जयपुर. बदलती जीवन शैली के बीच बच्चों से लेकर बूढ़ों तक कई शारीरिक समस्याएं आती है. बदलते मौसम के बीच अक्सर बार-बार पेशाब लगती है या फिर जलन और दर्द होता हो, तो ऐसे रोगों को आयुर्वेद से ठीक कर सकते है. शिवाय आयुर्वेदिक सेंटर के डॉ. रोहित गुप्ता के अनुसार आसान घरेलू नुस्खे से इस समस्या को दूर किया जा सकता है.
पेशाब से जुड़े सामान्य रोगों को दूर करने के लिए घरेलू नुस्खे आयुर्वेद के नजरिए से कारगर साबित होते हैं. जीरा और मिश्री 2-2 ग्राम लेकर दोनों को पीसकर ठंडे पानी के सेवन करने से रुका हुआ मूत्र खुलकर आता है. ऐसे मरीज को हर दिन 3 मात्राएँ लेनी चाहिए. इसी तरह अगर किसी भी कारण से मूत्र बाहर न निकलता हो, रुक गया हो, तो अरंड का तेल 40ml एक ग्लास गरम पानी के साथ पी लें. इस से मूत्र खुलकर आएगा. केले के छाल का रस 40ml और 20 ग्राम देसी घी को मिलाकर पीने से बंद हुआ पेशाब खुल जाता है.
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इस तरह पेशाब में जलन नहीं होगी : देसी बेर के पत्ते पीसकर पेडू पर लगाने से पेशाब की जलन ठीक हो जाती है. इसके अलावा गन्ने को चूसने से या गन्ने का रस पीने से पेशाब की जलन रुक जाती है. अगर बच्चे बिस्तर को गीला कर देते हैं, तो सूखा आंवला और काला जीरा, दोनों को समान मात्रा में लेकर कूट पीस कर रख ले और रोज सुबह शाम 3 ग्राम की मात्रा शहद के साथ बच्चों को चटाने से बिस्तर पर पेशाब नहीं करेंगे.