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IGMC शिमला में आरकेएस कर्मचारियों ने की पेन डाउन स्ट्राइक, रेगुलर पे स्केल की रखी मांग, 2 सितंबर से हड़ताल की दी चेतावनी - Shimla RKS employees on pen down

IGMC Shimla RKS Employees On Pen Down Strike For Regular Pay Scale: आईजीएमसी शिमला में आरकेएस कर्मचारी रेगुलर पे स्केल की मांग को लेकर पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं. वहीं, उन्होंने अल्टीमेटम दिया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो 2 सितंबर से वे हड़ताल पर चले जाएंगे. वहीं, आरकेएस कर्मचारियों की पेन डाउन स्ट्राइक के कारण ओपीडी मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. पढ़िए पूरी खबर...

आईजीएमसी शिमला आकरेएस कर्मचारियों का प्रदर्शन
आईजीएमसी शिमला आकरेएस कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 3:45 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में एक बार फिर मरीजों की परेशानियां बढ़ गई है. क्योंकि अस्पताल के आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) कर्मचारी बीते दिन से 31 अगस्त तक सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर है. वहीं, इनकी मांगे नहीं मानी गई तो ये 2 सितंबर से हड़ताल पर चले जाएंगे. इस दौरान मरीजों को परेशानी उठानी पड़ेगी. क्यों कि मरीजों की पर्ची, दाखिल और टेस्ट की फीस का काम यही डाटा ऑपरेटर करते हैं.

जानकारी के अनुसार आरकेएस कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बीते शनिवार को मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरकेएस कर्मियों की मांगों पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. लेकिन कर्मचारी आश्वासनों से संतुष्ट नहीं है, उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित में जवाब की मांग रखी है. कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन लिखित रूप में नहीं मिलता है, तब तक वे स्ट्राइक करेंगे. हालांकि, आरकेएस कर्मचारियों ने कहा आईजीएमसी शिमला में एक काउंटर चलता रहेगा, जिसमें सिर्फ आपातकालीन सेवाओं के लिए पर्ची बनेगी और कैश ली जाएगी.

वहीं, कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि फिलहाल 6 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक शुरू की है. लेकिन सरकार ने अगर जल्द फैसला नहीं किया तो 2 सितंबर से वह हड़ताल पर चले जाएंगे. वहीं, आकेएम कर्मचारियों की पेन डाउन स्ट्राइक की वजह से पर्ची बनाने के लिए लोग सुबह से ही कतार में खड़े रहे, लेकिन उनकी पर्ची नहीं बनी. 2 दिनों के अवकाश के बाद आईजीएमसी आने वाले मरीजों को पर्ची तक बनवाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं, अन्य ओपीडी के लिए काउंटर पर पर्ची बनाने और कैश की सुविधा बंद रही.

गौरतलब है कि आरकेएस कर्मचारी रेगुलर पे स्केल की मांग को लेकर पहले भी पेन डाउन स्ट्राइक कर चुके हैं, उस दौरान भी मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आश्वासनों के आरकेएस कर्मियों ने हड़ताल तो वापस ले ली थी, लेकिन आज तक इनकी मांगे पूरी नहीं हुई है. आईजीएमसी शिमला और कमला नेहरू हॉस्पिटल के 55 कर्मचारी साल 2021 में 8 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके है. लेकिन उन्हें अभी तक अन्य आरकेएस कर्मियों की तरह रेगुलर पे स्केल नहीं मिला है.

आरकेएस कर्मचारी यूनियन के प्रधान अरविंद पाल ने कहा, "आईजीएमसी में 2016 में 36 कर्मचारियों को और उसके बाद 2019 में एक कर्मचारी को रेगुलर पे स्केल सरकार की नोटिफिकेशन के आधार पर दिया जा चुका है. आईजीएमसी शिमला की तर्ज पर नाहन और टांडा मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों को भी रेगुलर पे स्केल मिल चुका है. इसलिए इन 55 आरकेएस कर्मचारियों को भी इसी तर्ज पर रेगुलर पे स्केल मिलना चाहिए".

उन्होंने कहा कि 2021 में वे 8 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले है. जबकि इस बारे में कई बार मुद्दा उठाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें रेगुलर पे स्केल नहीं मिला तो मंगलवार से वे 6 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक आरंभ करेंगे. यदि बावजूद सरकार ने उनकी सुध नहीं ली तो 2 सितंबर से हड़ताल शुरू की जाएगी. वहीं, आरकेएस यूनियन का कहना है कि इस महंगाई के दौर में इतनी कम तनख्वाह पर काम करना इनके बस की बात नहीं है और इस पे स्केल के मुद्दे को वे पहले भी कई बार सरकार के समक्ष ला चुके हैं, लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में आरकेएस कर्मचारियों ने सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की है और सीएम को उन्होंने कर्मचारियों की हड़ताल से अवगत कराया है. इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी से इन कर्मियों की फाइल अपने ऑफिस भेजने को कहा. उन्होंने कहा कि यूनियन का यह भी फैसला है कि जब तक उन्हें कुछ लिखित में नहीं आता है, तब तक वे अपनी स्ट्राइक को बंद नहीं करेंगे. क्योंकि उन्हें पहले भी कई बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में करूणामूलक आधार पर नौकरियों के संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की बड़ी घोषणा

