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ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर जूते-चप्पल की रैक रखने का हिंदू पक्ष ने किया विरोध, हटाने की मांग

ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर बिना किसी आदेश (barricading in Gyanvapi campus) के एक रैक जिसमें जूता चप्पल रखने को लेकर वादिनी पक्ष की महिलाओं ने एक लेटर देकर उसे तत्काल हटाए जाने की मांग की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 6, 2024, 4:58 PM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर बिना किसी आदेश के एक रैक जिसमें जूता चप्पल रखने का कार्य किया जा रहा है. इसको लेकर बुधवार को वादिनी पक्ष की महिलाओं ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी ज्ञानवापी परिक्षेत्र विश्वनाथ मंदिर को एक लेटर देकर उसे तत्काल हटाए जाने की मांग की है. यह रैक पिछले शुक्रवार को जुम्मा की नमाज के दौरान अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की तरफ से ले जाकर रखा गया था, जिसका विरोध हिंदू पक्ष कर रहा है.

1 मार्च को बाहर से लाकर रखा गया रैक : हिंदू पक्ष की तरफ से दी गई एप्लीकेशन में कहा गया है कि प्रार्थना मंजू व्यास और सीता साहू समेत लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक यह निवेदन करती हैं कि श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मुकदमे में हम सभी पक्षकार हैं और चूंकि हमारा मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है और उस पर सुनवाई की जा रही है. ज्ञानवापी परिसर एक विवादित परिसर है. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद विवादित परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की तरफ से बिना किसी आदेश एवं सहमति के जूता चप्पल रखने वाला रैक 1 मार्च को बाहर से लाकर रख दिया गया है. जिसकी 6 संख्या है.

मंदिर एवं मस्जिद का विवाद कोर्ट में लंबित : ज्ञानवापी परिसर विवादित होने के कारण मंदिर एवं मस्जिद का यह विवाद कोर्ट में लंबित है, इसलिए कोर्ट के आदेश के बिना किसी भी प्रकार का फेरबदल अंदर किया जाना गैरकानूनी है, क्योंकि उक्त परिसर में हिंदू और सनातन धर्म के करोड़ों लोगों की आस्थाएं जुड़ी हैं, इसलिए यह कार्य दोषपूर्ण है. ऐसे प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बिना कार्य नहीं होना चाहिए. इसलिए परिसर में तत्काल रखे गए इस रेट को हटाया जाए.

एप्लीकेशन भी कोर्ट में दायर : वहीं, जन उद्घोष सेवा संस्थान की तरफ से एक एप्लीकेशन भी कोर्ट में दायर की गई है, जिसमें व्यास जी के तहखाना के ऊपर छत पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के प्रवेश को रोक लगाने की मांग की गई है. नीचे के तहखाना की छत को कमजोर बताते हुए यह मांग की गई है. ऐसी एप्लीकेशन वाराणसी कोर्ट में पहले ही दो लोगों ने और भी दाखिल की है. इस मामले में 7 मार्च को सुनवाई होगी.

यह भी पढ़ें : व्यास जी के तहखाना की मरम्मत करने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल, कहा-जर्जर होने से पुजारियों को खतरा

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी पर टिप्पणी मामला; अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग पर नहीं हो सकी सुनवाई

वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर बिना किसी आदेश के एक रैक जिसमें जूता चप्पल रखने का कार्य किया जा रहा है. इसको लेकर बुधवार को वादिनी पक्ष की महिलाओं ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी ज्ञानवापी परिक्षेत्र विश्वनाथ मंदिर को एक लेटर देकर उसे तत्काल हटाए जाने की मांग की है. यह रैक पिछले शुक्रवार को जुम्मा की नमाज के दौरान अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की तरफ से ले जाकर रखा गया था, जिसका विरोध हिंदू पक्ष कर रहा है.

1 मार्च को बाहर से लाकर रखा गया रैक : हिंदू पक्ष की तरफ से दी गई एप्लीकेशन में कहा गया है कि प्रार्थना मंजू व्यास और सीता साहू समेत लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक यह निवेदन करती हैं कि श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मुकदमे में हम सभी पक्षकार हैं और चूंकि हमारा मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है और उस पर सुनवाई की जा रही है. ज्ञानवापी परिसर एक विवादित परिसर है. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद विवादित परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की तरफ से बिना किसी आदेश एवं सहमति के जूता चप्पल रखने वाला रैक 1 मार्च को बाहर से लाकर रख दिया गया है. जिसकी 6 संख्या है.

मंदिर एवं मस्जिद का विवाद कोर्ट में लंबित : ज्ञानवापी परिसर विवादित होने के कारण मंदिर एवं मस्जिद का यह विवाद कोर्ट में लंबित है, इसलिए कोर्ट के आदेश के बिना किसी भी प्रकार का फेरबदल अंदर किया जाना गैरकानूनी है, क्योंकि उक्त परिसर में हिंदू और सनातन धर्म के करोड़ों लोगों की आस्थाएं जुड़ी हैं, इसलिए यह कार्य दोषपूर्ण है. ऐसे प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बिना कार्य नहीं होना चाहिए. इसलिए परिसर में तत्काल रखे गए इस रेट को हटाया जाए.

एप्लीकेशन भी कोर्ट में दायर : वहीं, जन उद्घोष सेवा संस्थान की तरफ से एक एप्लीकेशन भी कोर्ट में दायर की गई है, जिसमें व्यास जी के तहखाना के ऊपर छत पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के प्रवेश को रोक लगाने की मांग की गई है. नीचे के तहखाना की छत को कमजोर बताते हुए यह मांग की गई है. ऐसी एप्लीकेशन वाराणसी कोर्ट में पहले ही दो लोगों ने और भी दाखिल की है. इस मामले में 7 मार्च को सुनवाई होगी.

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