शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल शिमला में सफाई कर्मचारियों को दो माह से सैलरी नहीं मिली है. जिसके चलते यहां के कर्मचारी भड़क गए हैं. इनमें सफाई कर्मचारी, वार्ड अटेंडेंट और डाटा ऑपरेटर शामिल हैं. ऐसे में कर्मचारियों ने सोमवार को हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं.
2 महीने से नहीं मिली सैलरी
आईजीएमसी सफाई कर्मचारी यूनियन की उपाध्यक्ष निशा ने बताया, "हमें बीते करीब ढाई माह से सैलरी नहीं मिली है. आईजीएमसी के करीब 140 कर्मचारी बीते 2 माह से सैलरी से वंचित हैं. इसको लेकर शुक्रवार को हमें वार्ता के लिए बुलाया गया था, लेकिन एमएस हमारे सामने से बिना बात किए चले गए. आईजीएमसी प्रबंधन अगर जल्द कोई फैसला नहीं करता है तो आगामी रविवार को यूनियन की बैठक बुलाई गई है. जिसमें फैसला लिया जाएगा कि सोमवार को सेवाएं देनी हैं या बंद करनी हैं."
कोरोना काल में दी सेवाएं
उपाध्यक्ष निशा ने कहा कि ये वो कर्मचारी हैं जिन्होंने उस कोविड काल के दौर में अपनी सेवाएं दी हैं, जब अपने भी अपनों से दूरी बनाते थे. मगर आज उन्हें सैलरी से भी वंचित रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस सैलरी से ही उनके परिवार का गुजर बसर होता है. दो महीने से सैलरी न मिलने के कारण उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है.
IGMC में सफाई कर्मियों की ऐसे जारी होती है सैलरी
आईजीएमसी के सफाई कर्मी और वार्ड अटेंडेंट को दो कंपनियां सैलरी देती हैं. आईजीएमसी अस्पताल शिमला में 80 वार्ड अटेंडेंट और 60 सफाई कर्मचारी हैं. ये आउटसोर्स कर्मचारी जब भी कंपनी से सैलरी मांगते हैं तो दोनों ही कंपनियों का जवाब होता है कि अभी मैनेजमेंट द्वारा सैलरी जारी नहीं की गई है. लिहाजा स्थिति ये हो गई है कि इन कर्मियों को घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. कर्मचारियों का कहना है कि दिवाली पर भी उन्हें सैलरी नहीं मिली थी. जिसके चलते उन्हें बहुत मुश्किलों का समाना करना पड़ा था. उनका कहना है कि वे पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं, इसलिए अस्पताल मैनेजमेंट को भी उन्हें समय पर सैलरी देनी चाहिए. मगर अस्पताल प्रबंधन के रवैये के कारण नौकरी तक छोड़ने की नौबत आ गई है.