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सिलक्यारा सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाने का काम शुरू, इमरजेंसी में साबित होगा मददगार

Hume Pipe Laying in Silkyara Tunnel सिलक्यारा टनल हादसे के बाद बंद पड़ा काम रफ्तार पकड़ने लगा है. अब सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाया जा रहा है. यह काम जरूरी डी वाटरिंग और भूस्खलन के मलबे को निकालने से पहले सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है.

Silkyara Tunnel
सिलक्यारा टनल
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 4, 2024, 2:30 PM IST

उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाना शुरू कर दिया गया है. यह काम सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है. ताकि, सुरंग हादसे के बाद निर्माण के लिए डी वाटरिंग की जा सके. साथ ही भूस्खलन के मलबे को निकाला जा सके.

गौर हो कि बीती साल 2023 में 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोल गांव सुरंग में भूस्खलन हुआ था. जिसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. जिन्हें 17 दिन तक चल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को सकुशल बाहर निकाला गया था. इस हादसे के बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद है.

वहीं, 23 जनवरी को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल को खुद निर्माण शुरू करने की अनुमति दी. जिसके बाद कार्यदायी संस्था सुरंग निर्माण में सावधानी के साथ कदम बढ़ा रही है. सुरंग के बड़कोट मुहाने से निर्माण संबंधी कार्य शुरू कर दिए गए हैं.

हादसे वाले सिलक्यारा मुहाने के पास भूस्खलन के मलबे के कारण निर्माण के लिए जरूरी डी वाटरिंग और मलबा हटाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा था. ऐसे में बीती रोज यहां पंडित से पूजा अर्चना करवाकर सुरक्षात्मक कार्य शुरू कर दिए गए हैं. जिसके तहत यहां सुरंग धंसने जैसी स्थिति में बचाव के लिए सुरंग के किनारे-किनारे ह्यूम पाइप बिछाया जा रहा है. ताकि, आपात स्थिति में अंदर काम करने वालों को बाहर निकाला जा सके. यह पाइप मलबे के करीब तक बिछाया जाएगा.

"सुरक्षा के मद्देनजर ह्यूम पाइप बिछाया जा रहा है. अभी 4-5 मीटर तक ही पाइप बिछाया गया है. 40 से 50 मीटर पाइप और बिछाया जाएगा. जिसके बाद इस हिस्से में सुरंग को मजबूती देने का काम भी किया जाएगा." -कर्नल दीपक पाटिल, महाप्रबंधक, एनएचआईडीसीएल

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उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाना शुरू कर दिया गया है. यह काम सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है. ताकि, सुरंग हादसे के बाद निर्माण के लिए डी वाटरिंग की जा सके. साथ ही भूस्खलन के मलबे को निकाला जा सके.

गौर हो कि बीती साल 2023 में 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोल गांव सुरंग में भूस्खलन हुआ था. जिसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. जिन्हें 17 दिन तक चल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को सकुशल बाहर निकाला गया था. इस हादसे के बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद है.

वहीं, 23 जनवरी को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल को खुद निर्माण शुरू करने की अनुमति दी. जिसके बाद कार्यदायी संस्था सुरंग निर्माण में सावधानी के साथ कदम बढ़ा रही है. सुरंग के बड़कोट मुहाने से निर्माण संबंधी कार्य शुरू कर दिए गए हैं.

हादसे वाले सिलक्यारा मुहाने के पास भूस्खलन के मलबे के कारण निर्माण के लिए जरूरी डी वाटरिंग और मलबा हटाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा था. ऐसे में बीती रोज यहां पंडित से पूजा अर्चना करवाकर सुरक्षात्मक कार्य शुरू कर दिए गए हैं. जिसके तहत यहां सुरंग धंसने जैसी स्थिति में बचाव के लिए सुरंग के किनारे-किनारे ह्यूम पाइप बिछाया जा रहा है. ताकि, आपात स्थिति में अंदर काम करने वालों को बाहर निकाला जा सके. यह पाइप मलबे के करीब तक बिछाया जाएगा.

"सुरक्षा के मद्देनजर ह्यूम पाइप बिछाया जा रहा है. अभी 4-5 मीटर तक ही पाइप बिछाया गया है. 40 से 50 मीटर पाइप और बिछाया जाएगा. जिसके बाद इस हिस्से में सुरंग को मजबूती देने का काम भी किया जाएगा." -कर्नल दीपक पाटिल, महाप्रबंधक, एनएचआईडीसीएल

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