शिमला: हिमाचल प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में कुछ दिनों से मौसम साफ बना हुआ है. शिमला सहित मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में रविवार को धूप खिली है. अगले छह दिनों के लिए प्रदेश में बारिश की कोई संभावना नहीं है. 30 सितंबर से पांच अक्टूबर तक राज्य में मौसम पूरी तरह साफ रहने का अनुमान है.
मानसून के कमजोर पड़ने के बावजूद राज्य के चार जिलों की सड़कें अभी तक बहाल नहीं हो पाई हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक रविवार को 20 सड़कें भूस्खलन से बंद रहीं. कांगड़ा में 10 सड़कें बंद हैं, जबकि एक पुल क्षतिग्रस्त है. सिरमौर के पांवटा साहिब में 2 और शिलाई में तीन, मंडी के धर्मपुर में एक और सरकाघाट में 2 सड़कें बंद हैं. कुल्लू में दो सड़कें अभी तक बहाल नहीं हो पाई है. इसके अलावा 127 ट्रांसफार्मर अभी भी बंद हैं. चंबा के तीसा में एक, कुल्लू के मनाली और थलोट में एक-एक ट्रांसफार्मर अभी भी बंद है. सब डिवीजन स्पीति में अभी भी सबसे अधिक 124 ट्रांसफार्मर अभी भी ठप पड़े हैं.
ताबो में सबसे कम रहा तापमान
शिमला में रविवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री कम रहा. राजधानी में न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री, सुंदरनगर में 17.7 डिग्री, भुंतर में 18.5 डिग्री, कल्पा में 8.8 डिग्री, धर्मशाला में 17 डिग्री, ऊना में 20 डिग्री, नाहन में 20.2 डिग्री, केलंग में 6.7 डिग्री, पालमपुर में 16.5 डिग्री, सोलन में 17.2 डिग्री, मनाली में 12.5 डिग्री, कांगड़ा में 19.3 डिग्री, मंडी में 19.5 डिग्री, बिलासपुर में 21.5 डिग्री, चम्बा में 16.7 डिग्री, डल्हौजी में 11.9 डिग्री, जुब्बड़हट्टी में 16.9 डिग्री और कुकुमसेरी में 8.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है. सबसे कम तापमान स्पीति के ताबो में 5.2 डिग्री सेल्सियस रहा.
हिमाचल को 1360 करोड़ रुपये का नुकसान
हिमाचल में इस बार मानसून लंबे समय तक सक्रिय रहा. हालांकि इस बार सामान्य से कम हुई बरसात ने छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल को गहरे जख्म दिए हैं. प्रदेश में कम बारिश होने के बाद भी हिमाचल को 1360 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस साल मानसून की अब तक सामान्य से 18 फीसदी कम रेनफॉल हुआ है. प्रदेश में चंबा,लाहौल स्पीति, किन्नर ऊना व हमीरपुर में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. शिमला में मानसून में सबसे अधिक मेघ बरसे हैं. वहीं, सितंबर माह में ऊना, लाहौल स्पीति, चंबा में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है.
342 लोगों की गई जान
हिमाचल में सामान्य से कम बारिश के बाद भी 342 लोगों की दुखद मौत हुई है. नदी और नालों में पानी के तेज बहाव के साथ मलबा आने और भूस्खलन की वजह से 28 लोग लापता हुए हैं. मानसून सीजन में 535 लोग घायल हुए हैं. वहीं, 24 घंटे के भीतर अत्यधिक बारिश होने से 389 पशु अकाल मौत का ग्रास बने हैं. इस दौरान 81 पक्के भवनों को नुकसान पहुंचा है और 122 पक्के मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसी तरह से 162 कच्चे मकान पूरी तरह से बरसात की भेंट चढ़ गए हैं और 412 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.