दे रही हैं. विधायकों ने एक साल पहले पुणे और लालकुआं में होर्डिंग्स गिरने से हुए हादसों का भी उल्लेख किया है.

मुख्य कर अधिकारी अशोक सिंह ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)


टेंडर प्रक्रिया में शामिल होती हैं प्रचार एजेंसियां : नगर निगम के मुताबिक, प्रचार एजेंसियां होर्डिंग्स में डिस्प्ले लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया में शामिल होती हैं. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया होते हुए उन्हें स्थान आवंटित कर उनसे शुल्क वसूला जाता है. शुल्क जमा करवाने से पहले उनसे स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट यानी की मजबूती प्रमाण पत्र मांगा जाता है, जो इंजीनियर के द्वारा प्रमाणित होता है. यह तय करता है कि जिस बिल्डिंग में होर्डिंग्स लगनी है, वह और होर्डिंग कितनी मजबूत और नियमानुसार है.

उसी के बाद उसे डिस्प्ले करने की अनुमति दी जाती है. नगर निगम के मुताबिक, शहर में निजी घरों की छत पर 1190 होर्डिंग्स लगी हैं, जिन्होंने नगर निगम से परमिशन ली है. शहर में 306 यूनिपोल और 25 डिजिटल डिस्प्ले लगे हैं. शहर में 95 यूनिपोल, 328 होर्डिंग्स और 1670 पोल बोर्ड अवैध हैं, जिन्हे नगर निगम ने चिन्हित किया है. जिन्हें हटाया जा रहा है. सभी एजेंसियों द्वारा जमा किये गए स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट की भी जांच करवाई जा रही है.


मुख्य कर अधिकारी नगर निगम अशोक सिंह के मुताबिक, नगर निगम अवैध होर्डिंग्स को हटाने का काम करती है. वर्तमान में शहर में लगी सभी होर्डिंग अवैध नहीं हैं. नगर निगम हर होर्डिंग्स से फीस वसूलता है और उनकी मजबूती के लिए हर वर्ष स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट भी लिया जाता है. हां जो अवैध होती हैं उन पर कार्रवाई की गई है. हमने अवैध होर्डिंग्स, यूनिपोल चिन्हित भी किये हैं. उन्होंने कहा कि, आंधी तूफान में इक्का-दुक्का होर्डिंग्स गिरने की घटनाओं को देखते हुए शहर की सभी होर्डिंग्स को अवैध नहीं कहा जा सकता है. होर्डिंग्स से होने वाली आय से लोकल बॉडी चलती है. वैसे भी लोकल बॉडी की आय हर तरफ से कम की जा रही है, यदि होर्डिंग्स को अवैध बताकर इसे भी कम कर दिया जाएगा तो लोकल बॉडी कैसे चलेगी? हर वर्ष 9 करोड़ रुपए की होर्डिंग्स से वसूली होती है.



राजधानी में होर्डिंग्स से हुए बड़े हादसे : राजधानी में मई 2023 में हुसैनगंज इलाके के लालकुआं में स्थित एक जर्जर घर की छत पर होर्डिंग लगी हुई थी. नगर निगम ने उन्हें नोटिस दी थी, लेकिन वह हटी नहीं और आंधी में होर्डिंग्स बगल के एक घर पर गिर गई. इस हादसे में जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन वह घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. वहीं, जून 2023 में इकाना स्टेडियम के पास लगी एक यूनिपोल होर्डिंग अचानक नीचे खड़ी एक कार के ऊपर गिर गई थी. इस हादसे में कार में बैठी मां बेटी की मौत हो गई थी.

यह भी पढ़ें : इकाना स्टेडियम के पास कार पर गिरी होर्डिंग, मां-बेटी की मौत, चालक घायल - राजधानी में इकाना स्टेडियम

यह भी पढ़ें : Lucknow Nagar Nigam : अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे अफसर, अब एक्शन लेंगी मेयर - Nagar Nigam Lucknow

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.