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क्या आपको पता है कितने तरह के होते हैं गुंडे! थानों के गुंडा पंजी में दर्ज होता है नाम - Types of goons - TYPES OF GOONS

Categories of criminals. क्या आपको पता है कि गुंडे कितने प्रकार के होते हैं? थानों में अलग-अलग कैटेगरी में गुंडा पंजी में अपराधियों के नाम दर्ज होते हैं.

Categories of criminals
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 7, 2024, 6:48 PM IST

पलामू: अक्सर अपराधी घटनाओं के बाद गुंडा और बदमाश का जिक्र होता है. पुलिस के पास एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें सभी गुंडा और बदमाशों के नाम दर्ज होते हैं. थानों में मौजूद इस दस्तावेज को गुंडा पंजी कहा जाता है. गुंडा पंजी में दर्ज नाम पर पुलिस निगरानी रखती है. पुलिस के पास मौजूद पंजी में 11 अलग-अलग प्रकार के गुंडों का जिक्र है. पलामू के सभी थानों में गुंडा पंजी मौजूद है और 11 अलग-अलग प्रकार के कैटेगरी में कई नाम दर्ज हैं.

कौन-कौन से 11 प्रकार के हैं गुंडों की कैटेगरी

  1. शराबी: यह आदतन शराबी होते हैं और शराब पीने के बाद चौक चौराहों पर हंगामा करते हैं और लोगों को परेशान करते हैं.
  2. ब्लैकमेलर: यह विभिन्न प्रकार के होते है. यह किसी के जीवन के लिए पैसे एवं संपत्ति की मांग करते है एवं लगातार किसी की कमजोरी को पड़कर उसके एवज में पैसे या अन्य तरह की मांग करते हैं.
  3. मधतस्कर: अवैध रूप से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले
  4. ईव टीजर: यह रोमियो टाइप होते हैं, लड़कियों को देखने के बाद सिटी मारते हैं या उनके साथ छेड़खानी करते हैं.
  5. काला धंधेबाज: यह गुंडा और अपराधी टाइप होते हैं और यह ब्लैक मार्केटिंग करते हैं.
  6. दंगाई: यह विभिन्न तरह के विवादों में रहते हैं और दंगा फैलाने की कोशिश करते हैं.
  7. लिटीगेंट: यह विवादित व्यक्ति होते हैं और अपराधी एवं गुंडों के आदतन जमानतदार होते हैं और झगड़े को बढ़ाते हैं.
  8. सैबो टियर्स (आतंकी): यह आतंकित करने वाले घटनाओं को अंजाम देते हैं. तोड़फोड़ या हिंसक घटनाओं को भी अंजाम देते हैं.
  9. कम्यूनिकलिस्ट: यह किसी भी समुदाय में होते हैं और लोगों को भड़काते है.
  10. स्टूडेंट प्रोवोगेटर्स: यह किसी को मोटिवेट करते हैं और उसे खतरनाक स्थिति में लाने वाले होते है.
  11. मानव तस्कर: यह महिला एवं लड़कियों की तस्करी करते हैं.

कैसे दर्ज होता है गुंडा पंजी में नाम, पुलिस की क्या होती है भूमिका

पुलिस इलाके में अपराध एवं इससे जुड़े हुए एक-एक गतिविधि का आकलन करती है. अपराध से जुड़े हुए मामले में पुलिस स्टेशन डायरी करती है और अपराध में जुड़े व्यक्ति की भूमिका के आधार पर व्यक्ति का नाम गुंडा पंजी में दर्ज किया जाता है. सदर एसडीपीओ मन भूषण प्रसाद ने बताया कि गुंडा पंजी में दर्ज नाम पर पुलिस निगरानी रखती है. गुंडा पंजी में दर्ज कैटेगरी में जुड़े अपराध में संबंधित व्यक्ति से पूछताछ एवं उसकी भूमिका की जांच की जाती है.

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पलामू: अक्सर अपराधी घटनाओं के बाद गुंडा और बदमाश का जिक्र होता है. पुलिस के पास एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें सभी गुंडा और बदमाशों के नाम दर्ज होते हैं. थानों में मौजूद इस दस्तावेज को गुंडा पंजी कहा जाता है. गुंडा पंजी में दर्ज नाम पर पुलिस निगरानी रखती है. पुलिस के पास मौजूद पंजी में 11 अलग-अलग प्रकार के गुंडों का जिक्र है. पलामू के सभी थानों में गुंडा पंजी मौजूद है और 11 अलग-अलग प्रकार के कैटेगरी में कई नाम दर्ज हैं.

कौन-कौन से 11 प्रकार के हैं गुंडों की कैटेगरी

  1. शराबी: यह आदतन शराबी होते हैं और शराब पीने के बाद चौक चौराहों पर हंगामा करते हैं और लोगों को परेशान करते हैं.
  2. ब्लैकमेलर: यह विभिन्न प्रकार के होते है. यह किसी के जीवन के लिए पैसे एवं संपत्ति की मांग करते है एवं लगातार किसी की कमजोरी को पड़कर उसके एवज में पैसे या अन्य तरह की मांग करते हैं.
  3. मधतस्कर: अवैध रूप से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले
  4. ईव टीजर: यह रोमियो टाइप होते हैं, लड़कियों को देखने के बाद सिटी मारते हैं या उनके साथ छेड़खानी करते हैं.
  5. काला धंधेबाज: यह गुंडा और अपराधी टाइप होते हैं और यह ब्लैक मार्केटिंग करते हैं.
  6. दंगाई: यह विभिन्न तरह के विवादों में रहते हैं और दंगा फैलाने की कोशिश करते हैं.
  7. लिटीगेंट: यह विवादित व्यक्ति होते हैं और अपराधी एवं गुंडों के आदतन जमानतदार होते हैं और झगड़े को बढ़ाते हैं.
  8. सैबो टियर्स (आतंकी): यह आतंकित करने वाले घटनाओं को अंजाम देते हैं. तोड़फोड़ या हिंसक घटनाओं को भी अंजाम देते हैं.
  9. कम्यूनिकलिस्ट: यह किसी भी समुदाय में होते हैं और लोगों को भड़काते है.
  10. स्टूडेंट प्रोवोगेटर्स: यह किसी को मोटिवेट करते हैं और उसे खतरनाक स्थिति में लाने वाले होते है.
  11. मानव तस्कर: यह महिला एवं लड़कियों की तस्करी करते हैं.

कैसे दर्ज होता है गुंडा पंजी में नाम, पुलिस की क्या होती है भूमिका

पुलिस इलाके में अपराध एवं इससे जुड़े हुए एक-एक गतिविधि का आकलन करती है. अपराध से जुड़े हुए मामले में पुलिस स्टेशन डायरी करती है और अपराध में जुड़े व्यक्ति की भूमिका के आधार पर व्यक्ति का नाम गुंडा पंजी में दर्ज किया जाता है. सदर एसडीपीओ मन भूषण प्रसाद ने बताया कि गुंडा पंजी में दर्ज नाम पर पुलिस निगरानी रखती है. गुंडा पंजी में दर्ज कैटेगरी में जुड़े अपराध में संबंधित व्यक्ति से पूछताछ एवं उसकी भूमिका की जांच की जाती है.

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