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दल बनाकर आज से चुनावी दंगल में उतरेंगे प्रशांत किशोर, बड़ा सवाल- राजनीतिक दलों के लिए कितनी बड़ी चुनौती बनेंगे PK? - Prashant Kishor

Jan Suraaj: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक को सत्ता दिलाने में मजबूत भूमिका निभाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब अपनी पार्टी बनाकर बिहार की सत्ता पर काबिज होने का प्लानिंग बना रहे हैं. हालांकि सियासत में उनकी दस्तक के साथ ही अन्य दलों में खलबली मची हुई है. ऐसे में सवाल है कि क्या बिहार की राजनीति में पीके असरदार हो पाएंगे? पढ़ें पूरी खबर..

Prashant Kishor
प्रशांत किशोर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 2, 2024, 10:46 AM IST

पटना: जन सुराज के बैनर तले पिछले दो सालों से बिहार में पदयात्रा करने वाले प्रशांत किशोर आज गांधी जयंती के दिन अपने नए राजनीतिक दल की घोषणा करेंगे. पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड से वह इसका ऐलान करेंगे. पदयात्रा के माध्यम से वह अब गांव-गांव जाकर लोगों को राजनीति के प्रति जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. वह अब तक 3500 किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके हैं. तीन महीने पहले उन्होंने घोषणा की थी कि बिहार की राजनीति में एक विकल्प के तौर पर वह राजनीतिक दल का गठन करेंगे.

जन सुराज के रूप में राजनीतिक दल का गठन: प्रशांत किशोर राजनीति में बिहार के बड़े राजनीतिक दलों से दो-दो हाथ करने को तैयार है. बुधवार से बिहार में एक नई पार्टी के साथ वह बिहार के लोगों के बीच राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगें. प्रशांत किशोर का दावा है कि एक करोड़ जन सुराज के सदस्यों के साथ राजनीतिक दल का गठन होगा. वह लगातार समाज के हर तबकों से अपने साथ जुड़ने की अपील कर रहे हैं, जिसका असर भी दिख रहा है.

बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर का असर (ETV Bharat)

"2 अक्टूबर को पार्टी बनने दीजिए. 6 महीना में जहां खड़ा होंगे, वहां जन सुराज ही दिखेगा. अभी तो मैंने चुनाव प्रचार शुरू भी नहीं किया है. अभी दल का गठन नहीं हुआ है, 2 अक्टूबर के बाद बिहार के लोग देखेंगे कि चुनाव प्रचार कैसे किया जाता है."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

प्रशांत किशोर पर क्या बोलीं जेडीयू प्रवक्ता?: प्रशांत किशोर का दावा है कि 2025 में बिहार में जन सुराज की सरकार बनेगी. वहीं उनकी सक्रियता ने सभी दलों की परेशानी बढ़ा दी है. हालांकि सत्ताधारी जेडीयू का मानना है कि उनके लिए कोई दल या व्यक्ति चुनौती नहीं है. प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि हमारी चुनौती हमारे लिए हमारा वह कमिटमेंट है, जो हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने नेता और अपनी आम अवाम से किया है. उन्होंने कहा कि कोई भी पॉलीटिकल पार्टी या कोई भी नेता दावा तो करेंगे ही लेकिन बिहार में नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं बन सकता है.

Prashant Kishor
जन सुराज में कई दलों के नेता शामिल (ETV Bharat)

"कई नेता बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन उनके दावों में कोई सच्चाई नहीं है. हमारे देश में डेमोक्रेटिक व्यवस्था है, जिसमें पॉलीटिकल पार्टी बनाने का, यात्रा करने का और लोगों से मिलने का सबको हक है लेकिन इन सब चीजों से जदयू को कोई चुनौती नहीं है. बिहार की जनता को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा है. इसलिए कोई भी दल या नेता आ जाए, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है." - अंजुम आरा, प्रवक्ता, जेडीयू

