नई दिल्ली: हिंदू राव अस्पताल अगस्त में हड़ताल में शामिल हुए रेजिडेंट डॉक्टरों का हड़ताल के दिनों का वेतन काटेगा. अस्पताल के अपर चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जारी किए गए इस आदेश ने अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट और डीएनबी डॉक्टरों के बीच हड़कंप मचा दिया है. इस आर्डर को देखने के बाद डॉक्टर गुस्से में हैं.
दरअसल, अपर चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि हिंदू राव अस्पताल के रेजीडेंट यानी सीनियर रेजिडेंट (एसआर), जूनियर रेजिडेंट (जेआर) और डीएनबी का अगस्त का वेतन इसी माह जारी किया जा सकता है. इसमें हड़ताल अवधि को छुट्टी के रूप में माना जाएगा, ऐसे में यदि कोई छुट्टी बकाया नहीं है तो उस अवधि के लिए वेतन काटा जाएगा. अगर इस मामले में निगम मुख्यालय से बिना छुट्टी काटे भुगतान करने का कोई निर्देश आता है तो बाद में काटे गए वेतन की पूर्ति की जाएगी.
तुगलकी फरमान जारी करना जायज नहीं: अस्पताल के सीनियर जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर और डीएनबी डॉक्टर का कहना है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में पूरे देश में डॉक्टरों ने हड़ताल की थी. यह हड़ताल 10 दिन से ज्यादा चली थी. इस हड़ताल में हम भी शामिल हुए थे. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए साफ निर्देश दिया था कि किसी भी डॉक्टर का कोई वेतन कोई छुट्टी नहीं काटी जाएगी. सभी को हड़ताल के दौरान ड्यूटी पर माना जाएगा. ऐसे में हिंदू राव अस्पताल प्रशासन द्वारा यह तुगलकी फरमान जारी करना बिल्कुल जायज नहीं है.
वहीं, अस्पताल के आरडीए अध्यक्ष डॉक्टर अक्षय ने कहा कि कल या परसों में हम आरडीए की बैठक करके इस मामले में चिकित्सा अधीक्षक और निगमायुक्त से मिलने को लेकर विचार विमर्श करेंगे. चिकित्सा अधीक्षक अगर बात नहीं सुनते हैं तो निगमायुक्त से इस आदेश को वापस लेने की अपील करेंगे. रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि एमसीडी के किसी भी अस्पताल द्वारा अभी तक इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, जबकि सिर्फ हिंदू राव अस्पताल प्रशासन इस मामले में इस तरह की हरकत करना चाहता है जो बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.
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