ETV Bharat / state

नोएडा: 3 साल में पूरी होगी IITGNL की 7500 करोड़ की लॉजिस्टिक हब परियोजना, 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार - Logistics Hub Project

Logistics Hub Project: दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से ग्रेटर नोएडा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है.

लॉजिस्टिक हब परियोजना को लेकर मीटिंग
लॉजिस्टिक हब परियोजना को लेकर मीटिंग (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 8, 2024, 10:39 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: आईआईटीजीएनएल की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) परियोजना अपने मूर्त रूप में आने की तरफ एक कदम और बढ़ गई है. परियोजना का विकास पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर किया जाएगा. इस परियोजना का टेंडर डॉक्युमेंट फाइनल करने के लिए गरुवार को बैठक हुई, जिसमें पब्लिक नोटिस के माध्यम से इच्छुक प्राइवेट पार्टनर्स को आमंत्रित किया गया. बैठक में देश के विभिन्न भागों से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कार्य करने वाली लगभग 15 कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस परियोजना को विकसित करने के लिए प्राइवेट डेवलपर के चयन के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट पर चर्चा के लिए उनके सुझाव मांगे हैं. इन सुझावों को टेंडर डॉक्यूमेंट में शामिल कर आईआईटीजीएनएल की बोर्ड के समक्ष अनुमोदित के लिए रखा जाएगा. बोर्ड से अनुमोदन लेकर टेंडर डॉक्यूमेंट को भारत सरकार के अनुमोदनार्थ भेजा जाएगा. वहीं, अनुमोदन के पश्चात इस साल के अंत तक इस परियोजना के विकासकर्ता का चयन करने के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी है.

डीएमआईसी की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजना 3 साल में पूरी होगी, 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
डीएमआईसी की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजना 3 साल में पूरी होगी, 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार (ETV BHARAT)

उद्योगों की जरूरत के लिए परियोजना बेहद अहम: दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से ग्रेटर नोएडा के दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है. मुंबई और गुजरात में स्थित कोर्ट पर वर्तमान में उद्योगों का माल जाने में चार से पांच दिन तक का समय लगता है. इसके शुरू होने के बाद माल एक दिन में वहां पहुंच सकेगा.

प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 50,000 लोगों को मिलेगा रोजगार: बता दें, इस परियोजना का विकास कार्य दो चरणों में होगा. बाहरी कार्यों को आईआईटीजीएनएल द्वारा पूरा किया जाएगा. जिसमें डीएफसीसी से रेल कनेक्टिविटी व आसपास के प्रमुख मार्गो से रोड कनेक्टिविटी आदि कार्य होंगे. वहीं, आंतरिक विकास कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी टेंडर प्राप्त काम करने वाली निजी कंपनी पर होगी. इसमें प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब 50,000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा.

नई दिल्ली/नोएडा: आईआईटीजीएनएल की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) परियोजना अपने मूर्त रूप में आने की तरफ एक कदम और बढ़ गई है. परियोजना का विकास पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर किया जाएगा. इस परियोजना का टेंडर डॉक्युमेंट फाइनल करने के लिए गरुवार को बैठक हुई, जिसमें पब्लिक नोटिस के माध्यम से इच्छुक प्राइवेट पार्टनर्स को आमंत्रित किया गया. बैठक में देश के विभिन्न भागों से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कार्य करने वाली लगभग 15 कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस परियोजना को विकसित करने के लिए प्राइवेट डेवलपर के चयन के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट पर चर्चा के लिए उनके सुझाव मांगे हैं. इन सुझावों को टेंडर डॉक्यूमेंट में शामिल कर आईआईटीजीएनएल की बोर्ड के समक्ष अनुमोदित के लिए रखा जाएगा. बोर्ड से अनुमोदन लेकर टेंडर डॉक्यूमेंट को भारत सरकार के अनुमोदनार्थ भेजा जाएगा. वहीं, अनुमोदन के पश्चात इस साल के अंत तक इस परियोजना के विकासकर्ता का चयन करने के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी है.

डीएमआईसी की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजना 3 साल में पूरी होगी, 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
डीएमआईसी की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजना 3 साल में पूरी होगी, 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार (ETV BHARAT)

उद्योगों की जरूरत के लिए परियोजना बेहद अहम: दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से ग्रेटर नोएडा के दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है. मुंबई और गुजरात में स्थित कोर्ट पर वर्तमान में उद्योगों का माल जाने में चार से पांच दिन तक का समय लगता है. इसके शुरू होने के बाद माल एक दिन में वहां पहुंच सकेगा.

प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 50,000 लोगों को मिलेगा रोजगार: बता दें, इस परियोजना का विकास कार्य दो चरणों में होगा. बाहरी कार्यों को आईआईटीजीएनएल द्वारा पूरा किया जाएगा. जिसमें डीएफसीसी से रेल कनेक्टिविटी व आसपास के प्रमुख मार्गो से रोड कनेक्टिविटी आदि कार्य होंगे. वहीं, आंतरिक विकास कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी टेंडर प्राप्त काम करने वाली निजी कंपनी पर होगी. इसमें प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब 50,000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.