देहरादूनः चुनाव के दौरान बूथों पर जितने भी होमगार्ड और पीआरडी जवानों की ड्यूटी लगाई जाती है, उनको मानदेय दिया जाता है. लेकिन चुनाव में पुलिस की ड्यूटी लगाने के दौरान तमाम थाने खाली हो जाते हैं, जिसके चलते तमाम होमगार्ड और पीआरडी जवानों को थाने में ड्यूटी लगाई जाती है. लेकिन उनको इसका कोई अतिरिक्त मानदेय नहीं दिया जाता है. ऐसे में पहली बार निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि थानों में तैनात होने वाले होमगार्ड और पीआरडी जवानों को भी अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश के 12 हजार 892 पोस्टल बैलेट मतदाताओं में से 94.73 फीसदी मतदाताओं ने पोस्टल वोटिंग के जरिए मतदान किया है. जबकि 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान ये पोस्टल वोटिंग का मत प्रतिशत 94.66 था. ऐसे में अभी कुछ जिलों में पोस्टल वोटिंग पेंडिंग है. जिसके बाद मत फीसदी और अधिक हो जाएगा. वहीं, 85 साल से अधिक उम्र के 9376 मतदाता और दिव्यांग 2876 मतदाताओं ने मतदान किया है. इसके साथ ही एसेंशियल वोटर के रूप में 505 लोगों ने होम वोटिंग के लिए आवेदन दिया है, जो 14 और 15 अप्रैल को मतदान करेंगे.
सी-विजिल एप के जरिए शिकायत के मामले में उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है. जहां सबसे अधिक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज की गई है. अभी तक सी-विजिल एप पर 19 हजार 532 शिकायतें दर्ज हुई हैं. इसके साथ राजनीतिक दलों की ओर से अभी तक 2666 परमिशन मांगे गए हैं.
चुनाव के दौरान करीब 93 हजार कर्मचारियों को तैनात किया गया है. इन सभी कर्मचारियों के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई है. जिसके तहत बीएलओ को एक हजार रुपए का भुगतान इंटरनेट और कॉलिंग के लिए दिया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के कुल बूथों में से 5892 बूथों की वेबकास्टिंग की जाएगी. ऐसे में इन बूथों पर वेबकास्टिंग के लिए तैनात कर्मचारियों को 300 रुपए प्रतिदिन मानदेय देने की व्यवस्था पहली बार की है.
वहीं, पोलिंग पार्टियों को बिस्तर ले जाने की जरूरत न पड़े, इसके लिए पहली बार यह व्यवस्था की गई है कि स्थानीय स्तर पर ही उन्हें बिस्तर उपलब्ध करा दिया जाए. लेकिन लेखपालों ने मात्र 500 रुपए में बिस्तर उपलब्ध कराने से मना कर दिया है. जिसके चलते सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय स्तर पर पोलिंग पार्टियों को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बिस्तर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए.
पहली बार मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदाताओं को शपथ दिलाई गई है. अभी तक 60 लाख मतदाताओं को मतदान देने के लिए शपथ दिलाई गई है. जिन भी मतदाताओं को शपथ दिलाई गई है, उनका सिग्नेचर भी लिया गया है. इसके साथ ही पहली बार पोलिंग पार्टियों को सामान लाने और ले जाने के लिए बैग पैक भी दिया है, जो चुनाव के बाद अपने साथ घर ले जा सकेंगे. इसके अलावा पहली बार निर्वाचन आयोग ने बूथ हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम भी तैयार है. अगर किसी को स्वास्थ्य सुविधा की जरूरत होगी तो तत्काल इलाज का लाभ ले सकेंगे.
इस चुनाव के दौरान तमाम जगहों पर शादियां भी हैं, जिसके लिए बसों को चुनाव ड्यूटी में न लगाने का अनुरोध किया गया था. जिसको देखते हुए निर्वाचन आयोग ने 160 बसों को चुनावी ड्यूटी से मुक्त किया है. इसके साथ ही हर चुनाव में देहरादून जिले से 30 फीसदी बसें चुनाव की ड्यूटी पर लगाई जाती थी, लेकिन इस बार मात्र 10 फीसदी बसों को ही चुनाव ड्यूटी में लगाया है. हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक सखी बूथ बनाने का निर्णय लिया गया था. लेकिन इस बार 92 सखी बूथ प्रदेश भर में बनाए गए हैं. इसी क्रम में सभी जिलों में एक एक मॉडल बूथ बनाना था. लेकिन प्रदेश भर में 23 मॉडल बूथ बनाए गए हैं. इसके साथ ही प्रदेश भर में 68 पीडब्ल्यूडी बूथ बनाए गए हैं.
अल्मोड़ा में पोलिंग कर्मियों को दी गई ट्रेनिंग: लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान की सभी तैयारियां अपने अंतिम चरण में है. इस दौरान जहां मतदान केंद्रों में तैनात कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं मतदान स्थलों को भी व्यवस्थित किया जा रहा है. उदय शंकर नृत्य संगीत अकादमी के ऑडिटोरियम में 146 माइक्रो ऑब्जर्वर एवं निर्वाचन ड्यूटी से अवमुक्त किए गए कार्मिकों के स्थान पर प्रतिस्थानी 140 मतदान कार्मिकों को मतदान एवं ईवीएम वीवीपैट का प्रशिक्षण दिया गया. ताकि मतदान के दिन किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तुरंत उसका समाधान किया जा सके.
पोस्टल बैलेट के जरिए किया मतदान: लोकसभा चुनाव के अंतर्गत शनिवार को जनपद चमोली में पुलिस के जवानों एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्मिकों ने सुविधा केंद्र में पोस्टल बैलेट से अपना मतदान किया. चुनाव आयोग द्वारा ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों, अधिकारियों, सेना या अर्द्वसैनिक बलों के अलावा आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागीय कार्मिकों को भी इस बार डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा दी गई है. ताकि कोई भी मतदाता मतदान से वंचित न रह सके. आवश्यक सेवाओं में बिजली, पानी, रोडवेज, डेयरी, फायर फाइटर, चिकित्सा, शिक्षा आदि सहित पहली बार मीडियाकर्मियों को भी इस श्रेणी में रखते हुए डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा दी गई है.
ये भी पढ़ेंः पौड़ी में पकड़ी गई शराब पर सियासत गर्म, अनिल बलूनी ने दी सफाई, सुनिये क्या कहा