नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुंबई से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मलाड इलाके में रहने वाले डॉ ओरलेम ब्रैंडन सेराओ ने युम्मो आइसक्रीम से ऑनलाइन आइसक्रीम बटरस्कॉच कोन ऑर्डर की थी. डॉ ओरलेम जब आइसक्रीम खा रहे थे तो उन्हें आइसक्रीम में कुछ असामान्य चीज महसूस हुई. जब उन्होंने ध्यान से देखा तो उसमे इंसानी उंगली का टुकड़ा था. यह देखकर ओरलेम हैरान रह गए. उन्होंने इसकी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी.
आइसक्रीम के रैपर के पीछे मैन्युफैक्चरिंग पता में गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी में स्थित लक्ष्मी आइसक्रीम प्राइवेट लिमिटेड का पता छपा हुआ है. ऐसे में सच्चाई जानने के लिए ईटीवी भारत ने लक्ष्मी आइसक्रीम प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर यूदेश्वर पाल से बातचीत की.
कंपनी के डायरेक्टर ने बताया, "यह पुणे के प्लांट का मामला है. इसका यहां से कोई संबंध नहीं है. आइसक्रीम के रैपर पर जो बैच नंबर डाला हुआ है वह पुणे का है. हमारे द्वारा भी युम्मो आइसक्रीम कंपनी के लिए मैन्युफैक्चरिंग की जाती है. इस प्लांट से मैन्युफैक्चर हुई 90 प्रतिशत आइसक्रीम यूपी और दिल्ली में बिकती है. क्योंकि यहां से मुंबई माल भेजने में कास्टिंग ज्यादा पड़ जाएगी."
यूदेश्वर पाल ने आगे कहा कि पुणे के जिस प्लांट द्वारा आइसक्रीम मैन्युफैक्चर की गई थी उस प्लांट को वहां की फॉरेंसिक डिपार्टमेंट द्वारा सील लगा दी गई है. आइसक्रीम के रैपर के पीछे सभी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के नाम छपे होते हैं. प्रत्येक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का बैच कोड होता है. जिससे पहचान होती है कि संबंधित आइसक्रीम कौन से प्लांट में मैन्युफैक्चर हुई है. उसमें सबसे ऊपर लक्ष्मी आइसक्रीम का नाम छपा हुआ है.
डॉ ओरलेम ने अपने भयावह अनुभव को साझा करते हुए कहा कि, "मैंने एक ऐप से तीन कोन आइसक्रीम ऑर्डर की थी. उनमें से एक यम्मो ब्रांड की बटरस्कॉच आइसक्रीम थी. इसका आधा हिस्सा खाने के बाद, लगा कि मुंह में एक ठोस टुकड़ा है. मुझे लगा कि यह कोई अखरोट या चॉकलेट का टुकड़ा हो सकता है, लेकिन फिर भी मैंने यह जांचने के लिए इसे थूक दिया कि आखिर यह है क्या? उन्होंने आगे कहा, 'मैं ठोस टुकड़े की जांच करने के बाद सदमे में आ गया. जब मैंने ध्यान से इसकी जांच की, तो मैंने इसके नीचे नाखून और उंगलियों के निशान देखे. यह अंगूठे जैसा दिख रहा था.''