रांची: झारखंड जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दल मुखर होकर एक दूसरे को घेर रहे हैं. परिवर्तन यात्रा को लेकर खिजरी विधानसभा क्षेत्र के टाटीसिल्वे में आयोजित रैली में असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन को आड़े हाथों लिया.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 30, 2024
हिमंता बिस्वा सरमा ने सभा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा का कि उत्पाद सिपाही बहाली के दौरान कई नौजवानों की जान चली गई. हमने सिर्फ इतना कहा कि हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे दीजिए. लेकिन सीएम हेमंत सोरेन, झारखंड के लोगों के हित की बात करने के बजाय सिर्फ अपनी बात कर रहे हैं. दूसरी ओर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन अपने पति की बात कर रही हैं. ये मियां-बीबी सरकारी खर्चा में एक दूसरे की शूटिंग कर रहे हैं. दोनों को फिल्म "एक दूजे के लिए" नंबर 2 बना देना चाहिए. आपको बता दें कि 80 के दशक में साउथ स्टार कमल हसन और अभिनेत्री रति अग्निहोत्री की एक फिल्म आई थी "एक दूजे के लिए" जो सुपर डुपर हिट हुई थी.
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि एक बार झारखंड में भाजपा की सरकार बनने दीजिए. हम संथाल और कोल्हान में एनआरसी लेकर आएंगे. एक-एक बांग्लादेशी घुसपैठिए को कानूनी तरीके से मार के भगाएंगे. उन्होंने कहा कि संथाल में तेजी से आदिवासियों की संख्या घट रही है. दूसरी तरफ मुस्लिम की आबादी बढ़ रही है. यह कहां के मुसलमान हैं, मुसलमान की आबादी कैसे बढ़ गई. हाईकोर्ट बोला, घुसपैठियों को हटाओ. हेमंत बोलते हैं कि हमको घुसपैठिए दिखाई नहीं देते. "ये आपके दामाद हैं क्या", सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन ने युवाओं के साथ जो वादा खिलाफी की है, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. यहां परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होते हैं. अधिकार के लिए युवा सड़कों पर हैं. चुनाव बाद युवा इनको औकात दिखा देंगे.
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में उन्होंने जो भी वादे किए हैं, उन्हें पूरा कर रहे हैं. लेकिन यहां के मुख्यमंत्री यहां की जनता के साथ सिर्फ झूठ बोल रहे हैं. शादी पर ना किसी बेटी को सोने का सिक्का दिया और ना किसी महिला को 2000 रु चूल्हा खर्चा. अब मंईयां सम्मान के नाम पर 1000 रु देकर गुमराह कर रहे हैं. ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान चंपाई सोरेन के साथ हुए अपमान का भी जिक्र किया. खास बात है कि रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची थीं।. कार्यक्रम शुरू होने से पहले महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से असम के मुख्यमंत्री का स्वागत किया. उन्हें पत्ते से बनी टोपी पहनाई गई.
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