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'होलिया में उड़े रे गुलाल मारे रे मांगेतरिया...' संग गायिका हिना कोमल ने जमाया रंग, देखें VIDEO - Holi 2024

हिना कोमल मौर्य (Hina Komal) ने अपनी टीम के साथ बेहतरीन प्रस्तुति देकर, होली के माहौल को पूरा रंगीन बना दिया. हिना ने अपने गीतों की शुरुआत चौताल से की जो आदि परंपरा में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 24, 2024, 1:53 PM IST

गायिका हिना कोमल मौर्या की प्रस्तुति पर संवाददाता मुकेश पांडेय की रिपोर्ट.

गोरखपुर: होली का पर्व सोमवार को पूरे देश में मनाया जाएगा. लेकिन, इसकी खुमारी लोगों में हफ्ता, दस दिन पहले से ही चढ़ती नजर आने लगती है. बाजार से लेकर मिठाई की दुकान, हर जगह होली का रंग और दिखने लगता है. इन सभी में अगर कोई वास्तविक रंग भरता है तो वह है गीत-संगीत.

चाहे वह भगवान कृष्ण और राम को लेकर गाया जाए या फिर भोजपुरी और हिंदी फिल्मों के. ऐसे गीतों के बिना यह त्योहार अधूरा लगता है. होली की मस्ती, होली का रंग, तभी लोगों पर पूरे सुरूर के साथ चढ़ता है, जब विभिन्न गीतों के साथ, ढोल-हारमोनियम की ताल पर गायक अपनी टीम के साथ राग छेड़ता है.

ईटीवी भारत ने ऐसे ही गीत संगीत से भरपूर एक आयोजन के माध्यम से, अपने दर्शकों- पाठकों को आनंदित करने का प्रयास किया है, जिसे गोरखपुर की जानी-मानी कलाकार हिना कोमल मौर्य ने अपनी टीम के साथ बेहतरीन प्रस्तुति देकर, होली के माहौल को पूरा रंगीन बना दिया.

हिना ने अपने गीतों की शुरुआत चौताल से की जो आदि परंपरा में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके साथ ही वह सुर बिखेरती जातीं और माहौल में भी रंग भरती जा रही थीं. वहीं भगवान भोलेनाथ को समर्पित ' खेलें मसाने में होली दिगंबर, खेलें मसाने में होली' जैसे गीत की भी उन्होंने शानदार प्रस्तुति दी.

इसके बाद 'होलिया में उड़े रे गुलाल मारे रे मांगेतरिया, रंग बरसे भीगे चुनरवाली, रंग बरसे, योगी जी वाह-योगी जी, नदी के तीरे- तीरे, प्रेम का रोग लगा हमको, कोई इसकी दवा हो तो बता हमको, समेत दर्जन भर गीतों की प्रस्तुति देकर पूरे माहौल को होलीमय बना दिया.

बाबा मुक्तेश्वर नाथ धाम के परिसर में ईटीवी भारत के साथ अपनी खास प्रस्तुति दे रही कोमल ने कहा कि, इस पर्व को सभी लोग हंसी-खुशी मिलजुल कर मनाएं. खूब रंग खेलें. लेकिन, हुड़दंग से बचें. उनकी टीम में शामिल दिव्या ने भी लोगों से ओवर ईटिंग न करने की गुजारिश की.

हिना कोमल गोरखपुर की जानी-मानी गायिका हैं. राष्ट्रीय गीतों का मंच हो, या फिर देशभक्ति, छठ पर्व का आयोजन, शहीदों के बलिदान दिवस के अवसर पर भी हिना के भावपूर्ण गीत लोगों को न सिर्फ झकझोर देते हैं, बल्कि उन्हें देश प्रेम, राष्ट्र प्रेम से भी जोड़ते हैं.

ये भी पढ़ेंः होलिका दहन का ये है सही समय, अगर बदलना है होली पर भाग्य तो जरूर कीजियेगा ये टोटके

गायिका हिना कोमल मौर्या की प्रस्तुति पर संवाददाता मुकेश पांडेय की रिपोर्ट.

गोरखपुर: होली का पर्व सोमवार को पूरे देश में मनाया जाएगा. लेकिन, इसकी खुमारी लोगों में हफ्ता, दस दिन पहले से ही चढ़ती नजर आने लगती है. बाजार से लेकर मिठाई की दुकान, हर जगह होली का रंग और दिखने लगता है. इन सभी में अगर कोई वास्तविक रंग भरता है तो वह है गीत-संगीत.

चाहे वह भगवान कृष्ण और राम को लेकर गाया जाए या फिर भोजपुरी और हिंदी फिल्मों के. ऐसे गीतों के बिना यह त्योहार अधूरा लगता है. होली की मस्ती, होली का रंग, तभी लोगों पर पूरे सुरूर के साथ चढ़ता है, जब विभिन्न गीतों के साथ, ढोल-हारमोनियम की ताल पर गायक अपनी टीम के साथ राग छेड़ता है.

ईटीवी भारत ने ऐसे ही गीत संगीत से भरपूर एक आयोजन के माध्यम से, अपने दर्शकों- पाठकों को आनंदित करने का प्रयास किया है, जिसे गोरखपुर की जानी-मानी कलाकार हिना कोमल मौर्य ने अपनी टीम के साथ बेहतरीन प्रस्तुति देकर, होली के माहौल को पूरा रंगीन बना दिया.

हिना ने अपने गीतों की शुरुआत चौताल से की जो आदि परंपरा में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके साथ ही वह सुर बिखेरती जातीं और माहौल में भी रंग भरती जा रही थीं. वहीं भगवान भोलेनाथ को समर्पित ' खेलें मसाने में होली दिगंबर, खेलें मसाने में होली' जैसे गीत की भी उन्होंने शानदार प्रस्तुति दी.

इसके बाद 'होलिया में उड़े रे गुलाल मारे रे मांगेतरिया, रंग बरसे भीगे चुनरवाली, रंग बरसे, योगी जी वाह-योगी जी, नदी के तीरे- तीरे, प्रेम का रोग लगा हमको, कोई इसकी दवा हो तो बता हमको, समेत दर्जन भर गीतों की प्रस्तुति देकर पूरे माहौल को होलीमय बना दिया.

बाबा मुक्तेश्वर नाथ धाम के परिसर में ईटीवी भारत के साथ अपनी खास प्रस्तुति दे रही कोमल ने कहा कि, इस पर्व को सभी लोग हंसी-खुशी मिलजुल कर मनाएं. खूब रंग खेलें. लेकिन, हुड़दंग से बचें. उनकी टीम में शामिल दिव्या ने भी लोगों से ओवर ईटिंग न करने की गुजारिश की.

हिना कोमल गोरखपुर की जानी-मानी गायिका हैं. राष्ट्रीय गीतों का मंच हो, या फिर देशभक्ति, छठ पर्व का आयोजन, शहीदों के बलिदान दिवस के अवसर पर भी हिना के भावपूर्ण गीत लोगों को न सिर्फ झकझोर देते हैं, बल्कि उन्हें देश प्रेम, राष्ट्र प्रेम से भी जोड़ते हैं.

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