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क्रिप्टो ट्रेडिंग में रिटर्न देने के नाम पर ठगे 91 लाख, IFSO ने सात शातिरों को किया गिरफ्तार - CYBER CHEATING SYNDICATE BUSTED

CYBER CHEATING SYNDICATE BUSTED: राजधानी में साइबर क्राइम के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे कड़ी में क्रिप्टो ट्रेडिंग में अच्छा रिटर्न देने के नाम पर 91 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का स्पेशल सेल ने भंडाफोड़ किया है.

जालसाजी स‍िंड‍िकेट का भंडाफोड़
जालसाजी स‍िंड‍िकेट का भंडाफोड़ (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 21, 2024, 8:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएससी) यूनिट ने एक साइबर क्रिमिनल के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. यह सिंडिकेट स्टॉक/क्रिप्टो ट्रेडिंग में अच्छा रिटर्न देने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे. टीम ने एक बैंक कर्मचारी, ग‍िरोह के मास्टरमाइंड समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया. ग‍िरोह ने एक शख्‍स से अच्छा रिटर्न देने के नाम पर 91 लाख रुपए की ठगी की थी. स्पेशल सेल को पता चला क‍ि गिरोह बैंक में कथित खातों को डी-फ्रीज कराने को खुद को दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी के तौर पर भी पेश करता था, ज‍िसके ल‍िए सरकारी मेल आईडी की तरह की फर्जी ई-मेल आईडी से बैंक को ई-मेल भेजी जाती थी.

आईएफएसओ, स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त डॉ. हेमन्त तिवारी ने बताया कि यह ग‍िरोह बेहद ही ऑर्गेनाइज्‍ड तरीके से ऑपरेट क‍िया जा रहा था. ग‍िरोह के पास से धोखाधड़ी से हासिल की गई रकम का एक हिस्सा नगद के रूप में 5.5 लाख रुपए भी रिकवर किया है. शिकायतकर्ता सचिन बंसल ने आईएफएसओ में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ 91 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई है. स्टॉक/क्रिप्टो ट्रेडिंग में अच्छा रिटर्न देने के बहाने उसको एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया. इसके बाद वह इस जालसाजों के चंगुल में तेजी से फंसता गया और 19 अलग-अलग अकाउंट में 91 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए.

शिकायत के आधार पर आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. इस मामले की जांच के दौरान सभी कथित बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया था. इन अकाउंट्स की डिटेल्स खंगालने के बाद पता चला था कि एसबीआई के एक खाते में, जो गौरव ट्रेडिंग के नाम पर रजिस्टर्ड था उसमें 40 लाख रुपए जमा हैं. इसके बाद उस अकाउंट को तुरंत फ्रीज करवा द‍िया गया. इस दौरान मामले में उस समय ट्व‍िस्‍ट आया जब संबंधित बैंक मैनेजर की ओर से इन्फॉर्म किया गया कि एक सरकारी मेल की तरह ही मेल आईडी से नोटिस मिला है.

बैंक को भेजा गया डी-फ्रीज‍िंग नोटिस: जांच अधिकारी (आईओ) की ई-मेल आईडी फर्जी/जाली लगी. इसमें कथित एसबीआई खाते को डी-फ्रीज करने का अनुरोध किया गया था. मामले की गंभीरता को भांपते हुए एसीपी मनोज कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर उदय सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, ज‍िसको अपराधियों की पहचान कर पकड़ने के निर्देश द‍िए गए. इसके बाद टीम ने सभी टेक्‍नीकल सर्व‍िलांस और ड‍िज‍िटल फुटप्र‍िंटस के आधार पर आरोप‍ियों की पहचान की.

यह भी पढ़ें: द‍िल्‍ली पुल‍िस से मुठभेड़ के बाद ट‍िल्‍लू-ताजपुर‍िया गैंग का शॉर्प शूटर ग‍िरफ्तार

इसके बाद संबंध‍ित ठ‍िकानों पर छापेमारी कर अजय और मोहित नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार क‍िया गया. उनकी निशानदेही पर एसबीआई बैंक कर्मचारी समेत 5 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लि‍या गया, ज‍िनके पास से 7 मोबाइल फोन, एक कार, 5.5 लाख रुपए नकद बरामद किए गए. आरोप‍ियों की पहचान अजय कुमार (34), मोहित सैनी (22), प्रत्‍यक्ष कौशर (33) मनीष जावला (34) श्रेयांस पंडित (26) और दिनेश (37) प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं. आरोपी शंकर कॉन्‍ट्रैक्‍ट बेस पर एसबीआई बैंक कमला नगर ब्रांच में कर्मचारी है.

