रायपुर: नगरीय निकाय चुनाव के लिए 11 फरवरी को मतदान होना है. निकाय चुनावों में जीत के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां पूरा दम लगा रही हैं. निकाय चुनाव के लिए दोनों ही दलों की ओर से अबतक चुनावी घोषणापत्र जारी नहीं किया गया है. जनता को दोनों ही पार्टियों के घोषणापत्र का इतंजार है. जबकी नामांकन की तारीख खत्म हो चुकी है. घोषणापत्र में पार्टियों के पांच साल के किए जाने वाले कामों का ब्लू प्रिंट होता है. उसी पर विकास का खाका खीचा जाता है.
पब्लिक को घोषणापत्र का इंतजार: चुनाव लड़ने वाले पार्टियों का चुनावी घोषणापत्र काफी अहम होता है. जनता पर घोषणापत्र का सीधा असर पड़ता है. मतदाता पार्टियों के घोषणापत्र को बड़ी गंभीरता के साथ लेते हैं. घोषणापत्र का चुनावी परिणाम पर भी असर नजर आता है. घोषणा पत्र के माध्यम से राजनीतिक दल अपनी भावी योजनाएं जो चुनाव के बाद में जनता को सौगात देने वाले हैं, उसके बारे में जानकारी देते हैं.
कांग्रेस ने घोषणापत्र तैयार करने के लिए समिति का गठन कर लिया है. समिति की बैठक भी हो चुकी है. प्रदेश के नगरीय निकाय के विकास के लिए बैठक में विचार किया गया है. प्रदेश और जनता की जरुरत के अनुसार घोषणापत्र तैयार है. प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की अनुमति मिलते ही इसे जारी कर दिया जाएगा - दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
बीजेपी पर दीपक बैज का तंज: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बैज ने कहा कि बीजेपी क्या घोषणा करेगी ये तो देखनी वाली बात होगी. पर विधानसभा में जो घोषणापत्र पार्टी ने जारी किया था वो तो अभी तक अधूरा है. नगरीय निकाय में घोषणापत्र जारी कर बीजेपी क्या करेगी. पार्टी को तो पहले ये बताना चाहिए कि क्या क्या वादे पूरे किए गए हैं.
घोषणापत्र तैयार किए जाने का काम जारी है. जल्द ही हमारी पार्टी घोषणापत्र को जारी करेगी - अरुण साव, डिप्टी सीएम
31 जनवरी को नाम वापसी की तारीख है. उस दिन उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो जाएगी. संभव है उसके बाद घोषणापत्र जारी हो जाए. अभी 10 दिन मतदान को बचे हुए हैं और इसमें भी यदि घोषणापत्र आता है तो बहुत पर्याप्त समय है. यदि चुनाव के नजदीक घोषणा पत्र आता है तो स्वाभाविक है इसकी चर्चाएं होंगी. उसका ज्यादा असर भी वोटरों पर होगा - अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार, रायपुर
क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार: राजनीतिक खबरों पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के सिंबल के साथ चेहरे की भूमिका बड़ी होती है. इन चेहरों की चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा रहती है. दोनों पार्टियों ने अपना अपना घोषणापत्र अभी तक जारी नहीं किया है. मतदान के एक हफ्ते पहले भी घोषणापत्र सामने आ सकता है, पूर्व में ऐसा हो चुका है. विधानसभा चुनाव में भी वोटिंग से कुछ दिन पहले घोषणापत्र जारी हुआ था.