सराज: हिमाचल प्रदेश में इस बार लंबे समय तक ड्राई स्पेल रहा है. सराज में पिछले तीन माह से बारिश नहीं हुई थी. जिसके कारण खेत में तैयार पड़ी मटर, जौ, गंदम फसल बर्बाद होने की कगार पर आ गई थी तो वहीं, सेब के बगीचों में सूखा पड़ गया था. ऐसे में मंगलवार रात और बुधवार सुबह मैदानी इलाकों में जहां जमकर बारिश हुई. वहीं, सराज की सभी ऊंची चोटियां बर्फ से ढकी हुई नजर आई.
इन इलाकों में हुई बर्फबारी: भारी बर्फबारी के चलते सराज के ऊंचाई वाले इलाकों में लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. समूचे सराज में बिजली, पेयजल, यातायात प्रभावित हुआ है. मंडी जिले में शिकारी देवी, कमरुनाग, तुंगासीगढ़, नारायणगढ़, जंजैहली, छतरी, मगरुगला, गाड़ागुशैणी, शैटाधार, देवीदहढ़, थुनाग और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में भी रूक-रूक बर्फबारी हुई है. वहीं, कई गांवों में बिजली गुल रही, जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.
फसलों के लिए संजीवनी: सराज में मंगलवार शाम से ही काले बादल आसमान में छा गए. रात के समय जैसे ही बूंदाबांदी शुरू हुई किसानों-बागवानों के चेहरे खिल उठे. किसानों का कहना है कि इस बारिश से मटर की फसल को संजीवनी मिली है. मटर, जौ और गंदम फसल सूखने की कगार पर थी. बुधवार को हुई बारिश और बर्फबारी इन फसलों के लिए वरदान का काम करेगी. किसानों को उम्मीद है कि अब उन्हें फसलों की अच्छी पैदावार मिलेगी.
प्रगतिशील किसान चमन ठाकुर, शिव दयाल, राम सिंह, रेवत राम, जगेसर सिंह, बबलू शर्मा, ज्योति प्रकाश का कहना है कि बारिश होने से सूख रही फसलों को राहत मिली है. अगर कुछ दिन और बारिश नहीं होती तो खेत में लगी सारी फसलें बर्बाद हो जाती. बारिश बर्फबारी के बाद किसानों बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं. किसानों बागवानों को उम्मीद है कि बारिश बर्फबारी होने के चलते उनकी फसलें बर्बाद होने से बच जाएंगी.
बर्फबारी से यातायात प्रभावित: वहीं, सराज विधानसभा क्षेत्र में इस साल की पहली बर्फबारी के कारण कल्हणी, सराची, चिऊणी, चेत सहित चार से पांच रूटों पर बसें नहीं चल पाई. एक ओर जहां मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट दे दिया था. उसके बाबजूद भी बसें मुख्य सड़क तक नहीं निकल पाई, जिसके कारण सराज के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.