रायपुर: बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों में भी बच्चों के लिए केयरटेकर रखने का चलन बढ़ गया है. आज एकल परिवार की वजह से बच्चों की देख-रेख करना माता पिता के लिए थोड़ी परेशानी का सबब बन गया है, क्योंकि आज के समय में मां-बाप दोनों सर्विस करते हैं. इस दौरान घर पर बच्चा अकेला होता है. इसलिए मां-बाप बच्चों की देखभाल के लिए केयरटेकर रख रहे हैं, लेकिन केयरटेकर रखने का बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन शैली पर प्रभाव पड़ता है. इस दौरान मां-बाप को कई बातों का ख्याल रखना चाहिए. बच्चों के लिए केयरटेकर रखने के पहले कुछ खास बातों का ख्याल रखना जरूरी है. नहीं तो उसका खामियाजा बच्चों सहित मां-बाप को भी उठाना पड़ सकता है.
केयरटेकर के मेडिकल फिटनेस की जरूर कराए जांच: इस विषय में ईटीवी भारत ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक भट्टर से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "कभी भी बच्चों के लिए केयरटेकर रखने के पहले केयरटेकर के मेडिकल फिटनेस की जरूर जांच करवा लें. उसे कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है? या फिर उसे स्किन सहित अन्य ऐसी बीमारी तो नहीं है? जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलती हो. क्योंकि यदि उसे यह बीमारी हुई तो स्वाभाविक है कि बच्चों में भी यह बीमारी हो सकती है.
केयरटेकर के बैकग्राउंड की जानकारी जरूरी: शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक भट्टर का कहना है कि, "यदि आप किसी को केयरटेकर रखते हो तो उसके बैकग्राउंड की जानकारी जरूर लें कि वह कहां से आता है? उसका परिवार कैसा है? उसका रहन-सहन, खान-पान कैसा है? इसके पहले उसने कहां काम किया है? क्योंकि आपका बच्चा दिन भर उसके साथ रहेगा. यदि उसकी रहन-सहन खान-पान सहित अन्य गतिविधियां ठीक नहीं रही, तो इसका असर आपके बच्चों पर भी पड़ेगा. केयरटेकर के स्वभाव पर विशेष ध्यान देना होगा कि वह केयरटेकर कैसा है? बच्चों के प्रति उसका व्यवहार कैसा है? केयरटेकर सहृदय वाला होना चाहिए क्योंकि इसका असर भी बच्चे पर पड़ेगा."
घर में सीसीटीवी जरूर लगाएं: डॉ अशोक भट्टर ने कहा कि, "यदि केयरटेकर रखते हैं, तो घर में सीसीटीवी जरूर लगाना चाहिए. खासकर उन जगहों पर जहां बच्चा ज्यादा समय व्यतीत करता है. जैसे हॉल, आंगन सहित अन्य कोई ऐसी जगह जहां उसका ज्यादा समय बीत रहा हो. साथ ही इसमें रिकॉर्ड गतिविधियों पर भी आपको ध्यान देना होगा कि केयरटेकर ने बच्चों को समय पर खाना-पीना दिया है या नहीं या फिर उसके साथ किस तरह का बर्ताव कर रहा है. यदि केयरटेकर के साथ रहने के बाद आपसे मिलने पर बच्चा खुश रहता है और उसे केयरटेकर की कमी महसूस होती है, तो समझ सकते हैं कि केयरटेकर आपके बच्चे का अच्छे से ख्याल रख रहा है. यदि बच्चों की गतिविधियां कुछ अलग लगती है, या फिर बच्चा डरा हुआ रहता है, तो आप समझ जाइए कि कहीं ना कहीं केयरटेकर के द्वारा बच्चे की देखे रेख ठीक से नहीं की जा रही है."
मां-बाप और परिवार के सदस्य की तरह कोई भी केयरटेकर बच्चों की देख रेख नहीं कर सकता है. नाना-नानी, दादी-दादी, चाचा-चाची, मौसी-मौसा जैसे परिवार के सदस्य जितना ध्यान बच्चे का रखते हैं, उतना ध्यान कोई और नहीं रख सकता है. आज के समय में लोग केयरटेकर के भरोसे बच्चों को छोड़ रहे हैं, ऐसे में उन्हें विशेष ध्यान रखना होगा. केयरटेकर रखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वह मोबाइल और टीवी का ज्यादा उपयोग न करता हो, नहीं तो इसकी वजह से वह बच्चे को ज्यादा ध्यान नहीं दे सकेगा. साथ ही बच्चों में भी मोबाइल और टीवी देखने की आदत बढ़ जाएगी, जो नुकसानदायक हो सकती है.-अशोक भट्टर, शिशु रोग विशेषज्ञ
बच्चों के खेलकूद पर दें ध्यान: शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार केयरटेकर ऐसा होना चाहिए जो बच्चों के साथ खेलकूद भी कर सके. उन्हें खेल-खेल में कुछ सीखा सके और उसका ध्यान रख सके. तब यह बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी काफी बेहतर होगा.