शिमला: व्यक्ति एक, उपलब्धियां अनेक...हिमाचल के लाल कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर के खाते में दर्ज उपलब्धियां किसी को भी चमत्कृत कर सकती हैं. भारतीय सेना में कैप्टन, एसपीजी सेवाओं के दौरान देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों आईके गुजराल, एचडी देवगौड़ा की सुरक्षा व्यवस्था संभालने के बाद आईपीएस अधिकारी के तौर पर राष्ट्रपति पुलिस मेडल, एशिया में वाइल्ड लाइफ क्राइम के खिलाफ अभियान के लिए इंटरपोल एप्रिसिएशन सहित अन्य अनेक उपलब्धियां कैप्टन ठाकुर को एक प्रेरक व्यक्तित्व बनाती हैं. इन्हीं कैप्टन रामेश्वर ठाकुर की भारतीय सेना सहित अन्य क्षेत्रों में सेवाओं को लेकर देश के सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शिमला में सम्मानित किया है. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शिमला में पश्चिमी कमान के मुख्यालय में कैप्टन ठाकुर को वेटरन अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया. इस दौरान जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कैप्टन रामेश्वर ठाकुर की देश के प्रति सेवाओं की भरपूर सराहना की.
गांव से आए, उपलब्धियों के आकाश में छाए
शिमला में सेना की पश्चिमी कमान आरट्रैक (आर्मी ट्रेनिंग कमांड) में आयोजित समारोह में कैप्टन रामेश्वर ठाकुर को वेटरन अचीवर अवार्ड दिया गया. इस दौरान देश के सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पश्चिमी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस कुशवाहा, पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा सहित अन्य सैन्य अफसर मौजूद थे. समारोह में बताया गया कि कैसे शिमला के एक छोटे से गांव से निकले कैप्टर रामेश्वर ठाकुर ने अपनी प्रतिभा का लोहा पूरे देश में मनवाया. प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सरकारी स्कूल घनाहट्टी से हासिल करने के बाद कैप्टन रामेश्वर ठाकुर ने संजौली कॉलेज से बीए ऑनर्स किया. सीडीएस परीक्षा पास करने के बाद वे ओटीए चेन्नई से प्रशिक्षण के बाद उन्होंने सेना की प्रतिष्ठित इन्फैंट्री बटालियन आउट रैम्स में कमीशन हासिल किया. उन्होंने 1986 से 1991 की अवधि में यहां सेवाएं दी. उन्होंने घाटी में आतंक विरोधी अभियानों में हिस्सा लिया. सेना में सेवाओं के बाद उन्होंने आईडीबीआई में सुरक्षा अधिकारी का जिम्मा उठाया. फिर वे वर्ष 1994 में हिमाचल पुलिस सेवा में आ गए. पंजाब पुलिस अकादमी से-बेस्ट इन इन्डोर, बेस्ट इन आउटडोर व ऑल राउंड बेस्ट ऑफिसर बनने का दुर्लभ गौरव हासिल किया.
एसपीजी में चयन
सेना के अनुभव और आउटस्टैंडिंग पुलिस ऑफिसर के रूप में पहचान बना चुके कैप्टन रामेश्वर ठाकुर की कैपेबिलिटीज को देखते हुए फिर 2001 में एसपीजी के लिए सिलेक्ट किया गया. यहां उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सुरक्षा में सेवाएं दीं. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिम्हा राव, आईके गुजराल व एचडी देवगौड़ा की सुरक्षा का जिम्मा भी उठाया. वे वर्ष 2010 तक एसपीजी में रहे और उस समय पीएम मनमोहन सिंह की सुरक्षा में थे. बाद में कैप्टन रामेश्वर ठाकुर वापिस हिमाचल आए और यहां एसपी के पद पर सेवाएं दीं. इलेक्शन कमीशन ने उन्हें वर्ष 2012 के चुनाव को बेहतरीन तरीके से संपन्न करवाने के लिए बेस्ट एसपी का अवार्ड भी दिया. इसके अलावा कैप्टन रामेश्वर ठाकुर देश के तीन एसएसपी अफसरों में शामिल थे, जिन्हें बेस्ट प्रैक्टिसेज अवार्ड के लिए चुनाव आयोग ने चुना था. कैप्टन रामेश्वर ठाकुर को वर्ष 2006 में पुलिस मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विसीज, वर्ष 2010 में पुलिस स्पेशल ड्यूटी मेडल (एसपीजी) व 2016 में प्रेसीडेंट पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया. इससे पहले वर्ष 2013 में कैप्टन रामेश्वर ठाकुर फिर से सेंट्रल डेपुटेशन में भारत सरकार में गए और वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) में सेवाएं दीं.
विदेश में सराही गई कैप्टन ठाकुर की सेवाएं
कैप्टन रामेश्वर ठाकुर ने वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो में सेवाओं के दौरान वन्य प्राणियों से जुड़े अपराधियों की कमर तोड़ दी. उन्हें वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल में शानदार काम के लिए जेनेवा में वर्ष 2019 में क्लार्क आर बेविन वाइल्ड लाइफ इन्फोर्समेंट अवार्ड दिया गया. एशिया में वाइल्ड लाइफ क्राइम के खिलाफ प्रभावी अभियान के लिए उन्हें इंटरपोल एप्रिसिएशन से सम्मानित किया गया. वर्ष 2020 में वे वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो से वापिस हिमाचल पुलिस में आए और डीआईजी का पदभार संभाला. कैप्टन ठाकुर जिस समय आईजी रैंक के अफसर के तौर पर पुलिस सेवाएं दे रहे थे, उन्हें हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग के चेयरमैन का कार्यभार संभालने के लिए चुना गया. वे इस समय लोकसेवा आयोग के चेयरमैन के तौर पर सेवारत हैं. उनके कार्यकाल में आयोग के कामकाज में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया गया है. कैप्टन ठाकुर टैक्निक फ्रेंडली हैं और कई तरह के सॉफ्टवेयर की जानकारी रखते हैं. उनके दो बेटे हैं और दोनों ही भारतीय वायुसेना में सेवाएं देकर परिवार की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. उनके बड़े बेटे एविएशन मेडिसिन स्पेशलिस्ट हैं और दूसरे वायुसेना में पायलट हैं. सेनाध्यक्ष से वेटरन अचीवर अवार्ड हासिल करने के बाद ईटीवी से बातचीत में कैप्टन रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि देश की सेना व हिमाचल की पुलिस में सेवा का अवसर मिलने पर वे कृतज्ञ हैं. देश की किसी भी रूप में सेवा को वे अपना सौभाग्य मानते हैं.