पलामूः मानव तस्करी में शामिल किंगपिन कौन है और कैसे नेटवर्क का संचालन कर रहा है. पुलिस ने इस नेटवर्क के किंगपिन तक पहुंचना चाहती है. पुलिस ने 20 ऐसे मुकदमों का चयन किया है. जिसके माध्यम से पूरे नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई किया जाना है. मुकदमों से जुड़े आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की टास्किंग की गई है.
झारखंड के कई जिला मानव तस्करी के हब के रूप में जाने जाते है. खूंटी के बाद लातेहार का इलाका मानव तस्करी के लिए चर्चित है. लातेहार में महुआडांड़ और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) थाना ने पिछले दो वर्षों में मानव तस्करी की शिकार 70 लड़कियों को मुक्त करवाया है. इस दौरान पुलिस ने तस्करी से जुड़े कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है. लड़कियों को दिल्ली, हरियाणा समेत अलग अलग राज्यो से मुक्त करवाया गया है.
महुआडांड़ के इलाके के सक्रिय है नेटवर्क, किंगपिन तक पहुंचना चाहती है पुलिस
लातेहार का महुआडांड़ का इलाका मानव तस्करी के लिए जाना जाता है. पुलिस ने जिन 20 मुकदमों को चिन्हित किया है, उनमें 15 से अधिक महुआडांड़ के इलाके के मामले है. पुलिस का मानना है कि मानव तस्करी के नेटवर्क से जुड़े आरोपी पकड़े जा रहे है. लेकिन किंगपिन का चेहरा सामने नहीं आ रहा है. किंगपिन की लड़कियों की तस्करी में सबसे बड़ी भूमिका है. यह किंगपिन स्थानीय या बाहर के राज्य का हो सकता है.
पुलिस अधिकारियों को मानव तस्करी के किंगपिन तक पहुंचने के लिए टास्किंग की गई. लातेहार अहातू और महुआडांड़ थाना में इस दिशा में बेहतर काम किया किया है. पुलिस अधिकारियों की यह निर्देश जारी किया गया है कि मानव तस्करी से जुड़े किंगपिन को पकड़ा जाए. वे खुद इससे जुड़े कार्रवाई का मोनिटरिंग कर रहे है. लातेहार के अलावा गढ़वा और पलामू जिले को भी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं. 20 मुकदमों का चयन किया गया है, आरोपियों खिलाफ अनुसंधान को पूरा करना और चार्जशीट दाखिल करना भी पुलिस की प्राथमिकता है. -वाईएस रमेश, डीआईजी, पलामू.
तस्करी की शिकार लड़कियां घरेलू नौकर और अनैतिक कार्यो के लिए होती है इस्तेमाल
मानव तस्करी की शिकार लड़कियों को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यो में घरेलू नौकर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. कई लड़कियों से अनैतिक कार्य तक करवाए जाते है. 2023 में नवरात्र के दौरान पुलिस ने कभी आज चलाया था और दो दर्जन सभी अधिक लड़कियों का रेस्क्यू किया था. रेस्क्यू होने के बाद लड़कियों ने पुलिस को बताया था कि उन्हें नौकर के रूप में प्रताड़ित किया जाता था. महुआडांड़ के इलाके एक लड़की पांच वर्ष से लापता थी. रेस्क्यू होने के बाद लड़की ने पुलिस को बताया था कि खाना तक नही दिया जाता था.
तस्करी की शिकार लड़कियों को प्रताड़ित किया जाता है. कुछ मजबूरी का फायदा उठाते है, नौकरी के बहाने लड़कियों को ले जाया जाता है और बेच दिया जाता है. तस्करों के लालच में माता पिता भी आते है, लोगो को जागरूक किए जाने की जरूरत है. -इंदु भगत, कानूनी मामलों की जानकार सह समाजसेवी.
पुलिस तक नहीं पहुंचता है कई मामला, जागरुकता पर जोर
मानव तस्करी से जुड़े कई ऐसे मामले हैं जो पुलिस तक नहीं पहुंचते है. 2023 में लातेहार पुलिस नक्सली सर्च अभियान में गई थी. लातेहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर ग्रामीणों ने बताया था कि गांव की 16 लड़कियां तस्करी का शिकार हुई हैं. लातेहार पुलिस ने अभियान चला कर एक सप्ताह में सभी लड़कियों का रेस्क्यू कर लिया था.
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