'नेता नहीं, इवेंट मैनेजर हैं प्रशांत किशोर': वहीं, बीजेपी का मानना है कि देश में बहुत सारी पार्टी हैं और सबको चुनाव लड़ने का हक है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि पार्टी कोई भी बना सकता है. प्रशांत किशोर भी नई पार्टी का गठन कर रहे हैं लेकिन जनता का समर्थन जिसके साथ रहता है, वही पार्टी सरवाइव करता है. बिहार की राजनीति को लेकर प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि यहां की राजनीति बहुत ही पेंचिदा है. कास्ट इक्वेशन और उसके साथ-साथ विकास यहां के लिए बड़ा विषय है. जहां तक प्रशांत किशोर की बात है तो वह एक इवेंट मैनेजर के रूप में जाने जाते हैं, उनका कोई जनाधार नहीं है.

Prashant Kishor
प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

"विकास को बिहार की धरातल पर उतरने का काम एनडीए की सरकार ने किया है. बिहार के लोगों को एनडीए पर भरोसा है. जहां तक प्रशांत किशोर की बात है तो वह एक इवेंट मैनेजर के रूप में जाने जाते हैं. लंबे समय से गांव में पदयात्रा करके लोगों को एकत्रित करने का काम कर रहे हैं लेकिन जिस तरीके की बात वह कर रहे हैं और जो लोगों को सपना दिखा रहे हैं, वह सपना कभी पूरा होने वाला नहीं है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

'खेल शुरू होने से पहले पीके हिट विकेट': उधर, आरजेडी का मानना है कि राजनीतिक दल के गठन से पहले ही प्रशांत किशोर हिट विकेट हो गए हैं. प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि प्रशांत किशोर राजनीतिक दल के गठन को लेकर दावा कर रहे थे कि 2 करोड़ लोगों के साथ पार्टी बनाएंगे लेकिन जब पार्टी गठन की जगह की बात हुई तो वेटरनरी कॉलेज का ग्राउंड चुना है, जिसमें 5000 आदमी ही जुट सकते हैं.

"प्रशांत किशोर किसी राजनीतिक दल के इशारे पर यह सब कर रहे हैं, ये बात बिहार की जनता जानती है. प्रशांत किशोर पीआर एजेंसी चलाने में और नारा गढ़ने में महारत हासिल किए हुए हैं. नारा से लोगों को आकर्षित कर सकते हैं लेकिन आपके साथ लोग खड़े नहीं हो सकते. इसलिए राजद के लिए वह कोई चुनौती नहीं होंगे."- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

क्या कहते हैं जानकार?: राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि मल्टी पार्टी सिस्टम में डेमोक्रेसी में सभी दलों को यह अधिकार है कि वह अपनी पार्टी का गठन करे और लोगों के सामने एक विकल्प बने. प्रशांत किशोर जनहित के मुद्दों को लेकर मुखर हैं. बिहार के प्रति व्यक्ति आय से लेकर गरीबी, अभाव, शिक्षा, चिकित्सा, पलायन, रोजगार के मुद्दे पर वह मुखरता से अपनी बात रखते हैं. उनकी बात को लोग सुनते भी हैं लेकिन जनता कितना भरोसा करेंगी यह चुनाव के बाद पता चलेगा. इस बात में भी सच्चाई है कि बिहार में उनको लेकर लोगों के प्रति एक धारणा बनी है.

"प्रशांत किशोर जमीनी हकीकत और पीड़ा समझ कर यदि वह कुछ कहते हैं और पार्टी का गठन कर रहे हैं तो इसका प्रभाव पड़ेगा. एनडीए गठबंधन और इंडिया गठबंधन 34 वर्षों से बिहार की सत्ता में काबिज रही है. लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल को भी और नीतीश कुमार के कार्यकाल को भी बिहार के लोगों ने देखा है लेकिन इतनी हकीकत है कि जाति आधारित गणना के सर्वेक्षण में करीब एक करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे बिहार में रह रहे हैं, यह भी यह सच्चाई है. ऐसे में उनके दावों की सच्चाई चुनाव परिणाम के बाद ही सामने आ पाएगी."- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

