पटना : कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में देशभर में चिकित्सकों के बीच आक्रोश देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में आज बुधवार को पटना एम्स में रूटिंग सर्जरी और ओपीडी कार्य लगातार दूसरे दिन बाधित रहा. वहीं आईजीआईएमएस अस्पताल में भी जूनियर और रेजीडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी बंद रखा और रूटिंग सर्जरी जो पहले से प्लांड थी, वह बंद रहा. ऐसे में सर्जरी का इंतजार कर रहे मरीजों की परेशानी बढ़ गई. दूर दराज इलाकों से ओपीडी में दिखाने आए मरीज बिना इलाज के घर लौटने को मजबूर हुए.
लाचार मरीजों के परिजन हुए परेशान : ओपीडी काउंटर बंद होने के कारण ट्रॉली पर लेकर अपने मरीज को अस्पताल परिसर में भटक रही कविता देवी ने कहा कि उनकी बहन बहुत कमजोर हो गई है, तबीयत बहुत खराब हो रहा है. कुछ खा पी नहीं रही है और उठकर बैठने और चलने फिरने में कठिनाई है. पिछली बार दिखाया गया था तो एमआरआई कराने को कहा गया था और आज डेट था. लेकिन यहां ओपीडी काउंटर पर भी पर्ची नहीं कट रही है. ओपीडी में डॉक्टर देख नहीं रहे हैं और एमआरआई भी नहीं हो रहा है. ऑटो रिजर्व करके लाना पड़ा है और अब बिना दिखाए हीं अस्पताल से घर लौटना होगा.
'शनिवार को आने के लिए कहा गया' : सुपौल से अपने पिता के गॉल ब्लैडर की परेशानी को दिखाने पहुंचे मिथिलेश यादव ने कहा कि उनके पिता की तबीयत खराब रहती है और आईजीआईएमएस में वह दिखाने के लिए आए हुए थे. यहां बताया जा रहा है कि आज डॉक्टर नहीं देखेंगे, डॉक्टर लोग हड़ताल पर हैं. शनिवार को दोबारा आने के लिए कहा गया है और कहा गया है कि अब शनिवार को ही डॉक्टर देखेंगे. परेशानी बढ़ गई है. पिता उनके चल नहीं पा रहे हैं और दो भाई वह कंधे में सहारा देकर चला रहे हैं.
''मेरे भाई की आज सर्जरी होनी थी. भाई को किडनी में समस्या है और सर्जरी के लिए सुबह से डॉक्टर ने पानी चढ़ना शुरू कर दिया और खाना पीना बंद करा दिया है. अब डॉक्टर कह रहे हैं कि हड़ताल हो गया है और अब सर्जरी आज नहीं होगी. पिछले 4 घंटे से परेशान है और कोई सुनवाई नहीं हो रही है. कोई डॉक्टर नहीं सुन रहा है और कह रहे हैं कि अब किसी और दिन सर्जरी होगी.''- रंजीत कुमार, मरीज के परिजन
'एम्स से पहुंचे IGIMS और यहां भी हड़ताल' : जितेंद्र कुमार झा ने बताया कि वह सीतामढ़ी से आए हुए हैं. उन्हें अपने पत्नी को न्यूरोसर्जरी में दिखाना है. पहले वह एम्स के ओपीडी में दिखाने गए थे और वहां पता चला कि बंगाल की घटना के विरोध में दूसरे दिन भी एम्स में ओपीडी बंद है. इसके बाद वह आईजीआईएमएस में आए, यहां पहुंचे तो यहां भी ओपीडी काउंटर बंद मिला. घटना की जांच जब सीबीआई को दे दी गई है तब भी डॉक्टर हड़ताल करके मरीजों की जान के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे हैं समझ में नहीं आ रहा.
क्या है डॉक्टरों की मांग ? : आईजीआईएमएस के रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रजत कुमार ने बताया कि कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ बहुत ही वीभत्स घटना हुई है. इस घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है लेकिन वह चाहते हैं कि इस मामले में स्पीडी ट्रायल हो और घटना के साक्ष्य से कोई छेड़छाड़ ना हो. इसके अलावा पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाए.
''सबसे प्रमुख मांग है कि सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को कानून में तब्दील किया जाए. लोकसभा में 2022 से टेबल होने के बावजूद अब तक यह कानून में तब्दील नहीं हुआ है. सरकार एक समय सीमा निर्धारित करें कि कब तक इस कानून में तब्दील कर दिया जाएगा.''- डॉ रजत कुमार, अध्यक्ष, IGIMS रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन
'सुरक्षा नहीं तो काम नहीं' : डॉ रजत कुमार ने कहा कि जूनियर डॉक्टर और रेजीडेंट डॉक्टर घटना के विरोध में बुधवार को ओपीडी और रूटिंग सर्जरी ठप किए हुए हैं. इमरजेंसी कार्य चल रहे हैं. हमारी मांग है कि आईजीआईएमएस में महिला चिकित्सकों के लिए अलग से रेस्ट रूम हो. अस्पताल में जो भीड़ भार वाले जगह हैं और जो खाली जगह है उन जगहों पर सीसीटीवी इंस्टॉल हो और सुरक्षा की व्यवस्था हो. अस्पताल प्रबंधन जब तक उनकी मांग पूरी नहीं करता है, हम लोग कार्य पर लौटेंगे नहीं.
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