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सीए फील्ड में आधी आबादी जमा रही 'धाक'...देश में चार लाख सीए में से सवा लाख महिला हैं - ICAI Jodhpur report - ICAI JODHPUR REPORT

देश में लगातार महिला सीए की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वर्ष 2000 में जहां इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी आठ फीसदी थी, वो आज तीस फीसदी के पार है. दी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ब्रांचेज में भी ​महिला सीए अब नेतृत्व करने लगी हैं. पेश है यह खास रिपोर्ट...

ICAI JODHPUR REPORT
तेजी से बढ़ा फिमेल सीए का रेशो (ETV bharat jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 5, 2024, 6:32 AM IST

फिमेल सीए पर आईसीएआई की रिपोर्ट (ETV bharat jodhpur)

जोधपुर. देश में चार्टड अकाउंटेंट्स की संख्या चार लाख के पार हो रही है. चार लाख सीए में सवा लाख सीए केवल महिला हैं, यानी करीब एक तिहाई, जो दर्शाता है कि देश के अन्य पेशे में जिस तरह से महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, वो इस फील्ड में भी सफलता का परचम लहरा रही हैं. महिलाओं ने इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी काफी तेजी से बढ़ाई है.

आईसीएआई के अनुसार वर्ष 2000 में जहां इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी आठ फीसदी थी, वो आज तीस फीसदी के पार है. सीए का एग्जाम पास करने के मामले में लड़के और लड़कियों का अनुपात 60 : 40 हो गया है, जो दर्शाता है कि महिला सीए का दखल बढ़ रहा है. दी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ब्रांचेज में भी ​महिला सीए अब नेतृत्व करने लगी हैं. देश में सीए की कैपिटल जोधपुर स्थित आईसीएआई ब्रांच के पांच दशक इतिहास में भी पहली बार इसकी कमान फिमेल सीए पूजा धूत राठी के हाथों में है.

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री भजनलाल ने सीए से किया देशहित में सोचने का आह्वान, कहा- अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए दें नए सुझाव

फिमेल सीए का रेशो बढ़ा हैः पूजा बताती हैं कि पांच साल के डेटा में महिला सीए की संख्या और प्रैक्टिस रेशो बढ़ा है. हमारे पास जो नए स्टूडेंट्स आ रहे हैं, उनमें गर्ल्स 44 प्रतिशत है, लेकिन इनकी सफलता का प्रतिशत ज्यादा है, क्योंकि उन्होंने अपना ध्येय बनाया हुआ है कि वे अपने पांव पर खड़ी होंगी. आईसीएआई जोधपुर की अध्यक्ष बताती हैं कि सीए की डिग्री का स्कोप बहुत बड़ा है. मिनिमम इनवेस्ट में लाइफ टाइम मेग्जिमम रिर्टन मिलता है. पीएम ने खुद इस फील्ड की तारीफ की है. हमारी सर्वोपरिता ज्यादा है, क्योंकि संविधान से पहले देश में सीए एक्ट 1948 में आ गया था. सीए एक्ट संविधान की रक्षक बॉडी है.

विकसित भारत में 25 लाख सीए चाहिए : उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था जिस गति से आगे बढ़ रही है, उसमें वर्तमान में सिस्टम में जितने भी सीए हैं, वो खप चुके हैं. अब तेजी से सीए की आवश्यकता बढ़ रही है. सपोर्टिंग सिस्टम से काम चल रहा है, लेकिन विकसित भारत यानी सरकार के लक्ष्य के अनुसार 2047 तक देश में 25 लाख सीए की आवश्यकता होगी. आईसीएआई उसी दिशा में काम कर रहा है. आईसीएआई जोधपुर के पूर्व अध्यक्ष अजय सोनी का कहना है कि विकसित देशों में महिलाओं की भूमिका बहुत ज्यादा है. तेजी से आगे बढ़ रहे हमारे देश में भी आने वाले समय में फिमेल सीए की भूमिका और ज्यादा महत्वपूर्ण होगी.

फिमेल सीए पर आईसीएआई की रिपोर्ट (ETV bharat jodhpur)

जोधपुर. देश में चार्टड अकाउंटेंट्स की संख्या चार लाख के पार हो रही है. चार लाख सीए में सवा लाख सीए केवल महिला हैं, यानी करीब एक तिहाई, जो दर्शाता है कि देश के अन्य पेशे में जिस तरह से महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, वो इस फील्ड में भी सफलता का परचम लहरा रही हैं. महिलाओं ने इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी काफी तेजी से बढ़ाई है.

आईसीएआई के अनुसार वर्ष 2000 में जहां इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी आठ फीसदी थी, वो आज तीस फीसदी के पार है. सीए का एग्जाम पास करने के मामले में लड़के और लड़कियों का अनुपात 60 : 40 हो गया है, जो दर्शाता है कि महिला सीए का दखल बढ़ रहा है. दी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ब्रांचेज में भी ​महिला सीए अब नेतृत्व करने लगी हैं. देश में सीए की कैपिटल जोधपुर स्थित आईसीएआई ब्रांच के पांच दशक इतिहास में भी पहली बार इसकी कमान फिमेल सीए पूजा धूत राठी के हाथों में है.

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री भजनलाल ने सीए से किया देशहित में सोचने का आह्वान, कहा- अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए दें नए सुझाव

फिमेल सीए का रेशो बढ़ा हैः पूजा बताती हैं कि पांच साल के डेटा में महिला सीए की संख्या और प्रैक्टिस रेशो बढ़ा है. हमारे पास जो नए स्टूडेंट्स आ रहे हैं, उनमें गर्ल्स 44 प्रतिशत है, लेकिन इनकी सफलता का प्रतिशत ज्यादा है, क्योंकि उन्होंने अपना ध्येय बनाया हुआ है कि वे अपने पांव पर खड़ी होंगी. आईसीएआई जोधपुर की अध्यक्ष बताती हैं कि सीए की डिग्री का स्कोप बहुत बड़ा है. मिनिमम इनवेस्ट में लाइफ टाइम मेग्जिमम रिर्टन मिलता है. पीएम ने खुद इस फील्ड की तारीफ की है. हमारी सर्वोपरिता ज्यादा है, क्योंकि संविधान से पहले देश में सीए एक्ट 1948 में आ गया था. सीए एक्ट संविधान की रक्षक बॉडी है.

विकसित भारत में 25 लाख सीए चाहिए : उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था जिस गति से आगे बढ़ रही है, उसमें वर्तमान में सिस्टम में जितने भी सीए हैं, वो खप चुके हैं. अब तेजी से सीए की आवश्यकता बढ़ रही है. सपोर्टिंग सिस्टम से काम चल रहा है, लेकिन विकसित भारत यानी सरकार के लक्ष्य के अनुसार 2047 तक देश में 25 लाख सीए की आवश्यकता होगी. आईसीएआई उसी दिशा में काम कर रहा है. आईसीएआई जोधपुर के पूर्व अध्यक्ष अजय सोनी का कहना है कि विकसित देशों में महिलाओं की भूमिका बहुत ज्यादा है. तेजी से आगे बढ़ रहे हमारे देश में भी आने वाले समय में फिमेल सीए की भूमिका और ज्यादा महत्वपूर्ण होगी.

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