पीके के कारण सभी दलों में खलबली: प्रशांत किशोर की पार्टी का आज गठन हो जाएगा. सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी सुविधा के अनुसार राजनीतिक बयान दे रहे हैं लेकिन इसमें भी हकीकत है कि प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान से सभी राजनीतिक दलों के अंदर कुछ बेचैनी दिखी है. यही कारण है कि आरजेडी जैसे बड़े राजनीतिक दल को अपने कार्यकर्ताओं को उनके इस अभियान से दूर रहने के लिए पत्र लिखना पड़ा. ऐसे में अब देखना होगा कि राजनीतिक दल के गठन होने के बाद बिहार की जनता प्रशांत किशोर के वादों और दावों पर कितना भरोसा करती है?

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जन सुराज के रूप में राजनीतिक दल का गठन: प्रशांत किशोर राजनीति में बिहार के बड़े राजनीतिक दलों से दो-दो हाथ करने को तैयार है. बुधवार से बिहार में एक नई पार्टी के साथ वह बिहार के लोगों के बीच राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगें. प्रशांत किशोर का दावा है कि एक करोड़ जन सुराज के सदस्यों के साथ राजनीतिक दल का गठन होगा. वह लगातार समाज के हर तबकों से अपने साथ जुड़ने की अपील कर रहे हैं, जिसका असर भी दिख रहा है.

बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर का असर (ETV Bharat)

"2 अक्टूबर को पार्टी बनने दीजिए. 6 महीना में जहां खड़ा होंगे, वहां जन सुराज ही दिखेगा. अभी तो मैंने चुनाव प्रचार शुरू भी नहीं किया है. अभी दल का गठन नहीं हुआ है, 2 अक्टूबर के बाद बिहार के लोग देखेंगे कि चुनाव प्रचार कैसे किया जाता है."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

प्रशांत किशोर पर क्या बोलीं जेडीयू प्रवक्ता?: प्रशांत किशोर का दावा है कि 2025 में बिहार में जन सुराज की सरकार बनेगी. वहीं उनकी सक्रियता ने सभी दलों की परेशानी बढ़ा दी है. हालांकि सत्ताधारी जेडीयू का मानना है कि उनके लिए कोई दल या व्यक्ति चुनौती नहीं है. प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि हमारी चुनौती हमारे लिए हमारा वह कमिटमेंट है, जो हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने नेता और अपनी आम अवाम से किया है. उन्होंने कहा कि कोई भी पॉलीटिकल पार्टी या कोई भी नेता दावा तो करेंगे ही लेकिन बिहार में नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं बन सकता है.

Prashant Kishor
जन सुराज में कई दलों के नेता शामिल (ETV Bharat)

"कई नेता बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन उनके दावों में कोई सच्चाई नहीं है. हमारे देश में डेमोक्रेटिक व्यवस्था है, जिसमें पॉलीटिकल पार्टी बनाने का, यात्रा करने का और लोगों से मिलने का सबको हक है लेकिन इन सब चीजों से जदयू को कोई चुनौती नहीं है. बिहार की जनता को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा है. इसलिए कोई भी दल या नेता आ जाए, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है." - अंजुम आरा, प्रवक्ता, जेडीयू

'नेता नहीं, इवेंट मैनेजर हैं प्रशांत किशोर': वहीं, बीजेपी का मानना है कि देश में बहुत सारी पार्टी हैं और सबको चुनाव लड़ने का हक है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि पार्टी कोई भी बना सकता है. प्रशांत किशोर भी नई पार्टी का गठन कर रहे हैं लेकिन जनता का समर्थन जिसके साथ रहता है, वही पार्टी सरवाइव करता है. बिहार की राजनीति को लेकर प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि यहां की राजनीति बहुत ही पेंचिदा है. कास्ट इक्वेशन और उसके साथ-साथ विकास यहां के लिए बड़ा विषय है. जहां तक प्रशांत किशोर की बात है तो वह एक इवेंट मैनेजर के रूप में जाने जाते हैं, उनका कोई जनाधार नहीं है.

