ETV Bharat / state

हैदराबाद शिफ्ट हुई झारखंड की राजनीति, लियोनिया रिसॉर्ट में ठहराए गये हैं 35 विधायक, बाकी विधायक हैं कहां?

Jharkhand political crisis. झारखंड की राजनीति हैदराबाद शिफ्ट हो गई है. हैदराबाद 35 विधायक पहुंचे हैं, वहीं 47 विधायकों के समर्थन की बात कही जा रही है, ऐसे में बाकी विधायक कहां हैं, यह सवाल राजनीतिक गलियारों में आम है.

Jharkhand political crisis
Jharkhand political crisis
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 2, 2024, 8:37 PM IST

रांची: झारखंड की चंपई सोरेन सरकार को शक्ति परीक्षण से गुजरना है. राज्यपाल ने 10 दिन का समय दिया है. इस बीच खेला होने की संभावना को देखते हुए सत्ताधारी दल के विधायकों को दो चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया है. सभी को लियोनिया रिसॉर्ट में ठहराया गया है. पूरी व्यवस्था की देखरेख में तेलंगाना कांग्रेस के नेता जुटे हुए हैं.

इधर 5 और 6 फरवरी को विधानसभा का सत्र बुलाने से साफ हो गया है कि इसी दौरान सभी विधायक लौटेंगे और सदन में बहुमत दिखाएंगे. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक 4 फरवरी की शाम तक सभी विधायक रांची लौट जाएंगे और सर्किट हाउस में रुकेंगे. इसके बाद एक साथ 5 फरवरी को विधानसभा पहुंचेंगे. झारखंड विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 81 है. फिलहाल गांडेय सीट खाली होने की वजह से सदन में कुल 80 सदस्य हैं. इस लिहाज से बहुमत के लिए 41 विधायकों का होना जरुरी है. लेकिन सत्ताधारी दलों का दावा है कि उनके पास 47 विधायकों का समर्थन है.

35 विधायक हैं हैदराबाद में तो शेष कहां: इस सवाल के जवाब में झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कल लोबिन हेंब्रम भी हैदराबाद पहुंच जाएंगे. रामदास सोरेन दिल्ली में इलाजरत हैं. सीता सोरेन शपथ ग्रहण समारोह में आकर पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता दिखा चुकी हैं. जबकि बसंत सोरेन रांची में ही हैं. इसके अलावा 6 फरवरी को पुत्र की शादी की वजह से सुखराम उरांव अपने गृह क्षेत्र में हैं. वहीं, कांग्रेस के प्रदीप यादव भी झारखंड में ही हैं.

लिहाजा, 35 में इन 6 विधायकों की संख्या जोड़ने से कुल संख्या 41 हो जाती है जो बहुमत का मैजिक फिगर है. इसके अलावा सीएम चंपई सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता भी झारखंड में हैं. अब 41 की संख्या में इन तीनों का नाम जोड़ने से कुल संख्या 44 हो जाती है. इसके अलावा स्पीकर रविंद्रनाथ महतो, न्यायिक हिरासत में चल रहे हेमंत सोरेन और झामुमो विधायक चमरा लिंडा को जोड़ने से कुल संख्या 47 हो जाती है. खास बात है कि भाकपा माले के विनोद कुमार सिंह का भी समर्थन प्राप्त है. इस लिहाज से चंपई सरकार के पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त से ज्यादा विधायकों का साथ है. अब देखना है कि इस एकजुटता के बावजूद फ्लोर पर कैसी तस्वीर बनकर सामने आती है.

रांची: झारखंड की चंपई सोरेन सरकार को शक्ति परीक्षण से गुजरना है. राज्यपाल ने 10 दिन का समय दिया है. इस बीच खेला होने की संभावना को देखते हुए सत्ताधारी दल के विधायकों को दो चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया है. सभी को लियोनिया रिसॉर्ट में ठहराया गया है. पूरी व्यवस्था की देखरेख में तेलंगाना कांग्रेस के नेता जुटे हुए हैं.

इधर 5 और 6 फरवरी को विधानसभा का सत्र बुलाने से साफ हो गया है कि इसी दौरान सभी विधायक लौटेंगे और सदन में बहुमत दिखाएंगे. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक 4 फरवरी की शाम तक सभी विधायक रांची लौट जाएंगे और सर्किट हाउस में रुकेंगे. इसके बाद एक साथ 5 फरवरी को विधानसभा पहुंचेंगे. झारखंड विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 81 है. फिलहाल गांडेय सीट खाली होने की वजह से सदन में कुल 80 सदस्य हैं. इस लिहाज से बहुमत के लिए 41 विधायकों का होना जरुरी है. लेकिन सत्ताधारी दलों का दावा है कि उनके पास 47 विधायकों का समर्थन है.

35 विधायक हैं हैदराबाद में तो शेष कहां: इस सवाल के जवाब में झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कल लोबिन हेंब्रम भी हैदराबाद पहुंच जाएंगे. रामदास सोरेन दिल्ली में इलाजरत हैं. सीता सोरेन शपथ ग्रहण समारोह में आकर पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता दिखा चुकी हैं. जबकि बसंत सोरेन रांची में ही हैं. इसके अलावा 6 फरवरी को पुत्र की शादी की वजह से सुखराम उरांव अपने गृह क्षेत्र में हैं. वहीं, कांग्रेस के प्रदीप यादव भी झारखंड में ही हैं.

लिहाजा, 35 में इन 6 विधायकों की संख्या जोड़ने से कुल संख्या 41 हो जाती है जो बहुमत का मैजिक फिगर है. इसके अलावा सीएम चंपई सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता भी झारखंड में हैं. अब 41 की संख्या में इन तीनों का नाम जोड़ने से कुल संख्या 44 हो जाती है. इसके अलावा स्पीकर रविंद्रनाथ महतो, न्यायिक हिरासत में चल रहे हेमंत सोरेन और झामुमो विधायक चमरा लिंडा को जोड़ने से कुल संख्या 47 हो जाती है. खास बात है कि भाकपा माले के विनोद कुमार सिंह का भी समर्थन प्राप्त है. इस लिहाज से चंपई सरकार के पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त से ज्यादा विधायकों का साथ है. अब देखना है कि इस एकजुटता के बावजूद फ्लोर पर कैसी तस्वीर बनकर सामने आती है.

ये भी पढ़ें-

झारखंड से लेकर हैदराबाद तक राजनीतिक सरगर्मी, चार्टर्ड प्लेन से पहुंचे विधायक

चंपई सोरेन सरकार की पहली कैबिनेट में तीन प्रस्ताव पर लगी मुहर, 5-6 फरवरी को विशेष सत्र में होगा बहुमत परिक्षण

हेमंत सोरेन भेजे गए 5 दिन की रिमांड पर, जमीन घोटाला मामले में ईडी करेगी पूछताछ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.