अयोध्या : राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर संकट मोचन मंदिर चित्रकूट धाम से पदयात्रा कर सैकड़ों की संख्या में संत, धर्म आचार्य और राम भक्त गुरुवार को अयोध्या पहुंचे. इसी के साथ राम मंदिर निर्माण के संकल्प को पूरा करने के लिए 15 वर्षों से चल रहे अखंड संकीर्तन की पूर्णाहुति हुई. इसके बाद संतों ने रामलला के दर्शन किए.
दिसंबर 2009 में अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए श्रीराम नाम संकीर्तन बांदा के मंडल संयोजक भोले बाबा के नेतृत्व में प्रारंभ हुआ था. इसकी पूर्णाहुति के लिए गुरुवार को सैकड़ों रामभक्त चित्रकूट से पदयात्र करते हुए अयोध्या पहुंचे.
कारसेवकपुरम में सभी लोगों का फूलों से स्वागत किया गया. श्रीरामनाम संकीर्तन मंडली और पद यात्रा के संयोजक भोलेबाबा ने बताया कि नाम संकीर्तन परिवार ने 6 दिसंबर 2009 को संकट मोचनहनुमान मंदिर चित्रकूट में रामलला के भक्त हनुमानजी को साक्षी मानकर कीर्तन शुरू किया गया था. कामना थी कि रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हों और सारी बाधाएं दूर हों.
अब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. इसी के साथ लगातार 15 वर्षों तक अनवरत चले अखंड संकीर्तन की पूर्णाहुति गुरुवार को हो गई. उन्होंने बताया विगत 15 दिन पूर्व छह दिसम्बर को हम लोग चित्रकूट धाम सें नंगेपाव नगर भम्रण करते हुए अयोध्या धाम के लिए निकले थे.
विभिन्न मार्गों और पड़ावों से होकर हम अयोध्या पहुंचे. इस संकीर्तन यात्रा में महंत कृष्णनंद भूरीवाले बाबा पंजाब, कामता सिंह, अवधेश वाजपेयी, कल्लू विश्वकर्मा, गयाशरण, सहित सैकड़ भक्त समलित थे. वहीं, उमेशचंद्र पोरवाल, शरद शर्मा, अभिषेक, रजनीश कुमार, प्रदीप गुलशन आदि ने कारसेवकपुरम में पुष्प वर्षा कर स्वागत किया.
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