Prashant Kishor
प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

"विकास को बिहार की धरातल पर उतरने का काम एनडीए की सरकार ने किया है. बिहार के लोगों को एनडीए पर भरोसा है. जहां तक प्रशांत किशोर की बात है तो वह एक इवेंट मैनेजर के रूप में जाने जाते हैं. लंबे समय से गांव में पदयात्रा करके लोगों को एकत्रित करने का काम कर रहे हैं लेकिन जिस तरीके की बात वह कर रहे हैं और जो लोगों को सपना दिखा रहे हैं, वह सपना कभी पूरा होने वाला नहीं है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

'खेल शुरू होने से पहले पीके हिट विकेट': उधर, आरजेडी का मानना है कि राजनीतिक दल के गठन से पहले ही प्रशांत किशोर हिट विकेट हो गए हैं. प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि प्रशांत किशोर राजनीतिक दल के गठन को लेकर दावा कर रहे थे कि 2 करोड़ लोगों के साथ पार्टी बनाएंगे लेकिन जब पार्टी गठन की जगह की बात हुई तो वेटरनरी कॉलेज का ग्राउंड चुना है, जिसमें 5000 आदमी ही जुट सकते हैं.

"प्रशांत किशोर किसी राजनीतिक दल के इशारे पर यह सब कर रहे हैं, ये बात बिहार की जनता जानती है. प्रशांत किशोर पीआर एजेंसी चलाने में और नारा गढ़ने में महारत हासिल किए हुए हैं. नारा से लोगों को आकर्षित कर सकते हैं लेकिन आपके साथ लोग खड़े नहीं हो सकते. इसलिए राजद के लिए वह कोई चुनौती नहीं होंगे."- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

क्या कहते हैं जानकार?: राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि मल्टी पार्टी सिस्टम में डेमोक्रेसी में सभी दलों को यह अधिकार है कि वह अपनी पार्टी का गठन करे और लोगों के सामने एक विकल्प बने. प्रशांत किशोर जनहित के मुद्दों को लेकर मुखर हैं. बिहार के प्रति व्यक्ति आय से लेकर गरीबी, अभाव, शिक्षा, चिकित्सा, पलायन, रोजगार के मुद्दे पर वह मुखरता से अपनी बात रखते हैं. उनकी बात को लोग सुनते भी हैं लेकिन जनता कितना भरोसा करेंगी यह चुनाव के बाद पता चलेगा. इस बात में भी सच्चाई है कि बिहार में उनको लेकर लोगों के प्रति एक धारणा बनी है.

"प्रशांत किशोर जमीनी हकीकत और पीड़ा समझ कर यदि वह कुछ कहते हैं और पार्टी का गठन कर रहे हैं तो इसका प्रभाव पड़ेगा. एनडीए गठबंधन और इंडिया गठबंधन 34 वर्षों से बिहार की सत्ता में काबिज रही है. लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल को भी और नीतीश कुमार के कार्यकाल को भी बिहार के लोगों ने देखा है लेकिन इतनी हकीकत है कि जाति आधारित गणना के सर्वेक्षण में करीब एक करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे बिहार में रह रहे हैं, यह भी यह सच्चाई है. ऐसे में उनके दावों की सच्चाई चुनाव परिणाम के बाद ही सामने आ पाएगी."- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

पीके के कारण सभी दलों में खलबली: प्रशांत किशोर की पार्टी का आज गठन हो जाएगा. सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी सुविधा के अनुसार राजनीतिक बयान दे रहे हैं लेकिन इसमें भी हकीकत है कि प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान से सभी राजनीतिक दलों के अंदर कुछ बेचैनी दिखी है. यही कारण है कि आरजेडी जैसे बड़े राजनीतिक दल को अपने कार्यकर्ताओं को उनके इस अभियान से दूर रहने के लिए पत्र लिखना पड़ा. ऐसे में अब देखना होगा कि राजनीतिक दल के गठन होने के बाद बिहार की जनता प्रशांत किशोर के वादों और दावों पर कितना भरोसा करती है?

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