नई दिल्ली: हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है. इस खास मौके पर लोगों को लिवर रोगों के प्रति जागरूक किया जाता है. लिवर हमारे शरीर का अहम अंग है. लिवर ब्लड प्यूरीफाई करने के अलावा बॉडी में ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल रखने में अहम योगदान निभाता है. आजकल दौड़ भाग वाली जिंदगी में लोग अपने लिवर का ख्याल रखना भूल जाते हैं. जिसकी वजह से युवाओं में लिवर की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है.
दरअसल, दिल्ली के वसंत कुंज स्थित आईएलबीएस अस्पताल द्वारा आज वर्ल्ड लिवर डे पर हेल्दी लिवर हैप्पी लाइफ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर यकृत कुटुंबकम शीर्षक वाली ILBS वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन किया गया. रिपोर्ट में 2023 में ILBS की उपलब्धियों का वर्णन किया गया. कार्यक्रम में 30 से अधिक छात्रों को लिवर दिवस के उपलक्ष में संस्थान द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं और जागरुकता निर्माण गतिविधियों में भाग लेने के लिए पुरस्कृत किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर WHO रीजनल डायरेक्टर साउथ ईस्ट एशिया साइमा वाजेद ने शिरकत की. इस मौके पर नीति आयोग के मेंबर डॉ विनोद पॉल, एमिटी इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ अशोक चौहान और आईएलबीएस अस्पताल के डायरेक्टर डॉ शिव कुमार सरीन मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई. कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में लिवर समस्याओं के प्रति जागरुकता लाना था. कार्यक्रम में डॉक्टर सरीन ने बताया कि समग्र कल्याण सुनिश्चित करने के लिए लीवर के स्वास्थ को प्राथमिकता देनी चाहिए. क्योंकि यह शरीर के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है.
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डॉक्टर सरीन ने बताया कि देश में लिवर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. बदलती जीवन शैली की वजह से युवाओं में फैटी लिवर बीमारी पनपने की क्षमता भी बढ़ी है. अब तो हालत यह है कि स्कूली बच्चों में भी फैटी लिवर की समस्या देखी जा रही है. ऐसे में कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों में लिवर के प्रति जागरुकता फैलाई जाए. वहीं, भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद पॉल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार भारत में लिवर स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.