आगरा: अभी तक आपने सुना होगा कि हिस्ट्रीशीटर को जेल भेजा जाता है सुधारने के लिए लेकिन आगरा के जिला जेल में ठीक इसका उल्टा देखने को मिला. यहां एक हिस्ट्रीशीटर को ना सिर्फ अतिथि बनाकर लाया गया बल्कि उसको सम्मानित भी किया गया. जब मामला तूल पकड़ा तो जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. आखिर, जिसे समाजसेवी समझा गया वो कमलानगर थाना हिस्ट्रीशीटर निकला. जेल डीआईजी पीएल पाण्डेय ने बताया कि, इस मामले की जांच की जा रही है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल आगरा जिला जेल में आयोजित हरियाली तीज और सुंदरकांड पाठ कार्यक्रम में हिस्ट्रीशीटर को अतिथि बनाने का मामला सामने आया है. जेल में हिस्ट्रीशीटर का जोरदार स्वागत किया गया. सोशल मीडिया पर शनिवार शाम आगरा जिला में हिस्ट्रीशीटर को दिए गए वीआईपी ट्रीटमेंट के फोटोज वायरल हुए. जिसमें आगरा जेल अधीक्षक और हिस्ट्रीशीटर की नजदीकियां बहुत कुछ बयां कर रही हैं.
बता दें कि, छह अगस्त को एक संस्था की ओर से आगरा जिला जेल में सुंदरकांड पाठ और हरियाली तीज का कार्यक्रम हुआ था. ये कार्यक्रम एक संस्था की ओर से किया गया था. कार्यक्रम के आयोजक पूर्व सीएम नवीन पटनायक की पार्टी से जुडे हुए हैं. इस कार्यक्रम के फोटोज अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जिससे जेल महकमा में खलबली मची हुई है.
सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं. वो कमलानगर थाना के हिस्ट्रीशीटर मनोज अग्रवाल की है. आगरा जिला जेल के हरियाली तीज में हिस्ट्रीशीटर मनोज अग्रवाल समाजसेवी बनकर गया था. उसे अथिति बनाया गया. तस्वीरों में जेल अधिकारी पटका पहनाकर हिस्ट्रीशीटर का स्वागत कर रहे हैं. कार्यक्रम में उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया. जेल अधीक्षक और जेल अधिकारियों ने हिस्ट्रीशीटर को स्मृति चिन्ह प्रदान किए.
जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा का कहना है कि, जिस संस्था ने सुंदरकांड पाठ कार्यक्रम की अनुमति ली थी. उसके पदाधिकारियों ने मनोज अग्रवाल जेल को समाजसेवी बताया था. मनोज अग्रवाल ने खुद को हिंदू संगठन का अध्यक्ष बताया. उसके बारे में जानकारी नहीं थी. इस वजह से ये गलती हुई है.
बता दें कि, मनोज अग्रवाल का कमला नगर थाना में हिस्ट्रीशीट संख्या 1 बी है. बृज विहार चौकी पर जो हिस्ट्रीशीटर्स का बोर्ड लगा है. उस पर मनोज अग्रवाल का 5वां नंबर है. मनोज के खिलाफ सन 2015 में गुड़िया बंसल ने जमीन के नकली कागज लगाकर बैंक आफ बड़ौदा से लोन लेने का आरोप लगाकर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे में मनोज के साथ सोनिया अग्रवाल, सतीश चंद भारद्वाज, और बैंक के कर्मचारियों को नामजद किया था. जिस पर वो जेल भी गया था.