कानपुर: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJM University Kanpur) में आयोजित कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओलंपियाड 2024 में आईआईआईटी हैदराबाद के छात्रों की टीम सबटास्क्सव्हेयर ने विजेता बनकर अपने संस्थान का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया है. इस ओलंपियाड में देश भर से प्रमुख 116 प्रौद्योगिकी संस्थानों के 350 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. दूसरा स्थान आईआईटी बीएचयू और तीसरा स्थान आईआईटी कानपुर के छात्रों की टीम ने हासिल किया.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने सभी टीमों के विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और कहा सभी टीमों ने इस इवेंट में अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया.
उन्होंने बताया कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में तमाम तरह की चुनौतिया हैं, जिनका समाधान तलाशना बहुत जरूरी है. विश्वविद्यालय और आईसीपीसी के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता में देशभर के ऐसे विद्यार्थियों की तलाश की जा रही है, जो प्रोग्रामिंग की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करके उन्हें हल कर सकें.
इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यार्थियों की देश-विदेश में काफी मांग है. ओलंपियाड की आयोजन समिति में डॉ. संदेश गुप्ता, डॉ. प्रवीण भाई पटेल, डॉ. दीपक वर्मा, डॉ. आलोक कुमार आदि मौजूद रहे.
विजेता टीम में शामिल छात्र
- शिवेन सिन्हा
- हरि आकाश करुप्पास्वामी
- सुशील राजू
हिस्सा लेंगे विजेता: ओलंपियाड के समन्वयक डॉ. संदेश गुप्ता ने बताया इस प्रतियोगिता के माध्यम से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के विद्यार्थियों को वैश्विक मंच प्रदान किया जा रहा है. जहां ये होनहार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करके अपने भविष्य को बहुमुखी आयाम दे सकते हैं. ओलंपियाड में हर संस्थान से तीन विद्यार्थियों की टीम ने प्रतिभाग किया. विजेता टीम इंटरनेशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कांटेस्ट (आईसीपीसी) नाम से दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे.
पांच घंटे में तलाशने थे 12 सवालों के जवाब: ओलंपियाड में सभी टीमों को जो प्रश्नपत्र दिया गया, उसमें प्रोग्रामिंग की 12 प्रमुख जटिल समस्याओं को पांच घंटे के अंदर हल करना था. सुबह 10 बजे प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ. इसके बाद हर टीम के विद्यार्थियों ने अपनी क्षमतानुसार समस्याओं को हल करना शुरू किया. जिसे जो उत्तर पहले आता था. उसने उस उत्तर को पहले सबमिट किया और आखिर में आईआईआईटी हैदराबाद की टीम विजेता बनी. सबमिट किए गए प्रत्येक गलत समधान के लिए दंड भी निर्धारित किया गया था. जजों की एक टीम ने विजेता छात्रों के नामों की घोषणा की. इस बार की प्रतियोगित की विशेषता यह रही की सभी टीमें न्यूनतम दो समस्याओं का समाधान करने में सफल रहीं.
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