आगराः ताजमहल में बीते महीने शाहजहां का 369वां उर्स आयोजित कराने वाली कमेटी और एएसआई अधिकारियों के खिलाफ हिंदूवादियों ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए ताजगंज पुलिस को प्रार्थना पत्र सौंपा हैं. हिंदूवादियों का कहना है कि जिले में धारा 144 लागू होने के बाबजूद बिना अनुमति के उर्स मनाया गया.
ताजंगज थाने में दिया प्रार्थना पत्रः अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारियों ने बुधवार को थाना ताजगंज प्रभारी को प्रार्थना पत्र सौंपा. जिसमें ताजमहल में उर्स आयोजित कराने वाली एम्परर शाहजहां सेलिब्रेशन उर्स कमेटी और एएसआई अधीक्षक सहित कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है. संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने बताया कि 6 से लेकर 8 फरवरी तक ताजमहल के अंदर शाहजहां का उर्स मनाया गया था. इस कार्यक्रम के लिए पुलिस से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. वहीं पुरातत्व विभाग ने भी कोई लिखित अनुमति कमेटी को नहीं दी गयी. जबकि 2 फरवरी से जिले में प्रभावी तौर से धारा-144 लागू कर दी गयी थी. जिसका खुलासा सूचना का अधिकार से प्राप्त जवाब से हुआ है. जिसमे साफ शब्दों में लिखा है कि ताजमहल में उर्स कराने के लिए पुलिस से किसी भी तरह की कोई अनुमति नहीं ली गयी थी.
मुकदमा दर्ज नहीं करने पर कोर्ट में जाने की चेतावनीः संजय जाट ने कहा, शाहजहां के उर्स में ताजमहल के अंदर कई रश्म भी अदा की गई. जिसमे बेहिसाब भीड़ ताजमहल के अंदर दिखाई दी. जो सीधा-सीधा धारा-144 का उल्लंघन हैं. इसमे उर्स कराने वाली एम्परर शाहजहां सेलिब्रेशन उर्स कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आगरा सर्किल के अधीक्षक पुरातत्वविद और कर्मचारी दोषी हैं. इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाना ताजगंज में प्रार्थना पत्र दिया है. अगर पुलिस हमारी शिकायत पर दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करती तो कोर्ट की शरण लेंगे.
शाहजहां के उर्स के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायरः बता दें कि 2 फरवरी को अखिल भारत हिंदू महासभा के जिलाध्यक्ष सौरभ शर्मा और मीना दिवाकर ने जिला न्यायालय में वाद दायर कर शाहजहां उर्स सेलीब्रेशन कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहीम जैदी को प्रतिवादी बनाया था. कोर्ट से ताजमहल में हर साल आयोजित होने वाले उर्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. हिंदूवादी पक्ष के अधिवक्ता का तर्क था कि ताजमहल में उर्स आयोजित करने के लिए आज तक पुरातत्व विभाग की ओर से कोई अनुमति लिखित में नहीं दी गयी है. इसके बाबजूद उर्स कराने के लिए कमेटी के साथ पुरातत्व विभाग ही सारी तैयारियों का प्रबंध करता है, जो नियमविरुद्ध है. हिंदूवादियों ने उर्स के लिए कोई भी अनुमति न होने को अपने मुक़दमे में ठोस सबूत बनाकर कोर्ट के सामने पेश किया है. कोर्ट से ताजमहल में हर साल होने वाले उर्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
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