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कोरिया के इस गांव में पांच दिन पहले मनाते हैं होली, अनहोनी का डर ! - Holi In Amarpur Village Of Korea

Amarpur villagers Celebrate Holi कोरिया जिले में एक ऐसा गांव है जहां होली के पहले ही लोगों ने रंग गुलाल खेलकर होली का त्योहार मना लिया. बुधवार को लोगों ने होली खेली. इससे पहले मंगलवार को होलिका दहन किया गया.

holi 2024
कोरिया के अमरपुर गांव में होली
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 21, 2024, 1:46 PM IST

Updated : Mar 22, 2024, 11:25 AM IST

कोरिया के अमरपुर गांव में होली

कोरिया: होली का त्योहार देशभर में 25 मार्च को मनाया जाएगा. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के अमरपुर गांव में पंचाग के अनुसार होली से पांच दिन पहले होली मनाने की परंपरा है. सालों से इस गांव के लोग इसी तरह होली का त्योहार मनाते आए हैं.

holi 2024
स्कूल के बच्चे खेल रहे होली

होली के दिन त्योहार मनाने से गांव में अप्रिय घटना होने का डर: अमरपुर गांव जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है. आसपास के क्षेत्र में अमरपुर गांव का नाम पंचांग से पहले होली मनाने के लिए जाना जाता है. यानी सालों से इस गांव के लोग होली के त्योहार से पहले ही मनाते हैं.इस संबंध में गांव में कई किस्से कहे जाते हैं. ग्रामीणों का मानना है कि यदि वे हिंदू पंचांग के अनुसार होली के दिन खुशियां मनाएंगे तो गांव में कोई अप्रिय घटना घट जाएगी.

holi 2024
होली से पहले रंग गुलाल खेलते लोग

पहले जब भी होली के दिन त्यौहार मनाते थे तब गांव में कोई अप्रिय घटना घट जाती थी, इस वजह से पंचांग के अनुसार होली मनाना बंद कर दिया गया. उससे पांच दिन पहले होली खेलने की परंपरा शुरू की गई. त्योहार मनाने से पहले गांव के लोग मुर्गी की पूजा कर नकारात्मक शक्तियों को गांव से बाहर निकालते हैं इसके बाद होली मनाया जाता है.- गांव के ग्रामीण

holi 2024
होलिका दहन भी पहले

बच्चों को बताते हैं पूर्वजों के किस्से : अमरपुर के ग्रामीण पूर्वजों की चलाई जा रही प्रथाओं को लेकर बेहद गंभीर है. ग्रामीणों का कहना है कि पूर्वजों द्वारा बनाए गए नियम से ही गांव में अप्रिय घटना रुकी हुई है. ग्रामीण अपने आने वाली पीढ़ियों को भी पूर्वजों द्वारा बनाए गए नियमों के बारे में बताते हैं. सालों से चली आ रही परंपरा ने गांव को एक अलग ही पहचान दे दी है.

होली के पहले ग्रामीण करते हैं बैठक: ग्रामीणों ने बताया कि होली के त्योहार से पहले गांव के सभी लोगों की बैठक होती है. बैठक में होली की तैयारी को लेकर चर्चा होने के बाद सभी लोग त्यौहार मनाते हैं. दिन में रंग गुलाल खेल कर फाग गीतों पर झूमने के बाद शाम को सब एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां खाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार होने वाली होली के दिन गांव में कोई होली नहीं खेलता. गांव के लोग भी सालों से चली आ रही इस परंपरा को बचाए रखना चाहते हैं.

गांव को महामारी से बचाने होली से पहले मुर्गी का होता है मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतुपर में श्रृंगार
भिलाई की महिलाएं फूल-फल और पत्तों से बना रहीं हर्बल गुलाल
अपनी राशि के अनुसार चुने रंगों से खेलें होली, चमकेगी किस्मत !

कोरिया के अमरपुर गांव में होली

कोरिया: होली का त्योहार देशभर में 25 मार्च को मनाया जाएगा. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के अमरपुर गांव में पंचाग के अनुसार होली से पांच दिन पहले होली मनाने की परंपरा है. सालों से इस गांव के लोग इसी तरह होली का त्योहार मनाते आए हैं.

holi 2024
स्कूल के बच्चे खेल रहे होली

होली के दिन त्योहार मनाने से गांव में अप्रिय घटना होने का डर: अमरपुर गांव जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है. आसपास के क्षेत्र में अमरपुर गांव का नाम पंचांग से पहले होली मनाने के लिए जाना जाता है. यानी सालों से इस गांव के लोग होली के त्योहार से पहले ही मनाते हैं.इस संबंध में गांव में कई किस्से कहे जाते हैं. ग्रामीणों का मानना है कि यदि वे हिंदू पंचांग के अनुसार होली के दिन खुशियां मनाएंगे तो गांव में कोई अप्रिय घटना घट जाएगी.

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होली से पहले रंग गुलाल खेलते लोग

पहले जब भी होली के दिन त्यौहार मनाते थे तब गांव में कोई अप्रिय घटना घट जाती थी, इस वजह से पंचांग के अनुसार होली मनाना बंद कर दिया गया. उससे पांच दिन पहले होली खेलने की परंपरा शुरू की गई. त्योहार मनाने से पहले गांव के लोग मुर्गी की पूजा कर नकारात्मक शक्तियों को गांव से बाहर निकालते हैं इसके बाद होली मनाया जाता है.- गांव के ग्रामीण

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होलिका दहन भी पहले

बच्चों को बताते हैं पूर्वजों के किस्से : अमरपुर के ग्रामीण पूर्वजों की चलाई जा रही प्रथाओं को लेकर बेहद गंभीर है. ग्रामीणों का कहना है कि पूर्वजों द्वारा बनाए गए नियम से ही गांव में अप्रिय घटना रुकी हुई है. ग्रामीण अपने आने वाली पीढ़ियों को भी पूर्वजों द्वारा बनाए गए नियमों के बारे में बताते हैं. सालों से चली आ रही परंपरा ने गांव को एक अलग ही पहचान दे दी है.

होली के पहले ग्रामीण करते हैं बैठक: ग्रामीणों ने बताया कि होली के त्योहार से पहले गांव के सभी लोगों की बैठक होती है. बैठक में होली की तैयारी को लेकर चर्चा होने के बाद सभी लोग त्यौहार मनाते हैं. दिन में रंग गुलाल खेल कर फाग गीतों पर झूमने के बाद शाम को सब एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां खाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार होने वाली होली के दिन गांव में कोई होली नहीं खेलता. गांव के लोग भी सालों से चली आ रही इस परंपरा को बचाए रखना चाहते हैं.

गांव को महामारी से बचाने होली से पहले मुर्गी का होता है मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतुपर में श्रृंगार
भिलाई की महिलाएं फूल-फल और पत्तों से बना रहीं हर्बल गुलाल
अपनी राशि के अनुसार चुने रंगों से खेलें होली, चमकेगी किस्मत !
Last Updated : Mar 22, 2024, 11:25 AM IST
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