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पटना के मसौढ़ी में विराजमान हुए भगवान भास्कर, छठ व्रतियों ने की पूजा-अर्चना

लोक आस्था का महापर्व छठ का आज समापन हुआ. इस मौके पर मसौढ़ी के कई छठ घाटों पर भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई.

Chhath Puja In Masaurhi
मसौढ़ी में छठ पूजा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 8, 2024, 1:28 PM IST

मसौढ़ी: हिंदू धर्म में सूर्य देवता का काफी महत्व है. सूर्य की पूजा बेहद खास मानी जाती है और इसका पुराणो में जिक्र है. इसी तरह छठ पूजा में डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर आरोग्य और सुख संपत्ति का आशीर्वाद मांगा जाता है. ऐसे में मसौढी में कई जगहों पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की गई, जहां छठ व्रतियों के द्वारा उनकी पूजा की गई.

40 जगहों पर लगी भगवान भास्कर की मूर्ति: बढ़ती आस्था को देखते हुए सैकड़ों की संख्या में लोग भगवान भास्कर की स्थापित मूर्ति की पूजा करते हैं. आयोजकों की मानें तो मोहल्ले में मूर्ति स्थापित करने से कई लोगों के मन की मुरादे पूरी हुई है. मसौढ़ी अनुमंडल की बात करें तो लगभग 40 जगहों पर भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई है.

इस दिन होगा मूर्ति विसर्जन: बता दें कि मसौढ़ी नगर मुख्यालय में तारेगना डीह, संगतपर, कैलूचक, बोनकुकरा रोड, धनरूआ और पुनपुन के पिपरा में भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई है. बताया जा रहा है कि कई जगह पर भगवान भास्कर की मूर्ति अक्षय नवमी तक रखी जाती है. उसके बाद विसर्जन किया जाता है. हालांकि मसौढ़ी में कई जगहों पर कल के बाद से विसर्जन शुरू हो जाएगा. अनुमंडल प्रशासन के द्वारा जहां प्रतिमा स्थापित की गई है. वहां पुलिस दंडाधिकारीयों की प्रतिनियुक्ति भी की गई है.

"कई सालों से भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. एक तरफ जहां छठ घाट सजाया जाता है वहीं भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित कर हम सभी उनकी आराधना करते हैं."-स्थानीय

पढ़ें-घर में मौजूद था पूरा परिवार फिर भी छठ व्रती की बेरहमी से हत्या, किसी को भनक तक नहीं लगी

मसौढ़ी: हिंदू धर्म में सूर्य देवता का काफी महत्व है. सूर्य की पूजा बेहद खास मानी जाती है और इसका पुराणो में जिक्र है. इसी तरह छठ पूजा में डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर आरोग्य और सुख संपत्ति का आशीर्वाद मांगा जाता है. ऐसे में मसौढी में कई जगहों पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की गई, जहां छठ व्रतियों के द्वारा उनकी पूजा की गई.

40 जगहों पर लगी भगवान भास्कर की मूर्ति: बढ़ती आस्था को देखते हुए सैकड़ों की संख्या में लोग भगवान भास्कर की स्थापित मूर्ति की पूजा करते हैं. आयोजकों की मानें तो मोहल्ले में मूर्ति स्थापित करने से कई लोगों के मन की मुरादे पूरी हुई है. मसौढ़ी अनुमंडल की बात करें तो लगभग 40 जगहों पर भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई है.

इस दिन होगा मूर्ति विसर्जन: बता दें कि मसौढ़ी नगर मुख्यालय में तारेगना डीह, संगतपर, कैलूचक, बोनकुकरा रोड, धनरूआ और पुनपुन के पिपरा में भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई है. बताया जा रहा है कि कई जगह पर भगवान भास्कर की मूर्ति अक्षय नवमी तक रखी जाती है. उसके बाद विसर्जन किया जाता है. हालांकि मसौढ़ी में कई जगहों पर कल के बाद से विसर्जन शुरू हो जाएगा. अनुमंडल प्रशासन के द्वारा जहां प्रतिमा स्थापित की गई है. वहां पुलिस दंडाधिकारीयों की प्रतिनियुक्ति भी की गई है.

"कई सालों से भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. एक तरफ जहां छठ घाट सजाया जाता है वहीं भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित कर हम सभी उनकी आराधना करते हैं."-स्थानीय

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