कोंडागांव : छत्तीसगढ़ सरकार ने डीएमएफ की मदद से पिछड़े इलाकों में ग्रामीणों के साथ क्षेत्र को उन्नत बनाने का प्लान तैयार किया.लेकिन कोंडागांव में उद्यानिकी विभाग पर किसानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. किसानों का आरोप है कि उद्यानिकी विभाग ने डीएमएफ राशि से जो काम करवाया है.उसका भुगतान नहीं किया गया.उल्टा किसानों को क्रियान्वयन एजेंसी बनाकर उनके पासबुक और चेकबुक पर साइन करवाकर अफसरों ने अपने पास रखे.इसके बाद राशि का आहरण कर लिया. किसानों का आरोप है कि जो काम हुआ उसका भी भुगतान उन्हें नहीं मिला है. वहीं उद्यानिकी विभाग का दावा है कि सारे काम नियम के मुताबिक हुआ हैं.यदि किसी को भी इसमें आपत्ति है या फिर किसी तरह की लापरवाही हुई है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
क्या है पूरा मामला ? : कोंडागांव जिले में उद्यानिकी विभाग पर डीएमएफ राशि में बंदरबाट करने के आरोप किसानों ने लगाए हैं.जहां केशकाल विकासखंड में ऑयल पाम वृक्षारोपण के काम के लिए डीएमएफ का इस्तेमाल किया गया.लेकिन किसानों की जानकारी के बिना ही उनके नाम पर खाते खुलवाकर राशि का आहरण करवा लिया गया.किसानों का आरोप है कि जो काम बताया गया था वो पूरा भी नहीं हुआ.वहीं जितने लोगों ने काम किया उनको मजदूरी भी नहीं मिली.
उद्यानिकी के बजाय किसानों को बनाया गया क्रियान्वयन एजेंसी : इस काम के लिए उद्यानिकी विभाग के बजाय किसानों को ही क्रियान्वयन एजेंसी बना दिया. इसके बाद किसानों के नाम से बैंक खाता खुलवाकर रूपए उनके खातों में ट्रांसफर कर दिया. प्रोजेक्ट को सुपरवाइज करने वाले उद्यान अधीक्षक लोकेश प्रसाद ध्रुव का कहना है कि डीएमएफ मद से ऑयल पॉम पौध रोपण प्रक्षेत्र में फेंसिंग, गेट निर्माण के लिए 2 करोड़ 27 लाख रुपए की राशि आवंटित की गयी थी. जिसके लिए किसानों का समूह बनाकर उनके समूह के अध्यक्ष के खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया.
किसानों ने लगाए आरोप : जिन ग्रामीणों के खाते खुलवाकर पैसों का आहरण किया गया,उन्हें ना तो खाता और ना ही पैसों के बारे में कोई जानकारी है.ईटीवी भारत ने किसानों से जब बात की तो सारा मामला सामने आया. ग्रामीणों के मुताबिक उनके खाते में कितने पैसे आए,कितना व्यय हुआ उन्हें नहीं पता.क्योंकि सभी लोगों के पासबुक,चेकबुक और सील उद्यानिकी विभाग के अफसरों के पास है.
''उद्यानिकी विभाग के अफसरों ने ब्लैंक चेक पर सिग्नेचर भी करवा लिए हैं. इसलिए कितनी राशि निकाली गयी और किसे दी गई ये नहीं पता है.फेंसिंग और बाउंड्री कार्य में कहीं चार गेट लगाए लगाए जाने थे. वहां दो या तीन गेट ही लगाए गए हैं. साथ ही जाली को लगाने के लिए पोल भी कम लगाए गए हैं. उनकी सुरक्षा के लिए उन पर जो पेंट किया जाना था वह भी गायब है.'' गोकुल राम नेताम, किसान
विभाग का दावा नहीं हुई गड़बड़ी : इस बारे में डिप्टी डायरेक्टर उद्यानिकी विभाग कोंडागांव विमल कुमार गौतम का कहना है कि ऑयल पाम पौधारोपण केंद्रीय क्षेत्रीय योजना है. इसमें 300 हेक्टेयर में पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें कि बयानार, पिटिसपाल, कानागांव, केजंग, चलका, गांव में रोपण हुआ है. जिसमें 124 किसानों के खेतों में लगभग 214 हेक्टेयर में ऑयल पाम पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें 133 हेक्टेयर क्षेत्र में अभी रोपण कार्य किया गया है. इसमें फेंसिंग और गेट निर्माण कार्य जिला खनिज न्यास निधि से हुआ है. इसमें निर्माण एजेंसी सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग कोंडागांव है.
''काम में विभाग के नियमों का पालन हुआ है. पहले समूह तैयार किया गया. उसमें एक समूह में 8-10 किसान लिए गए. जिसमें उस समूह के अध्यक्ष-सचिव के खातों में डीबीटी (DBT) की गयी है. इसमें निविदा की आवश्यकता नहीं थी. किसानों से यदि ब्लेंक चेक पर सिग्नेचर करवाया गया या राशि निकाली गयी थी तो इस संबंध में जांच करवाई जायेगी. मुझे इस सम्बन्ध में अभी जानकारी नहीं है.'' विमल कुमार गौतम, डिप्टी डायरेक्टर,उद्यानिकी विभाग
इस बारे में सीपीआई के जिला सचिव तिलक पांडे का कहना है कि डीएमफ मद से किसानों के खेतों में ऑयल पाम पौधारोपण प्रक्षेत्र में फेंसिंग और गेट निर्माण कार्य हुआ है. जिसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है. प्रशासन को इस पूरे मामले की जांच करवानी चाहिए.
किसान और विभाग के दावे अलग-अलग : इस पूरे काम में उद्यानिकी विभाग का दावा है कि डीएमएफ राशि को निकालकर काम करवाने में नियमों का पालन हुआ है.लेकिन किसानों ने मजदूरी नहीं मिलने और बिना जानकारी के पैसे निकालने के आरोप लगाए हैं.ऐसे में सच्चाई क्या है इस बात की जानकारी जांच कराने के बाद ही सामने आ पाएगी.