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चिप मेकिंग में IIT इंदौर की बड़ी छलांग, ओपन सोर्स से बनी स्वदेशी चिप को बडे कॉरपोरेशन से हरी झंडी - IIT Indore Achievement Made Chips - IIT INDORE ACHIEVEMENT MADE CHIPS

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT इंदौर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इफैबलेस ओपन मल्टी प्रोजेक्ट वेफर कार्यक्रम में प्रस्तुत 144 डिजाइन में से 02 डिजाइन को स्वीकृति मिली है. ये दोनों चिप्स हार्डवेयर सिक्योरिटी ऐप्लिकेशन के लिए काम करेंगी, जो साइबर खतरों से सुरक्षा बढ़ाएगी.

IIT INDORE ACHIEVEMENT MADE CHIPS
स्वदेशी चिप निर्माण की ओर IIT इंदौर का कदम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 6:00 PM IST

Updated : May 15, 2024, 7:02 PM IST

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT इंदौर ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसमें प्रस्तुत किए गए चिप के 144 डिजाइनों में से 02 डिजाइनों को इफैबलेस कॉरपोरेशन से स्वीकृति प्राप्त हुई है. इफैबलेस संस्थान के लिए निशुल्क चिप का निर्माण किया गया है इसमें 40 परियोजनाओं के चयन के लिए कुल 144 परियोजनाएं प्रस्तुत की गईं थीं, जिनमें से 83 भारत से थीं. यह कार्यक्रम इफैबलेस ओपन मल्टी प्रोजेक्ट वेफर (Fabless Open Multi Project Wafer) (एमपीडब्ल्यू) कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम डिजाइनरों को निर्माण की लागत से जुड़े जोखिम के साथ समझौता किए बिना अत्याधुनिक प्रयोग करने और आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है.

आधुनिक तकनीक के लिए जरूरी है चिप्स

IIT इंदौर द्वारा निर्मित चिप्स में से एक हार्डवेयर सिक्योरिटी ऐप्लिकेशन के लिए काम करेगी, जो साइबर खतरों से सुरक्षा बढ़ाएगी. यह डिवाइस ऑथेंटिकेशन और प्राइवेसी पॉलिसी जैसे विभिन्न ऐप्लिकेशन के लिए सिक्योरिटी को जनरेट करने में मदद करेगी. जिससे अनाधिकृत पहुंच और छेड़छाड़ से सुरक्षा मिलेगी वहीं दूसरी चिप एज एआई ऐप्लिकेशन के लिए हार्डवेयर एक्सेलरेटर के रूप में काम करेगी जो उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान देगी.

चिप्स का चल रहा परीक्षण

मैट्रिक्स मल्टिप्लिकेशन जो कि कंप्यूटिंग में एक मूल ऑपरेशन है, स्पीच रिकॉगनिशन इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर ग्राफिक्स जनरेट करने में ऐप्लिकेशन की खोज करता है. मूल रूप से यह कई उन्नत प्रौद्योगिकियों का आधार है वर्तमान में चिप्स का परीक्षण चल रहा है और सिक्योरिटी की का ऑथेंटिकेशन बाद में शुरू होगा.

इन छात्रों ने की शोध प्रक्रिया

यह हार्डवेयर सिक्योरिटी डिजाइन पीएचडी शोधकर्ता नेहा माहेश्वरी द्वारा प्रस्तुत किया गया. एक्सेलेरेटर डिजाइन के लिए मैट्रिक्स मल्टीप्लायर डिजाइन का नेतृत्व एमएस शोधकर्ता राधेश्याम शर्मा ने एक टीम के साथ किया. जिसमें एमटेक शोधकर्ता कोमल गुप्ता और बीटेक छात्र सात्विक रेड्डी शामिल रहे. यह भागीदारी सेमीकंडक्टर डिजाइन और इससे संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी इंदौर की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

ये भी पढ़ें:

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इंदौर में चौंकाने वाली रिसर्च, पेट का बैक्टीरिया कर सकता है दिमाग पर अटैक, बन सकता है दिमागी बीमारी का कारण

स्वदेशी चिप निर्माण की ओर एक कदम

आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर एस.के. विश्वकर्मा ने बताया कि "ये चिप्स सेमीकंडक्टर डिजाइन में एक उपलब्धि का परिचय देते हैं. विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी की प्रगति में योगदान करते हैं. ये उपलब्धियां प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने में शिक्षा जगत और उद्योग के सहयोगात्मक प्रयासों को दर्शाती हैं. ये भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए भारत सेमीकंडक्टर मिशन के उद्देश्यों के साथ संरेखित हैं. जिसका लक्ष्य वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की स्थिति को सुदृढ़ बनाना और स्वदेशी चिप डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देना है."

