शिमला: हिमाचल में आर्थिक संकट से उभरने के लिए सुक्खू सरकार ने लोगों को दी जा रही फ्री बिजली पानी की सुविधा बंद कर दी है. प्रदेश वासियों के लिए अक्टूबर महीने की शुरुआत महंगाई के झटके के साथ हुई है. हिमाचल प्रदेश में अब उपभोक्ताओं को बिजली की अधिक खपत करने और पानी के बिलों का भुगतान करना होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व की जयराम सरकार ने लोगों को जो फ्री पानी की सुविधा दी थी, सुक्खू सरकार ने इस सुविधा को वापस ले लिया है. इस महीने से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पानी के प्रति कनेक्शन 100 रुपए चुकाने होंगे. सरकार ने पानी व सीवरेज का नया दाम तय कर दिया है. अब नई दरों पर लोगों को पानी मिलेगा. वहीं, कनेक्शन, मेंटेनेंस पर भी लोगों को अब पैसा देना होगा. जो 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं. इसी तरह इस महीने से बिजली की 300 यूनिट से ज्यादा की खपत करने पर सब्सिडी भी बंद हो जाएगी. वहीं, हिमाचल को अक्टूबर महीने के लिए केंद्र ने एपीएल परिवारों को जो सस्ते राशन का आवंटन किया है. उसमें चावल और गेहूं की मात्रा घटाई गई है.
पानी का टैरिफ तय
प्रदेश सरकार ने पानी का टैरिफ रेट निर्धारित कर दिया है. अब 0 से 20 किलोलीटर पानी खर्च करने पर 19.30 रुपए, 20 से 30 किलोलीटर पर 33.28 रुपए, 30 किलोलीटर से अधिक पर 59.90 रुपए प्रति किलोलीटर की दर निर्धारित की गई हैं. पानी के कनेक्शन पर मिनिमम मेंटेनेंस चार्ज 110 रुपए प्रति माह लगेगा. मीटर खराब होने पर तीन महीने का एवरेज बिल आएगा और 444.07 रुपए प्रतिमाह की दर से वसूली होगी. ये सभी दरें ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं पर लागू होंगी.
होटलों के लिए पानी की दरें
हिमाचल प्रदेश में बड़े होटलों के लिए नई दरें 0 से 30 किलोलीटर पर 106.30 रुपए, 30 किलो लीटर से 75 किलोलीटर तक 141.76 रुपए, 75 किलोलीटर से ऊपर 194.85 रुपए की दर से बिल वसूला जाएगा. इसी तरह से होटलों के लिए मिनिमम मेंटेनेंस चार्ज 220 रुपए प्रति महीना तय किया गया है. वहीं, खराब मीटर पर 7779.70 रुपए के हिसाब से पैसा वसूला जाएगा.
नॉन डोमेस्टिक और नॉन कमर्शियल दरें
नॉन डोमेस्टिक और नॉन कमर्शियल कनेक्शन के लिए दरें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 153.07 रुपए प्रति किलोलीटर तय की गई हैं. खराब मीटर में 7072.45 रुपए की दर से हर महीने वसूली होगी. इसी तरह से सीवरेज कनेक्शन के लिए भी नई दरें तय की गई हैं. सीवरेज का एडिशनल कनेक्शन लेने में दोगुनी राशि वसूली जाएगी. डोमेस्टिक के लिए यह चार्ज 500 रुपए तय किया गया है. कमर्शियल के लिए 1 हजार रुपए और नॉन डोमेस्टिक नॉन कमर्शियल पर 2500 रुपए लिए जाएंगे. शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज पर वाटर चार्जिज का 30 फीसदी पैसा लिया जाएगा. शहरों में कुछ संस्थानों की ओर से अपने वाटर सोर्सेज का इस्तेमाल होता है, उनसे सीवरेज का प्रति शीट 25 रुपए वसूलेंगे.
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर सप्लाई में अतिरिक्त पेयजल कनेक्शन लेने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं का रेट 200 रुपए होगा. कमर्शियल रेट 500 रुपए निर्धारित किया गया है. नॉन डोमेस्टिक नॉन कमर्शियल को यह दर 2500 रुपए तय की गई है. शहरों में डोमेस्टिक एडिशनल कनेक्शन 1 हजार रुपए में मिलेगा. कमर्शियल कनेक्शन के लिए 1500 रुपए देने होंगे. वहीं, नॉन कमर्शियल नॉन डोमेस्टिक में 2500 रुपए रखे गए हैं.
