रांची: हाईकोर्ट से रांची के पूर्व डीसी रहे छवि रंजन को एक मामले में राहत मिली है. छवि रंजन को रांची के बरियातू थाना क्षेत्र स्थित चेशायर होम रोड स्थित जमीन मामले में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली है. हाईकोर्ट ने छवि रंजन की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत प्रदान की है. पूर्व में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था.
चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन में गड़बड़ी मामले में ईडी ने छवि रंजन, प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया था. इसी साल अप्रैल महीने में छवि रंजन सहित अन्य आरोपियों के ठिकानों पर एजेंसी ने एक साथ छापेमारी की थी.
जेल से अभी नहीं निकल पाएंगे छवि रंजन
जमानत मिलने के बाद भी छवि रंजन अभी भी जेल से बाहर नहीं निकाल पाएंगे. सेना की जमीन मामले में अभी तक छवि रंजन को जमानत नहीं मिली है. ऐसे में अभी भी उन्हें जेल में ही रहना होगा. छवि रंजन को पांच अप्रैल को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
कैसे आए छवि रंजन ईडी के घेरे में
दरअसल जब छवि रंजन रांची के डीसी थे तब उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर फर्जी कागजातों के आधार पर जमीन की खरीद बिक्री की गई, उनमें सबसे प्रमुख बरियातू स्थित सेना की जमीन थी. बरियातू में सेना की 4.55 एकड़ जमीन को फर्जी कागजात के जरिए कोलकाता के प्रदीप बागची ने जगत बंधु टी एस्टेट को बेच दी थी. इस जमीन की सरकारी दर 20 करोड़ 75 लाख 84200 रुपये थी, लेकिन बिक्री महज सात करोड़ में दिखायी गई. उसमें भी 25 लाख रुपये प्रदीप बागची के खाते में आए थे, बाकी पैसों के चेक के जरिए भुगतान की जानकारी डीड 6888/2021 में दी गई थी. लेकिन ईडी ने जब चेक के जरिए भुगतान की जांच की तो पता चला कि खातों में पैसे गए ही नहीं हैं.
चेक के भुगतान की गलत जानकारी डीड में दी गई थी, ताकि खरीद बिक्री सही प्रतीत हो. इस दौरान छवि रंजन के परिजनों के खातों में बड़े ट्रांजेक्शन और लाभान्वित होने के सबूत ईडी को मिले हैं. जमीन की रजिस्ट्री करने वाले सब रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ ने भी अपने बयान में बताया था कि डीसी के आदेश पर उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री की थी. तत्कालीन कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी ने भी डीसी की गड़बड़ी पकड़ी थी.
वही रांची के बाजरा में भी 7.16 एकड़ जमीन की घेराबंदी से लेकर म्यूटेशन तक में डीसी रहते छवि रंजन की भूमिका काफी संदेहास्पद रही. जमीन के 83 साल का दखल खारिज एक ही दिन में डीसी रहते छवि रंजन ने करायी. इस जमीन की रजिस्ट्री भी सरकारी दर 29.88 करोड़ से कम में महज 15.10 करोड़ में की गई थी.
वहीं, तीसरा मामला रांची के सदर चेशायर होम में एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री भी छवि रंजन के डीसी रहते हुई. चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की डील में प्रेम प्रकाश को डेढ़ करोड़ रुपये मिले थे. फर्जी दस्तावेज के सहारे राजेश राय ने जमीन का पावर इम्तियाज अहमद और भरत प्रसाद को दिया.इसके बाद दोनों ने यह जमीन 1.78 करोड़ में पुनीत भार्गव को बेची. पुनीत भार्गव ने बाद में यही जमीन विष्णु अग्रवाल को 1.80 लाख रुपये में बेची. जांच में यह बात सामने आयी है कि प्रेम प्रकाश व छवि रंजन के सहयोग से ही जमीन की पूरी डील की गई थी.
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