लखनऊ: पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन के सचिव आशीष तिवारी को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रतीक्षारत कर दिया है. पिछले कई सालों से वे इस पद पर तैनात थे और अपने काम के लिए सरकार से इनाम भी पा चुके थे, लेकिन अब वही आईएफएस अधिकारी सरकार के निशाने पर आ गए. शासन ने उन्हें फिलहाल वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है.
निदेशक पर्यावरण और निदेशक नाइट सफारी का अतिरिक्त कार्यभार भी उनके पास था उसे भी हटा दिया गया है. प्रमुख सचिव अनिल कुमार की तरफ से संबंधित आदेश जारी किया गया है. इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के ऑफिसर आशीष तिवारी 1995 में इस सेवा में आए. मूल रूप से मध्य प्रदेश के निवासी हैं. इस सेवा में आने के बाद पिछले 25 सालों से वन विभाग में विभिन्न पदों पर तैनात रहे. उन्होंने कई ऐसे काम भी किए जिनकी खूब चर्चा भी हुई.
प्रदूषण नियंत्रण, प्रदूषण निवारण योजना, पर्यावरण अनुपालन एवं जागरूकता, जलवायु परिवर्तन शमन, प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के लिए नवीन प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग, ऑनलाइन निगरानी प्रणाली एवं आभासी निगरानी में उन्हें काफी अनुभव है. आईएफएस आशीष तिवारी को 2015 में बाघ संरक्षण के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-पाटा बाघ मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
उन्हें 2002 में जैव विविधता संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया था. 2019 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए यूपी सरकार की तरफ से प्रशस्ति प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया था. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली और वन अनुसंधान संस्थान, डीम्ड विश्वविद्यालय (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी), देहरादून से तकनीकी, सैद्धांतिक और व्यावहारिक शैक्षिक पृष्ठभूमि है.
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