कमर्शियल और संस्थाओं के लिए दरें
जल शक्ति विभाग ने कमर्शियल उपभोक्ताओं व संस्थाओं के लिए भी नई दरें तय की हैं. सरकारी संस्थानों, अस्पतालों, स्कूल, धर्मशाला, धार्मिक स्थलों, ढाबों, दुकानों, वॉशिंग सेंटर्स, होम स्टे, प्राइवेट अस्पतालों, निजी स्कूलों, निजी कार्यालयों, रेस्तरां व अन्य सामान्य होटलों के लिए 0 से 20 किलोलीटर पानी 19.30 रुपए प्रति किलोलीटर, 20 से 30 किलोमीटर पानी पर 33.28 रुपए, 30 से 50 किलोलीटर पर 59.90 रुपए, 50 किलोलीटर से 100 किलोलीटर पर 106.30 और 100 किलोलीटर से अधिक पानी की खपत पर 150 रुपए प्रति किलोलीटर की दर तय की गई है. इनसे मिनीमम मेंटेनेंस चार्ज 110 रुपए फिक्स किए गए हैं. खराब मीटर पर 444.07 रुपए की दर से वसूली होगी.
नगर निगम के लिए ये रेट
नगर निगम सोलन और पालमपुर के लिए वाटर सप्लाई की दर 100 रुपए प्रति किलोलीटर निर्धारित की गई है. वहीं, सिंचाई योजनाओं पर 75 रुपए के हिसाब से रेट लिया जाएगा. सरकार ने शहरी निकायों व पंचायती राज संस्थाओं के लिए कुछ इंसेंटिव भी तय किया है. उनके एरिया में वाटर चार्जिज की बेहतरीन कलेक्शन यानी यदि 75 फीसदी से 100 फीसदी तक राजस्व जुटाते हैं, तो उनको कुल कलेक्शन का 15 फीसदी पैसा दिया जाएगा. यही उनकी कलेक्शन 50 से 75 फीसदी तक रहती है, तो 10 फीसदी पैसा मिलेगा और यदि 50 फीसदी तक कलेक्शन रहती है, तो पांच फीसदी का इंसेंटिव इन संस्थाओं को दिया जाएगा.
इनको जारी रहेगी फ्री पानी की सुविधा
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कुछ श्रेणियों के लिए फ्री पानी की सुविधा को जारी रखी है. इनमें विधवा, तलाकशुदा महिलाएं और दिव्यांगजन शामिल हैं. वहीं, जिन परिवारों की वार्षिक आय 50 हजार रुपए तक है. उनसे मौजूदा पानी की दरों की 50 फीसदी राशि ही वसूल की जाएगी.
केंद्र ने राशन के कोटे में भी लगाया कट
हिमाचल को अक्टूबर महीने के लिए केंद्र ने एपीएल परिवारों को जो सस्ते राशन का आवंटन किया है. उसमें चावल और गेहूं की मात्रा घटाई गई है. हालांकि इस महीने प्रदेश सरकार एपीएल परिवारों की आटे और चावल की मात्रा को नहीं घटाया है, लेकिन महंगाई के इस मुश्किल दौर में आने वाले समय में मध्यम वर्ग के परिवारों की परेशानी बढ़ सकती है. हिमाचल उपभोक्ता राज्य है. यहां कृषि का इतना अधिक उत्पादन नहीं होता है. ऐसे में यहां अधिकतर परिवार डिपुओं के सस्ते राशन पर ही निर्भर हैं.
राशन में 410 मीट्रिक टन का कट
केंद्र ने अक्टूबर महीने के लिए सस्ते राशन का आवंटन किया है. इस महीने के लिए आवंटित किए हुए सस्ते राशन के कोटे में 410 मीट्रिक टन का कट लगाया गया है. केंद्र से कुल 20,542 मीट्रिक टन राशन का आवंटन हुआ है. इसमें 14,179 मीट्रिक टन गेहूं और 6,363 मीट्रिक टन चावल का आवंटन किया गया है. ऐसे में राशन की मात्रा घटने से आने वाले समय में एपीएल परिवारों को मिलने वाले सस्ते राशन के कोटे में कटौती हो सकती है. वहीं, सितंबर महीने के लिए केंद्र से 20,952 मीट्रिक टन राशन आवंटन हुआ है. इसमें 14,490 मीट्रिक टन गेहूं और 6,462 मीट्रिक टन चावल हिमाचल को मिला था. केंद्र ने अब इसकी मात्रा कम कर दी है. जिससे गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वाले मध्यम वर्ग के परिवारों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.