देहरादून: उत्तराखंड में ऑल इंडिया सर्विस के एक और अधिकारी को सरकार चार्जशीट थमाने वाली है. इस बार मामला विभाग में गलत प्रमोशन प्रक्रिया अपनाने और कर्मचारियों को नियमों के खिलाफ नियमित करने का है. खास बात यह है कि वन विभाग में ये चार्जशीट एक ऐसे अधिकारी को देने की तैयारी है जिसका नाम एक ईमानदार अफ़सर के रूप में लिया जाता है.
उत्तराखंड वन विभाग में सीनियर आईएफएस अधिकारी को चार्जशीट जारी करने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. हालांकि इस मामले को लेकर काफी समय से प्रक्रिया चल रही थी. अब सीएम धामी के अनुमोदन के बाद जल्द चार्जशीट जारी हो जाएगी. मामला वन विभाग में गलत तरीके से कर्मचारियों को नियमित किए जाने और नियम का उल्लंघन करते हुए मानक से ज्यादा प्रमोशन दिए जाने से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, साल 2018 की नियमावली में वन विभाग में वन दरोगा के पद को लेकर नियम में विशेष संशोधन हुआ था. इसमें एक तिहाई पद सीधी भर्ती से भरे जाने और दो तिहाई पद प्रमोशन से भरने के प्रावधान किया गया.
IFS अफसर मनोज चंद्रन पर ये हैं आरोप: आरोप है कि वन दरोगा पद में कुल करीब 1729 पदों के सापेक्ष मानक के अनुसार एक तिहाई और दो तिहाई का रेशों पद भरने के लिए रखा जाना था, लेकिन IFS अफ़सर मनोज चंद्रन ने CCF मानव संसाधन रहते हुए कुल पदों की संख्या के बजाय खाली पदों के अनुसार इस रेशों तय किया. जिससे सीधी भर्ती में कम और प्रमोशन में ज्यादा लोगों को इस पद पर रख लिया गया. इसके अलावा आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन पर कर्मचारियों को नियमों के उलट नियमितीकरण करने का भी आरोप है. बताया गया है कि नियमितीकरण पर कोर्ट की रोक के बावजूद विभाग में श्रमिकों को वन आरक्षी पद पर नियमित किया गया.
मनोज चंद्रन ने भी दिया जवाब: इस मामले में जब शासन स्तर से आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन से जवाब लिया गया तो उन्होंने इसका जवाब भी दिया था. खबर है कि उन्होंने नियमितीकरण को लेकर तत्कालीन प्रमुख सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय का अपने जवाब में जिक्र किया था. उधर दूसरी तरफ वन दारोगा पद पर भर्ती को लेकर भी उन्होंने नियमानुसार ही कार्रवाई किए जाने की बात अपने जवाब में लिखी थी.
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने चार्जशीट पर दिया बयान: आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन को चार्जशीट दिए जाने को लेकर ईटीवी भारत में जब वन मंत्री सुबोध उनियाल से बात की. उन्होंने कहा वन विभाग में सर्विस रूल्स के प्रावधान का उल्लंघन किया गया है, जिससे जुड़ी पत्रावलियां भेजी गई थी. इसमें दो तिहाई से ज्यादा फॉरेस्ट गार्ड को प्रमोशन दिए गए. इसके अलावा नियमितीकरण नियमावली पर स्टे होने के बावजूद कई कर्मचारियों का नियमितीकरण भी किया गया. इससे जुड़ी पत्रावलियां आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर अनुमोदन दिया है. इसके बाद जल्द ही चार्जशीट जारी की जाएगी. संबंधित अधिकारी के जवाब देने और मामले का परीक्षण कराए जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
प्रदेश में वन विभाग पहले ही तमाम मामलों को लेकर विवादों में रहता है. अब यह मामला सामने आने के बाद एक बार फिर वन विभाग चर्चाओं में आ गया है. इस मामले पर ईटीवी भारत ने आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन, उनसे दूरभाष पर बात नहीं हो पाई. ईटीवी भारत की टीम ने उनके कार्यालय में भी उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन वहां भी उनसे बात नहीं हो पाई.
उधर दूसरी तरफ इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अनुमोदन दिए जाने की पुष्टि ईटीवी भारत की टीम को सचिव मुख्यमंत्री मीनाक्षी सुंदरम द्वारा की गई है. जानकारी के अनुसार मनोज चंद्रन से जुड़ी यह फाइल अब मुख्यमंत्री कार्यालय से वापस शासन में विभागीय प्रमुख सचिव कार्यालय को भेज दी गई है.
ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं मनोज चंद्रन: आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन विभाग में एक ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले को लेकर कुछ अफसरों से भी बात की. विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों ने भी मनोज चंद्रन के खिलाफ चार्जशीट को लेकर हैरानी व्यक्त की. दरअसल माना जाता है कि मनोज चंद्रन विभागीय कार्यों में लिखित आदेशों को लेकर विशेष सावधानी बरतते हैं. ऐसे में उनके द्वारा कोई गलती की संभावना कम होती है.
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