यह भी पढ़ें: कभी नहीं लौटेगा क्रिप्टो करेंसी में ठगी का पैसा! जानें, क्या कहते हैं सीआईडी डीजी

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएससी) यूनिट ने एक साइबर क्रिमिनल के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. यह सिंडिकेट स्टॉक/क्रिप्टो ट्रेडिंग में अच्छा रिटर्न देने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे. टीम ने एक बैंक कर्मचारी, ग‍िरोह के मास्टरमाइंड समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया. ग‍िरोह ने एक शख्‍स से अच्छा रिटर्न देने के नाम पर 91 लाख रुपए की ठगी की थी. स्पेशल सेल को पता चला क‍ि गिरोह बैंक में कथित खातों को डी-फ्रीज कराने को खुद को दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी के तौर पर भी पेश करता था, ज‍िसके ल‍िए सरकारी मेल आईडी की तरह की फर्जी ई-मेल आईडी से बैंक को ई-मेल भेजी जाती थी.

आईएफएसओ, स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त डॉ. हेमन्त तिवारी ने बताया कि यह ग‍िरोह बेहद ही ऑर्गेनाइज्‍ड तरीके से ऑपरेट क‍िया जा रहा था. ग‍िरोह के पास से धोखाधड़ी से हासिल की गई रकम का एक हिस्सा नगद के रूप में 5.5 लाख रुपए भी रिकवर किया है. शिकायतकर्ता सचिन बंसल ने आईएफएसओ में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ 91 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई है. स्टॉक/क्रिप्टो ट्रेडिंग में अच्छा रिटर्न देने के बहाने उसको एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया. इसके बाद वह इस जालसाजों के चंगुल में तेजी से फंसता गया और 19 अलग-अलग अकाउंट में 91 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए.

शिकायत के आधार पर आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. इस मामले की जांच के दौरान सभी कथित बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया था. इन अकाउंट्स की डिटेल्स खंगालने के बाद पता चला था कि एसबीआई के एक खाते में, जो गौरव ट्रेडिंग के नाम पर रजिस्टर्ड था उसमें 40 लाख रुपए जमा हैं. इसके बाद उस अकाउंट को तुरंत फ्रीज करवा द‍िया गया. इस दौरान मामले में उस समय ट्व‍िस्‍ट आया जब संबंधित बैंक मैनेजर की ओर से इन्फॉर्म किया गया कि एक सरकारी मेल की तरह ही मेल आईडी से नोटिस मिला है.

बैंक को भेजा गया डी-फ्रीज‍िंग नोटिस: जांच अधिकारी (आईओ) की ई-मेल आईडी फर्जी/जाली लगी. इसमें कथित एसबीआई खाते को डी-फ्रीज करने का अनुरोध किया गया था. मामले की गंभीरता को भांपते हुए एसीपी मनोज कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर उदय सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, ज‍िसको अपराधियों की पहचान कर पकड़ने के निर्देश द‍िए गए. इसके बाद टीम ने सभी टेक्‍नीकल सर्व‍िलांस और ड‍िज‍िटल फुटप्र‍िंटस के आधार पर आरोप‍ियों की पहचान की.

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इसके बाद संबंध‍ित ठ‍िकानों पर छापेमारी कर अजय और मोहित नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार क‍िया गया. उनकी निशानदेही पर एसबीआई बैंक कर्मचारी समेत 5 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लि‍या गया, ज‍िनके पास से 7 मोबाइल फोन, एक कार, 5.5 लाख रुपए नकद बरामद किए गए. आरोप‍ियों की पहचान अजय कुमार (34), मोहित सैनी (22), प्रत्‍यक्ष कौशर (33) मनीष जावला (34) श्रेयांस पंडित (26) और दिनेश (37) प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं. आरोपी शंकर कॉन्‍ट्रैक्‍ट बेस पर एसबीआई बैंक कमला नगर ब्रांच में कर्मचारी है.

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