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IIT जेई क्रैक किया, फीस न भर पाने से नहीं मिला एडमिशन; पढ़िए- मुजफ्फरनगर के दलित छात्र का झकझोर देने वाला संघर्ष - Petition for admission in IIT

मुजफ्फरनगर के अतुल को आईआईटी क्रैक करने के बाद भी दाखिला नहीं मिला. गरीब और दलित परिवार के अतुल समय पर फीस नहीं जमा कर सके थे. अब वह दाखिले के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.

आईआईटी क्रैक करने वाले अतुल का संघर्ष अभी जारी है.
आईआईटी क्रैक करने वाले अतुल का संघर्ष अभी जारी है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 4:44 PM IST

Updated : Sep 26, 2024, 9:42 PM IST

मुजफ्फरनगर: दलित और दिहाड़ी मजदूर के बेटे की IIT जेई क्रैक करने की खुशी पर तब ग्रहण लग गया जब वह निर्धारित समय सीमा पर शुल्क जमा नहीं कर पाया. मुजफ्फरनगर के टिटोरा गांव के अतुल कुमार को IIT धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लेना था. अतुल का कहना है कि स्वीकृति शुल्क के रूप में जो 17,500 रुपये उसे जमा करने थे, वह जुटाने में ही ही उसे देर हुई. किसी तरह पैसे का इंतजाम तो हो गया लेकिन सारी प्रक्रिया पूरी करते-करते समय निकल गया. दाखिला न मिलने पर अतुल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जहां बीते मंगलवार को उसकी याचिका पर सुनवाई हुई है.

सपने को पूरा करने के लिए लड़ रहे लड़ाई: 18 साल के अतुल कुमार का कहना है कि पिता और परिवार के लोगों ने किसी तरह शुल्क की राशि जुटा ली. लेकिन जमा करने की तय तारीख 24 जून की शाम 5 बजे तक रिसिप्ट और अन्य डाक्यूमेंट जमा नहीं हो पाए. अब उनकी सीट किसी और को दे दी गई है. अतुल के मुताबिक, उसने दाखिले के लिए झारझंड हाईकोर्ट का रुख किया. चूंकि परीक्षा मद्रास आईआईटी की ओर से आयोजित की गई थी, इसलिए मद्रास हाईकोर्ट में अपील के लिए कहा गया. मद्रास हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में याचिका के लिए कहा गया. इसके बाद अतुल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई. आग्रह किया कि कोर्ट उसके सपने को बचाने के लिए कदम उठाए.

जानकारी देते अतुल कुमार (Video Credit- ETV Bharat)

कोर्ट में मिला भरोसा: अतुल के मुताबिक मंगलवार को उसकी याचिका पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की है. इस दौरान कोर्ट ने सवाल उठाए कि 24 जून को समय सीमा समाप्त होने के बाद तीन महीने क्या कर रहे थे? इस पर अधिवक्ता की ओर से पक्ष रखा गया कि 24 जून की शाम 5 बजे तक 17,500 रुपये की व्यवस्था करना कठिन था. अतुल के मुताबिक, कोर्ट ने उन्हें भरोसा दिया है, जिसके बाद उनमें और उनके परिवार में उम्मीद जग गई है.

अतुल ने कहा- मुझे मेरी सीट चाहिए: ईटीवी से अतुल कुमार ने बताया कि उन्होंने उनका सिलेक्शन हो गया था. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह टाइम पर फीस जमा नहीं कर सके. उनकी सीट किसी और को दे दी गई. इसी को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दी है. अतुल कुमार के पिता राजेंद्र ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब है. वे टेलर का काम करते हैं. दिन में मजदूरी भी करते हैं. पूरे पैसे न होने के कारण समय पर फीस जमा नहीं कर पाए और पोर्टल शाम 5 बजे बंद हो गया. अतुल का कहना है कि मुझे एडमिशन मिलना चाहिए. मेरी सीट मुझे मिलनी चाहिए.

यह भी पढ़ें : जयंत चौधरी के मंच पर भिड़े योगी सरकार के मंत्री अनिल कुमार और कपिल देव अग्रवाल, जानें फिर क्या हुआ - Tension in Yogi Ministers

मुजफ्फरनगर: दलित और दिहाड़ी मजदूर के बेटे की IIT जेई क्रैक करने की खुशी पर तब ग्रहण लग गया जब वह निर्धारित समय सीमा पर शुल्क जमा नहीं कर पाया. मुजफ्फरनगर के टिटोरा गांव के अतुल कुमार को IIT धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लेना था. अतुल का कहना है कि स्वीकृति शुल्क के रूप में जो 17,500 रुपये उसे जमा करने थे, वह जुटाने में ही ही उसे देर हुई. किसी तरह पैसे का इंतजाम तो हो गया लेकिन सारी प्रक्रिया पूरी करते-करते समय निकल गया. दाखिला न मिलने पर अतुल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जहां बीते मंगलवार को उसकी याचिका पर सुनवाई हुई है.

सपने को पूरा करने के लिए लड़ रहे लड़ाई: 18 साल के अतुल कुमार का कहना है कि पिता और परिवार के लोगों ने किसी तरह शुल्क की राशि जुटा ली. लेकिन जमा करने की तय तारीख 24 जून की शाम 5 बजे तक रिसिप्ट और अन्य डाक्यूमेंट जमा नहीं हो पाए. अब उनकी सीट किसी और को दे दी गई है. अतुल के मुताबिक, उसने दाखिले के लिए झारझंड हाईकोर्ट का रुख किया. चूंकि परीक्षा मद्रास आईआईटी की ओर से आयोजित की गई थी, इसलिए मद्रास हाईकोर्ट में अपील के लिए कहा गया. मद्रास हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में याचिका के लिए कहा गया. इसके बाद अतुल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई. आग्रह किया कि कोर्ट उसके सपने को बचाने के लिए कदम उठाए.

जानकारी देते अतुल कुमार (Video Credit- ETV Bharat)

कोर्ट में मिला भरोसा: अतुल के मुताबिक मंगलवार को उसकी याचिका पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की है. इस दौरान कोर्ट ने सवाल उठाए कि 24 जून को समय सीमा समाप्त होने के बाद तीन महीने क्या कर रहे थे? इस पर अधिवक्ता की ओर से पक्ष रखा गया कि 24 जून की शाम 5 बजे तक 17,500 रुपये की व्यवस्था करना कठिन था. अतुल के मुताबिक, कोर्ट ने उन्हें भरोसा दिया है, जिसके बाद उनमें और उनके परिवार में उम्मीद जग गई है.

अतुल ने कहा- मुझे मेरी सीट चाहिए: ईटीवी से अतुल कुमार ने बताया कि उन्होंने उनका सिलेक्शन हो गया था. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह टाइम पर फीस जमा नहीं कर सके. उनकी सीट किसी और को दे दी गई. इसी को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दी है. अतुल कुमार के पिता राजेंद्र ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब है. वे टेलर का काम करते हैं. दिन में मजदूरी भी करते हैं. पूरे पैसे न होने के कारण समय पर फीस जमा नहीं कर पाए और पोर्टल शाम 5 बजे बंद हो गया. अतुल का कहना है कि मुझे एडमिशन मिलना चाहिए. मेरी सीट मुझे मिलनी चाहिए.

यह भी पढ़ें : जयंत चौधरी के मंच पर भिड़े योगी सरकार के मंत्री अनिल कुमार और कपिल देव अग्रवाल, जानें फिर क्या हुआ - Tension in Yogi Ministers

Last Updated : Sep 26, 2024, 9:42 PM IST
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