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT इंदौर ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसमें प्रस्तुत किए गए चिप के 144 डिजाइनों में से 02 डिजाइनों को इफैबलेस कॉरपोरेशन से स्वीकृति प्राप्त हुई है. इफैबलेस संस्थान के लिए निशुल्क चिप का निर्माण किया गया है इसमें 40 परियोजनाओं के चयन के लिए कुल 144 परियोजनाएं प्रस्तुत की गईं थीं, जिनमें से 83 भारत से थीं. यह कार्यक्रम इफैबलेस ओपन मल्टी प्रोजेक्ट वेफर (Fabless Open Multi Project Wafer) (एमपीडब्ल्यू) कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम डिजाइनरों को निर्माण की लागत से जुड़े जोखिम के साथ समझौता किए बिना अत्याधुनिक प्रयोग करने और आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है.

आधुनिक तकनीक के लिए जरूरी है चिप्स

IIT इंदौर द्वारा निर्मित चिप्स में से एक हार्डवेयर सिक्योरिटी ऐप्लिकेशन के लिए काम करेगी, जो साइबर खतरों से सुरक्षा बढ़ाएगी. यह डिवाइस ऑथेंटिकेशन और प्राइवेसी पॉलिसी जैसे विभिन्न ऐप्लिकेशन के लिए सिक्योरिटी को जनरेट करने में मदद करेगी. जिससे अनाधिकृत पहुंच और छेड़छाड़ से सुरक्षा मिलेगी वहीं दूसरी चिप एज एआई ऐप्लिकेशन के लिए हार्डवेयर एक्सेलरेटर के रूप में काम करेगी जो उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान देगी.

चिप्स का चल रहा परीक्षण

मैट्रिक्स मल्टिप्लिकेशन जो कि कंप्यूटिंग में एक मूल ऑपरेशन है, स्पीच रिकॉगनिशन इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर ग्राफिक्स जनरेट करने में ऐप्लिकेशन की खोज करता है. मूल रूप से यह कई उन्नत प्रौद्योगिकियों का आधार है वर्तमान में चिप्स का परीक्षण चल रहा है और सिक्योरिटी की का ऑथेंटिकेशन बाद में शुरू होगा.

इन छात्रों ने की शोध प्रक्रिया

यह हार्डवेयर सिक्योरिटी डिजाइन पीएचडी शोधकर्ता नेहा माहेश्वरी द्वारा प्रस्तुत किया गया. एक्सेलेरेटर डिजाइन के लिए मैट्रिक्स मल्टीप्लायर डिजाइन का नेतृत्व एमएस शोधकर्ता राधेश्याम शर्मा ने एक टीम के साथ किया. जिसमें एमटेक शोधकर्ता कोमल गुप्ता और बीटेक छात्र सात्विक रेड्डी शामिल रहे. यह भागीदारी सेमीकंडक्टर डिजाइन और इससे संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी इंदौर की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

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स्वदेशी चिप निर्माण की ओर एक कदम

आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर एस.के. विश्वकर्मा ने बताया कि "ये चिप्स सेमीकंडक्टर डिजाइन में एक उपलब्धि का परिचय देते हैं. विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी की प्रगति में योगदान करते हैं. ये उपलब्धियां प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने में शिक्षा जगत और उद्योग के सहयोगात्मक प्रयासों को दर्शाती हैं. ये भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए भारत सेमीकंडक्टर मिशन के उद्देश्यों के साथ संरेखित हैं. जिसका लक्ष्य वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की स्थिति को सुदृढ़ बनाना और स्वदेशी चिप डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देना है."

Last Updated : May 15, 2024, 7:02 PM IST
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