How To Identify Injected Watermelon: बाजार में इन दिनों बड़ी मात्रा में इंजेक्शन वाले तरबूज बेचे जा रहे हैं. तरबूज को लाल दिखाने के लिए इनमें इंजेक्शन लगाकर घातक लाल रंग मिलाया जा रहा है. यह बड़ों के साथ-साथ बच्चों की सेहत के लिए काफी खतरनाक है. चलिए आपको बताते हैं कि ऐसी कौन सी सावधानियां बरतीं जाएं जिससे इंजेक्शन वाले तरबूज की पहचान हो सके. दरअसल हाल में ही FSSAI ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि घातक केमिकल वाले तरबूज की पहचान आखिर कैसे की जाए.
कॉटन से कर सकते हैं पहचान
जब भी तरबूज खरीदकर घर लाएं तो कॉटन यानी रुई के दो टुकड़े लें. इसे तरबूज के गूदे वाले हिस्से में लगाकर प्रेस करें. यदि दोनों का रंग लाल हो जाता है तो समझ जाएं कि यह तरबूज इंजेक्शन वाला है. यह घातक केमिकल आपको नुकसान पहुंचा सकता है.
आखिर इस केमिकल के क्या नुकसान है
तरबूज में जो लाल रंग इंजेक्शन से मिलाया जा रहा है उसे एरिथ्रोसिन कहते हैं. लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से बच्चों का थायरॉड फंक्शन इससे काफी प्रभावित होता है. इसके साथ ही बच्चों के व्यवहार में भी काफी बदलाव आ जाता है.
अक्सर पकाने के लिए कार्बाइड भी इस्तेमाल होता है
बाजार में अक्सर आपको तरबूज के ऊपर सफेद रंग का पाउडर जैसा दिखता होगा. इसे कार्बाइड कहते हैं. यह शरीर के कई अंगों के लिए घातक है. कार्बाइड का इस्तेमाल आम और केले पकाने के लिए भी किया जाता है. फल को खरीदने के बाद अच्छी तरह से जरूर धोएं ताकि उस पर कार्बाइड न रह जाए और आपको कोई नुकसान न पहुंचे. कोशिश करके फलों को घर में लाने के बाद थोड़ी देर पानी में पड़ा रहने दे, इससे उसके ऊपर का जमा कार्बाइड पानी में घुल जाएगा. इसके बाद फल का इस्तेमाल करें.
ये खास बातें भी ध्यान दें
- कई बार नाइट्रोजन से तरबूज पकाया जाता है. यह विषैला तत्व है.
- तरबूज को अच्छा लाल रंग का दिखाने के लिए अक्सर लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो, सुडान रेड जैसी आर्टिफिशियिल डाई का इस्तेमाल किया जाता है.
- कार्बाइड से पकाए गए तरबूज लिवर और किडनी के लिए घातक हैं.
- तरबूज को लाल रंग देने के लिए इस्तेमाल होने वाला मेथनॉल यलो कैंसर का मरीज बना सकता है.
ऐसे भी कर सकते पहचान
- तरबूज जरूरत से ज्यादा लाल या पका नजर आए तो अलर्ट हो जाएं.
- यदि तरबूज में कहीं कोई गड्ढा दिखे तो सतर्क हो जाएं.
- यदि तरबूज पर कुछ सफेद पाउडर जैसा नजर आए तो खरीदने से बचें.
- तरबूज खाने पर स्वाद कुछ कसैला या बदला जैसा लगे तो न खाएं.
एक तरीका ऐसा भी
तरबूज खरीदकर लाएं और उसे कुछ देर पानी में छोड़ दें. इसके बाद दो तीन दिन ऐसे ही छोड़ दें यदि उसमें सफेद पानी जैसा या फिर गला जैसा निशान दिखें तो न इस्तेमाल करें. यदि ऊपर बताई गई जांचों के बाद तरबूज ठीक नजर आता है तो इस्तेमाल कर लें.
(नोटः इस खबर के किसी भी दावे की पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है. यह जानकारी केवल ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है)
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