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कैसे करें मां बगलामुखी की आराधना, जानिए पूजा का विधान और मुहूर्त - Maa Baglamukhi Jayanti 2024

Maa Baglamukhi Jayanti 2024 वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 15 मई को दुर्गा अष्टमी, बुद्ध अष्टमी और बंगलामुखी जयंती के रूप में मनाई जाएगी. आईए जानते हैं कि इस दिन आप कैसे मां को प्रसन्न कर सकते हैं.

Maa Baglamukhi Jayanti 2024
कैसे करें मां बगलामुखी की आराधना (ETV Bharat Chhattisagrh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 14, 2024, 2:43 AM IST

Updated : May 15, 2024, 8:08 AM IST

कैसे करें मां बगलामुखी की आराधना (ETV Bharat Chhattisagrh)

रायपुर : मां बगलामुखी की आराधना कई तरह के फल देती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन यज्ञ हवन, तर्पण, दान, बुजुर्गों की सेवा, पक्षियों, निराश्रितों सूक्ष्मजीव और जलीय जीवों को अन्न दान करना चाहिए. इस शुभ दिन सूर्योदय से पूर्व हल्दी मिले हुए जल से स्नान करना चाहिए. शरीर में पवित्र हल्दी का उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए. बगलामुखी माता की आराधना साधना एवं विशिष्ट पूजन करना चाहिए. माता बगलामुखी शक्ति पराक्रम और तेजस्विता की देवी मानी जाती है. मां बगलामुखी अपनी संतानों का विशेष रूप से ध्यान रखती हैं. आज के दिन माता के लिए उपवास करना अभिष्ट फलकारी माना गया है.



ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि बंगलामुखी जयंती के शुभ दिन अहोरात्र, अश्लेषा, नक्षत्र वृद्धि और राक्षस योग साथ ही विशकुंभ और ववकरण का सुंदर संयोग बन रहा है. आज के शुभ दिन व्यतिपात योग है. शाम को 5:20 पर भद्रा निवृत्त होगी. संपूर्ण दिवस अष्टमी के रूप में माना जाएगा. अहोरात्र योग होने की वजह से दुर्गा अष्टमी और बगलामुखी जयंती का विशिष्ट महत्व माना गया.''

''आज के शुभ दिन मध्यप्रदेश स्थित दतिया माता के बगलामुखी मंदिर में विशिष्ट पूजा पाठ यज्ञ हवन का कार्यक्रम होता है. बगलामुखी देवी शत्रुओं पर विजय प्रदान करने वाली और विघ्नों को हराने वाली देवी मानी जाती है. आज के शुभ बंगलामुखी माता की पूजा करने पर संपूर्ण कामनाएं सिद्ध होती है. समस्त कार्यों में शत्रु बाधा दूर हो जाती है. जीवन में ज्ञात अज्ञात प्रत्यक्ष और परोक्ष शत्रुओं का विनाश करने वाली देवी के रूप में मां बगलामुखी जानी जाती है."- पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिषाचार्य

कैसे करें मां बगलामुखी की आराधना : बगलामुखी जयंती के शुभ दिन पीले वस्त्र पीले पहनकर पूजा करनी चाहिए. साथ ही हल्दी की गांठ हल्दी से यज्ञ करने का विधान है. पीली लकड़ी, पीले ऋतु फल को अर्पित करने का विधान है. बगलामुखी की साधना करते समय एकाग्रता और सादगी का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. आज के शुभ दिन तामसिक और नकारात्मक विचारों को स्थान नहीं देना चाहिए. आज के दिन बगलामुखी माता के विशिष्ट मंत्र का पाठ करना चाहिए. पीले चंदन की माला से बगलामुखी माता की अभीष्ट साधना करने पर कार्य सिद्ध होते हैं. मां दुर्गा अष्टमी जो की अष्टमी को अपने साधकों को अपने भक्तों को विशिष्ट फल प्रदान करने वाली होती है. वे आज के दिन यज्ञ करने से प्रसन्न होती है. आज के दिन किया हुआ यज्ञ हवन होने वाली अग्निहोत्र माता तक सीधे ही पहुंचता है और साधकों की समस्त कामनाएं पूर्ण होती है.

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कैसे करें मां बगलामुखी की आराधना (ETV Bharat Chhattisagrh)

रायपुर : मां बगलामुखी की आराधना कई तरह के फल देती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन यज्ञ हवन, तर्पण, दान, बुजुर्गों की सेवा, पक्षियों, निराश्रितों सूक्ष्मजीव और जलीय जीवों को अन्न दान करना चाहिए. इस शुभ दिन सूर्योदय से पूर्व हल्दी मिले हुए जल से स्नान करना चाहिए. शरीर में पवित्र हल्दी का उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए. बगलामुखी माता की आराधना साधना एवं विशिष्ट पूजन करना चाहिए. माता बगलामुखी शक्ति पराक्रम और तेजस्विता की देवी मानी जाती है. मां बगलामुखी अपनी संतानों का विशेष रूप से ध्यान रखती हैं. आज के दिन माता के लिए उपवास करना अभिष्ट फलकारी माना गया है.



ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि बंगलामुखी जयंती के शुभ दिन अहोरात्र, अश्लेषा, नक्षत्र वृद्धि और राक्षस योग साथ ही विशकुंभ और ववकरण का सुंदर संयोग बन रहा है. आज के शुभ दिन व्यतिपात योग है. शाम को 5:20 पर भद्रा निवृत्त होगी. संपूर्ण दिवस अष्टमी के रूप में माना जाएगा. अहोरात्र योग होने की वजह से दुर्गा अष्टमी और बगलामुखी जयंती का विशिष्ट महत्व माना गया.''

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कैसे करें मां बगलामुखी की आराधना : बगलामुखी जयंती के शुभ दिन पीले वस्त्र पीले पहनकर पूजा करनी चाहिए. साथ ही हल्दी की गांठ हल्दी से यज्ञ करने का विधान है. पीली लकड़ी, पीले ऋतु फल को अर्पित करने का विधान है. बगलामुखी की साधना करते समय एकाग्रता और सादगी का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. आज के शुभ दिन तामसिक और नकारात्मक विचारों को स्थान नहीं देना चाहिए. आज के दिन बगलामुखी माता के विशिष्ट मंत्र का पाठ करना चाहिए. पीले चंदन की माला से बगलामुखी माता की अभीष्ट साधना करने पर कार्य सिद्ध होते हैं. मां दुर्गा अष्टमी जो की अष्टमी को अपने साधकों को अपने भक्तों को विशिष्ट फल प्रदान करने वाली होती है. वे आज के दिन यज्ञ करने से प्रसन्न होती है. आज के दिन किया हुआ यज्ञ हवन होने वाली अग्निहोत्र माता तक सीधे ही पहुंचता है और साधकों की समस्त कामनाएं पूर्ण होती है.

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Last Updated : May 15, 2024, 8:08 AM IST
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