शिमला: हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश बेरोजगार युवा संघ ने सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. सुबह से दोपहर बाद तक बेरोजगार युवा प्रदर्शन करते रहे. इसके अलावा हमीरपुर सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बेरोजगार युवकों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
हिमाचल प्रदेश बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. बालकृष्ण ने कहा, "वर्तमान की कांग्रेस सरकार में 2 सालों में अब तक 10 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा सरकार टायर्ड और रिटायर्ड कर्मचारियों को फिर से नियुक्त कर रही है. जबकि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने आउटसोर्स माध्यम से भर्तियां बंद करने का वादा किया था".
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वहीं, शिक्षित बेरोजगार संघ ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है. कैबिनेट से 6500 पद सृजित किए गए हैं, लेकिन उनको भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार के समक्ष 8 सूत्रीय मांग पत्र रखा. वहीं, बेरोजगार संघ ने दीपक सानन ने कमेटी द्वारा दिया गया ऑनलाइन एग्जाम का सुझाव हटाने की मांग रखी. बेरोजगार संघ ने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत पदों को जल्द भरने की मांग रखी.
वहीं, हमीरपुर के गांधी चौक पर बेरोजगार युवाओं ने सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर धरना प्रदर्शन किया. युवाओं ने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है. तब से न तो नौकरियां निकाली गई है और न ही भर्तियां हो पाई हैं. सरकार आउटसोर्स की भर्तियां बंद करें. हिमाचल में बेरोजगारी चरम सीमा पर पहुंच गई है. सुक्खू सरकार जल्द से जल्द प्रदेश के सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने का काम करे.
बेरोजगार युवा आशीष शर्मा ने कहा, "बेरोजगार युवाओं का आंदोलन सरकार द्वारा किए गए वादों के खिलाफ है. जिस तरह से सरकार ने भर्तियों को लेकर वादे किए थे, उस तरह से हिमाचल में कोई भर्ती नहीं की गई है. पिछले तीन सालों से किसी भी विभाग की नई भर्ती नहीं हुई है. वर्तमान सरकार सिर्फ विपक्ष सरकार को कोसने का काम कर रही है. हमारी यही मांग है कि जो वादे सरकार ने किए थे, उनका पूरा किया जाए. क्योंकि युवा वर्ग को सरकार से बहुत उम्मीदें हैं".
वहीं, शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष प्रिंस शर्मा ने कहा, "प्रदेश सरकार की मुख्य गारंटियों में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही गई थी. लेकिन अब तक सरकार ने उस पर कोई कदम नहीं उठाया. सरकार के राज्य चयन आयोग के गठन का फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन यह नाम मात्र ही है और अभी तक उनसे कोई भर्तियां नहीं की गई है. बेरोजगारी की दर प्रदेश में 2021 में साढ़े तीन दशमलव तीन प्रतिशत थी, जो अब चार दशमलव चार प्रतिशत हो गई है.
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