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Holashtak 2024: आज से होलाष्टक शुरू, अगले 8 दिन तक भूल कर भी न करें ये काम, वरना होगा भारी नुकसान

Holashtak 2024: आज 17 मार्च से होलाष्टक शुरू हो गए हैं. इन होलाष्टक का 24 मार्च को समापन होगा. होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के धार्मिक और शुभ काम नहीं किए जाएंगे. जानें किन कामों को करने से बचें...

Holashtak 2024
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 17, 2024, 2:28 PM IST

Updated : Mar 17, 2024, 3:29 PM IST

कुल्लू: देशभर में आज, 17 मार्च से होलाष्टक शुरू हो रहा है. होलिका दहन से ठीक 8 दिन आज से होलाष्टक शुरू हो रहा है. इस दौरान धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. होलिका दहन तक सभी तरह के धार्मिक और शुभ कामों पर पूरी तरह से रोक लग जाती है. होलाष्टक के 8 दिनों तक लोग सभी प्रकार के शुभ धार्मिक कार्यों को करने से बचते हैं.

होलाष्टक के दौरान ना करें ये चीजें

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि सनातन शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के दौरान शादी, नामकरण, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि जैसे कई अनुष्ठानों पर रोक लग जाती है. वहीं, इस अवधि में यज्ञ और हवन भी नहीं करने चाहिए. इसके अलावा व्यापारियों को निवेश और नया व्यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए. आचार्य विजय कुमार ने बताया कि होलाष्टक के दौरान नया मकान, संपत्ति, गाड़ी की खरीदारी नहीं करनी चाहिए और ना ही किसी मकान का निर्माण कार्य शुरू करना चाहिए.

आज से होलाष्टक शुरू

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 16 मार्च को रात 9:39 मिनट पर होगा और 17 मार्च को सुबह 9:53 पर इसका समापन होगा. ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से लगेंगे और 24 मार्च को समाप्त होंगे. 25 मार्च को होली के बाद नए शुभ कार्य शुरू किए जा सकते हैं.

क्यों नहीं किया जाता होलाष्टक के दौरान शुभ काम?

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के समय सभी आठ ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है. इस दौरान शुभ कार्यों के लिए ग्रहों की स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती है. इन ग्रहों के उग्र होने से मनुष्य के कोई निर्णय लेने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है. ऐसे में मनुष्य अपने स्वभाव के विपरीत फैसला करता है. जिसके चलते जीवन में कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है.

होलाष्टक पर 8 ग्रहों का स्वभाव

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि होलाष्टक के पहले दिन चंद्रमा उग्र होते हैं. नवमी तिथि पर सूर्य, दशमी तिथि पर शनि, एकादशी तिथि पर शुक्र, द्वादशी तिथि पर बृहस्पति, त्रयोदशी तिथि पर बुध, चतुर्दशी तिथि पर मंगल और पूर्णिमा तिथि पर राहु ग्रह का स्वभाव उग्र रहता है.

ये भी पढ़ें: इन ज्योतिषीय कारणों से होलाष्टक के दौरान नहीं किए जाते शुभ-मांगलिक कार्य

ये भी पढ़ें: होली से पहले होलाष्टक, इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही, जानें इसके पीछे की वजह

कुल्लू: देशभर में आज, 17 मार्च से होलाष्टक शुरू हो रहा है. होलिका दहन से ठीक 8 दिन आज से होलाष्टक शुरू हो रहा है. इस दौरान धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. होलिका दहन तक सभी तरह के धार्मिक और शुभ कामों पर पूरी तरह से रोक लग जाती है. होलाष्टक के 8 दिनों तक लोग सभी प्रकार के शुभ धार्मिक कार्यों को करने से बचते हैं.

होलाष्टक के दौरान ना करें ये चीजें

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि सनातन शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के दौरान शादी, नामकरण, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि जैसे कई अनुष्ठानों पर रोक लग जाती है. वहीं, इस अवधि में यज्ञ और हवन भी नहीं करने चाहिए. इसके अलावा व्यापारियों को निवेश और नया व्यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए. आचार्य विजय कुमार ने बताया कि होलाष्टक के दौरान नया मकान, संपत्ति, गाड़ी की खरीदारी नहीं करनी चाहिए और ना ही किसी मकान का निर्माण कार्य शुरू करना चाहिए.

आज से होलाष्टक शुरू

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 16 मार्च को रात 9:39 मिनट पर होगा और 17 मार्च को सुबह 9:53 पर इसका समापन होगा. ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से लगेंगे और 24 मार्च को समाप्त होंगे. 25 मार्च को होली के बाद नए शुभ कार्य शुरू किए जा सकते हैं.

क्यों नहीं किया जाता होलाष्टक के दौरान शुभ काम?

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के समय सभी आठ ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है. इस दौरान शुभ कार्यों के लिए ग्रहों की स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती है. इन ग्रहों के उग्र होने से मनुष्य के कोई निर्णय लेने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है. ऐसे में मनुष्य अपने स्वभाव के विपरीत फैसला करता है. जिसके चलते जीवन में कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है.

होलाष्टक पर 8 ग्रहों का स्वभाव

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि होलाष्टक के पहले दिन चंद्रमा उग्र होते हैं. नवमी तिथि पर सूर्य, दशमी तिथि पर शनि, एकादशी तिथि पर शुक्र, द्वादशी तिथि पर बृहस्पति, त्रयोदशी तिथि पर बुध, चतुर्दशी तिथि पर मंगल और पूर्णिमा तिथि पर राहु ग्रह का स्वभाव उग्र रहता है.

ये भी पढ़ें: इन ज्योतिषीय कारणों से होलाष्टक के दौरान नहीं किए जाते शुभ-मांगलिक कार्य

ये भी पढ़ें: होली से पहले होलाष्टक, इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही, जानें इसके पीछे की वजह

Last Updated : Mar 17, 2024, 3:29 PM IST
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