रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव, विधानसभा उपचुनाव के बाद अब निकाय चुनाव का रण तैयार हो रहा है. बीजेपी ने सभी तीनों चुनावों में दमदार प्रदर्शन किया है. अब बीजेपी सदस्यता अभियान में 60 लाख सदस्य बनाने के बाद दावा कर रही है कि आने वाले निकाय चुनाव में भी वह कमाल करेगी. जबकि कांग्रेस बीजेपी को साल 2018 के विधानसभा चुनाव की याद दिला रही है. कांग्रेस कह रही है कि उस चुनाव में बीजेपी को उतने भी वोट नहीं मिले थे जितने उसने सदस्य बनाए थे. राजनीतिक विश्लेषक का मानाना है कि सदस्यता अभियान में सफलता से बीजेपी का मोरल जरूर हाई है, लेकिन निकाय चुनाव में ऐसा नहीं है कि ज्यादा सदस्य होने से उन्हें ज्यादा वोट मिलेंगे.
बीजेपी का दावा, सदस्यता अभियान हुआ कामयाब: बीजेपी ने दावा किया है कि उनका सदस्यता अभियान छत्तीसगढ़ में सफल रहा है. भाजपा ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ने की मुहिम चलाई. पार्टी की ओर से यहां पर 60 लाख सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया था. जिसके तहत भाजपा ने 60 लाख 60 हजार सदस्य बनाएं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि भाजपा एक ऐसा राजनीतिक दल है, जो लोकतांत्रिक तरीके से अपने संगठन को आगे बढ़ता है. हमने सदस्यता अभियान चलाया, सक्रिय सदस्य बनाए हैं. बूथों के चुनाव चल रहे हैं, मंडल, जिला, प्रदेश, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव होगा. यह एक प्रक्रिया है. कांग्रेस के अंदर इस तरह की प्रक्रिया नहीं है. हमारा पिछला रिकॉर्ड था 56 लाख सदस्य बनाने का था. जिसे हमने तोड़ दिया है. इस बार 60 लाख से अधिक सदस्य बनाए हैं.
प्रत्येक व्यक्ति बीजेपी ओर उसकी नीतियों के साथ जुड़ना चाहता है. मुझे लगता है जब हमारा परिवार मजबूत होगा, हमारी टीम मजबूत होगी, तो उसका लाभ निश्चित तौर पर मिलेगा. आने वाले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में हमें बड़ी सफलता मिलेगी. कांग्रेस दूर-दूर तक दिखाई नहीं देगी. हम इसलिए जीतेंगे क्योंकि जनता का विश्वास हमारे ऊपर है. जो नए सदस्य बने हैं वह बूथ पर जाकर भाजपा के लिए लड़ाई लड़ेंगे-संजय श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
कांग्रेस ने बीजेपी के दावों पर साधा निशाना: कांग्रेस ने बीजेपी के दावों पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को उतने भी वोट नहीं मिले थे, जितने उनके सदस्य थे. साल 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले 56 लाख सदस्य बनाने का दवा भाजपा की ओर से किया जा रहा था , लेकिन जब विधानसभा का चुनाव परिणाम आया, तो महज 32 लाख वोट ही उन्हें मिले थे. आज 60 लाख सदस्य बनाने का दावा कर रहे हैं और जब चुनाव के परिणाम आएंगे तो भाजपा के दावे धरे रह जाएंगे.
राज्य में बीजेपी की सरकार को एक साल हो गए हैं. मोदी की गारंटी के नाम पर जो वादा किया था उस पर कोई काम नहीं किया गया है. महतारी वंदन योजना में जहां प्रदेश की सभी महिलाओं को पैसा मिलना था, उसमें से मात्र 30% महिलाओं को पैसा मिल रहा है. वृद्धा पेंशन बंद है और ₹500 सिलेंडर का आता पता नहीं है. जिस प्रकार से स्कूल कॉलेज में व्यवस्था है, बिजली के दाम बढ़े हुए हैं. ऐसे में भाजपा कुछ भी दावा कर ले. 60 लाख क्या 1 करोड़ से ऊपर सदस्य बनाने का दावा कर सकते हैं , दावा करने में क्या जाता है, लेकिन धरातल पर कुछ और है-धनंजय सिंह ठाकुर, कांग्रेस प्रवक्ता
मेंबरशिप पर क्या कहते हैं पॉलिटकल एक्सपर्ट: बीजेपी सदस्यता अभियान के फॉर्मूले पर राजनीति के जानकार उचित शर्मा का अलग मत है. उनका कहना है कि सदस्य बनना और चुनाव में उनके द्वारा वोट करना दोनों अलग-अलग बाते हैं. यह जरूरी नहीं की सदस्य हो तो उसी पार्टी को वोट करे. इसका उदाहरण भी पूर्व के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला है. उचित शर्मा ने कहा कि बीजेपी ने सदस्यता अभियान में 60 लाख सदस्य बनने का दावा किया है. इतनी जनसंख्या भी कई देशों की नहीं है. यह जरूरी नहीं है कि इसका फायदा उन्हें आने वाले चुनाव में भी मिलेगा.
इस सदस्यता अभियान का नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. यह बोलने के लिए अच्छा है, लेकिन हकीकत में ऐसा जरूरी नहीं है कि जो सदस्य बने हैं वह उसी पार्टी को वोट दें. पिछली बार की बात की जाए तो बीजेपी के जितने सदस्य थे उतने वोट भी नहीं मिले थे. इसलिए कहना चाहूंगा की सदस्यता बढ़ाना जीत सुनिश्चित करने का प्रमाण नहीं है- उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति के जानकार
2019 के निकाय चुनाव के नतीजों पर नजर: साल 2019 में 10 नगर निगम, 38 नगर पालिका और 103 नगर पंचायत में चुनाव हुए थे. कुल 151 नगरीय निकाय में चुनाव हुए थे. जिसमें 77 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. 56 में बीजेपी को जीत मिली थी. 12 निकायों में दोनों ही दलों के प्रत्याशी जीते थे. यहां फाइट 50-50 का था. कुल 8 निर्दलीय किंगमेकर की भूमिका में थे. 10 नगर निगमों में से 7 में कांग्रेस और एक में बीजेपी को बहुमत मिला था. दो नगर निगमों में कांग्रेस और बीजेपी में बराबरी का आंकड़ा छुआ था. प्रदेश की 38 नगर पालिकाओं में से 18 पर कांग्रेस जीती थी. जबकि 17 में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत हासिल हुआ था. तीन नगर पालिकाओं पर अन्य का दबदबा था. इसके अलावा 103 नगर पंचायतों में से 52 में कांग्रेस, 36 में बीजेपी को क्लीयर बहुमत मिला था. 10 नगर पंचायतों में फाइट बराबर की रही थी. पांच में निर्दलीय के पास सत्ता की चाबी थी.
बीजेपी साय सरकार के एक साल के कार्यकाल में किए गए काम को लेकर भी जीत की ताल ठोक रही है. इसके अलावा बीजेपी की तरफ से सदस्यता अभियान को लेकर भी दंभ भरा जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि निकाय चुनाव में इस बार तस्वीर अलग रहेगी. कांग्रेस ऐसे सभी दावों को नकार रही है.