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में एक बार फिर मरीजों की परेशानियां बढ़ गई है. क्योंकि अस्पताल के आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) कर्मचारी बीते दिन से 31 अगस्त तक सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर है. वहीं, इनकी मांगे नहीं मानी गई तो ये 2 सितंबर से हड़ताल पर चले जाएंगे. इस दौरान मरीजों को परेशानी उठानी पड़ेगी. क्यों कि मरीजों की पर्ची, दाखिल और टेस्ट की फीस का काम यही डाटा ऑपरेटर करते हैं.

जानकारी के अनुसार आरकेएस कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बीते शनिवार को मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरकेएस कर्मियों की मांगों पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. लेकिन कर्मचारी आश्वासनों से संतुष्ट नहीं है, उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित में जवाब की मांग रखी है. कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन लिखित रूप में नहीं मिलता है, तब तक वे स्ट्राइक करेंगे. हालांकि, आरकेएस कर्मचारियों ने कहा आईजीएमसी शिमला में एक काउंटर चलता रहेगा, जिसमें सिर्फ आपातकालीन सेवाओं के लिए पर्ची बनेगी और कैश ली जाएगी.

वहीं, कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि फिलहाल 6 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक शुरू की है. लेकिन सरकार ने अगर जल्द फैसला नहीं किया तो 2 सितंबर से वह हड़ताल पर चले जाएंगे. वहीं, आकेएम कर्मचारियों की पेन डाउन स्ट्राइक की वजह से पर्ची बनाने के लिए लोग सुबह से ही कतार में खड़े रहे, लेकिन उनकी पर्ची नहीं बनी. 2 दिनों के अवकाश के बाद आईजीएमसी आने वाले मरीजों को पर्ची तक बनवाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं, अन्य ओपीडी के लिए काउंटर पर पर्ची बनाने और कैश की सुविधा बंद रही.

गौरतलब है कि आरकेएस कर्मचारी रेगुलर पे स्केल की मांग को लेकर पहले भी पेन डाउन स्ट्राइक कर चुके हैं, उस दौरान भी मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आश्वासनों के आरकेएस कर्मियों ने हड़ताल तो वापस ले ली थी, लेकिन आज तक इनकी मांगे पूरी नहीं हुई है. आईजीएमसी शिमला और कमला नेहरू हॉस्पिटल के 55 कर्मचारी साल 2021 में 8 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके है. लेकिन उन्हें अभी तक अन्य आरकेएस कर्मियों की तरह रेगुलर पे स्केल नहीं मिला है.

आरकेएस कर्मचारी यूनियन के प्रधान अरविंद पाल ने कहा, "आईजीएमसी में 2016 में 36 कर्मचारियों को और उसके बाद 2019 में एक कर्मचारी को रेगुलर पे स्केल सरकार की नोटिफिकेशन के आधार पर दिया जा चुका है. आईजीएमसी शिमला की तर्ज पर नाहन और टांडा मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों को भी रेगुलर पे स्केल मिल चुका है. इसलिए इन 55 आरकेएस कर्मचारियों को भी इसी तर्ज पर रेगुलर पे स्केल मिलना चाहिए".

उन्होंने कहा कि 2021 में वे 8 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले है. जबकि इस बारे में कई बार मुद्दा उठाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें रेगुलर पे स्केल नहीं मिला तो मंगलवार से वे 6 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक आरंभ करेंगे. यदि बावजूद सरकार ने उनकी सुध नहीं ली तो 2 सितंबर से हड़ताल शुरू की जाएगी. वहीं, आरकेएस यूनियन का कहना है कि इस महंगाई के दौर में इतनी कम तनख्वाह पर काम करना इनके बस की बात नहीं है और इस पे स्केल के मुद्दे को वे पहले भी कई बार सरकार के समक्ष ला चुके हैं, लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में आरकेएस कर्मचारियों ने सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की है और सीएम को उन्होंने कर्मचारियों की हड़ताल से अवगत कराया है. इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी से इन कर्मियों की फाइल अपने ऑफिस भेजने को कहा. उन्होंने कहा कि यूनियन का यह भी फैसला है कि जब तक उन्हें कुछ लिखित में नहीं आता है, तब तक वे अपनी स्ट्राइक को बंद नहीं करेंगे. क्योंकि उन्हें पहले भी कई बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है.

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