टिहरी: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. यहां के अस्पताल डॉक्टरों की कमी के कारण खुद बीमार पड़े हैं. ऐसा ही हाल टिहरी जिले के सबसे बड़े बौराड़ी अस्पताल का भी है. बौराड़ी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं. जिला अस्पताल में आईसीयू यूनिट का उद्घाटन चार साल पहले किया गया, लेकिन आज तक इसकी सेवाएं मरीजों को नहीं मिल रही हैं. आईसीयू में रखे लाखों के उपकरण आज भी धूल फांक रहे हैं.
जिला अस्पताल बौराड़ी में आईसीयू का निर्माण 274.51 लाख की लागत से किया गया. इस पांच बेड की क्षमता वाले आईसीयू यूनिट का उद्घाटन 2024 में किया गया. आईसीयू को शुरू करने के लिए एक चेस्ट फिजिशियन, चार चिकित्साधिकारी और एक निश्चेतक का पद स्वीकृत है, लेकिन इस आईसीयू में एक भी चिकित्सक नहीं है. डॉक्टरों के अभाव में पिछले डेढ़ साल से आईसीयू बंद पड़ा है. ऐसी स्थिति में गंभीर मरीजों को ऋषिकेश या फिर देहरादून रेफर करना पड़ता है.
अस्पताल के सीएमएस डॉ अमित राय ने कहा जिला असस्पताल में बंद पडे़ आईसीयू यूनिट शुरू करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. डॉक्टरों की मांग की है, सम्भवता इस महीने जिले को कुछ नए डॉक्टर मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा अगर नए डॉक्टर मिल जाते हैं तो आईसीयू की सेवा शुरू कर दी जाएगी.