फिरोजाबाद: फिरोजाबाद जिले की विशेष पॉक्सो अदालत ने गुरुवार को नाबालिग किशोरी से अपहरण के बाद रेप करने के मामले में आरोपी पति-पत्नी को दोषी करार दिया. अदालत ने उन्हें 15-15 साल के कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. अर्थदंड न देने पर दोनों दोष सिद्ध आरोपियों को एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक थाना रसूलपुर क्षेत्र में 19 नवम्बर 2022 को एक 16 वर्षीय किशोरी शाम को किसी काम से घर से बाहर गई थी. वह घर वापस नहीं आई, तो परिजनों ने काफी खोजबीन की. उस दौरान किसी ने किशोरी के भाई को बताया कि उसकी बहन को वकील उर्फ सिकन्दर पुत्र शकील निवासी विलाल नगर के साथ जाते देखा है. किशोरी के परिजन वकील के घर गये, तो वहां पर ताला लगा हुआ था. परिजन उसकी ससुराल गए, तो वहां उसकी पत्नी नगमा और साला खलील मिले.
वकील के बारे में पूछा, तो उन्होंने गाली-गलौच करके परिजनों को भगा दिया. उनसे कहा कि किशोरी अब कभी नहीं मिलेगी. पीड़ित के भाई ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने नाबालिग को बरामद कर लिया. पीड़ित किशोरी ने अपने बयान में कहा कि उसके साथ वकील ने दुष्कर्म किया था. पुलिस ने विवेचना के बाद वकील उर्फ सिकंदर और नगमा के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया.
मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट संख्या 3 संजय कुमार यादव द्वितीय की अदालत में हुई. मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने वकील उर्फ सिकंदर और उसकी पत्नी नगमा को दोषी माना. न्यायालय ने लैंगिक अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम के तहत दोनों को 15-15 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई. न्यायालय ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. अर्थ दंड न देने पर उन्हें एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
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