नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना अलग महत्व है. दिवाली और होली पर्व के बाद पड़ने वाली द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है. भाई दूज का पर्व भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह का प्रतीक माना जाता है. होली का त्योहार 25 मार्च को है. इस साल होली के बाद भाई दूज का पर्व 27 मार्च को मनाया जाएगा. अपने भाई की सलामती और लंबी उम्र के लिए इस दिन बहनें उन्हें टीका लगाकर यम से उसकी रक्षा करने की कामना करती हैं.
भाई दूज शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 26 मार्च को दोपहर 2 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन दूसरे दिन 27 मार्च को शाम 5 बजकर 6 मिनट पर होगा.
तिलक करने का शुभ मुहूर्त – 27 मार्च सुबह 10:54 से लेकर दोपहर 12:27 बजे तक
दोपहर का शुभ मुहूर्त – 27 मार्च दोपहर 03:31 से लेकर शाम 05:04 बजे तक
भाई दूज पर तिलक करने की विधि
- होली के अगले दिन भाई दूज पर बहने सुबह सवेरे उठकर आरती की थाली तैयार करें. आरती की थाली में रोली, दीपक, अक्षत, मिठाई, सुपारी, सूखा, गोला आदि रखें.
- भाई दूज पर भाई को भोजन के लिए निमंत्रित करें.
- सबसे पहले भगवान गणेश और भगवान विष्णु को तिलक करें. तिलक से पहले भाई को लकड़ी के पाट पर बैठाएं. ध्यान रखें कि भाई का मुख उत्तर पश्चिम दिशा की ओर हो.
- भाई को कुमकुम का टीका लगाएं और टीके पर चावल लगाएं. भाई की सीधे हाथ की कलाई पर कलावा बांधे और मिठाई खिलाएं.
- भाई दूज के दिन बहनें भाई की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें.
- भाई दूज के दिन भाई द्वारा अपनी बहन को उपहार देना बेहद शुभ माना गया है. बहन के घर से विदा होने के दौरान उपहार अवश्य भेंट करें.
- बहने इस दिन भाइयों को अपने हाथों से बना भोजन कर कर ही घर से विदा करें.
डिस्क्लेमर: खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंध विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद आवश्यक है.